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Fact Check: बांग्लादेश में हिंदू महिला को पीटने की घटना सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल, पढ़ें पड़ताल
फैक्ट चेक डेस्क, अमर उजाला
Published by: संध्या
Updated Tue, 25 Mar 2025 06:05 PM IST
सार
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें बांग्लादेश में एक हिंदू महिला को पीटे जाने का दावा किया जा रहा है।
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फैक्ट चेक
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है। वीडियो बांग्लादेश का बताया जा रहा है। इस वीडियो में कुछ पुरुषों की भीड़ एक महिला को परेशान करती हुई नजर आ रही है।
क्या है दावा
इस वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में बांग्लादेशी हिन्दू महिलाओं की यह स्थिति है। इस वीडियो के सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
फ्रंटलफोर्स (@FrontalForce) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं की स्थिति” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
Kisna.ramilaben (@Kisna179) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “बांग्लादेश में बांग्लादेशी हिंदू महिलाओं की यह हालत है।”(पोस्ट का आर्काइव लिंक)
वायरल वीडियो (@The_viralvideo_) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “इस्लामिक देश बांग्लादेश में हिंदू महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें कई अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट पर यह वीडियो देखने को मिला। हमें बांग्लादेश के पत्रकार सलाह उद्दीन शोएब चौधरी के एक्स अकाउंट पर यह वीडियो देखने को मिला। इस वीडियो को पोस्ट करके बताया गया था कि अवामी लीग के युवा मोर्चे की महिला नेता को मोहम्मद यूनुस के इस्लामी-जिहादी गिरोह ने ढाका में हिरासत में ले लिया, जिसे बाद में "भारतीय एजेंट" बताकर पुलिस को सौंप दिया गया।”
आगे हमने इस कैप्शन की मदद लेते हुए कीवर्ड से सर्च करने की कोशिश की। यहां हमें बांग्लादेश की समाचार वेबसाइट डाका ट्रिब्यून पर इससे जुड़ी एक खबर देखने को मिला। यहां वायरल वीडियो में दिख रही महिला नजर आ रही थी। इस खबर में बताया गया था कि ढाका के धानमंडी 27 क्षेत्र में अवामी लीग के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के जुलूस से युवा महिला लीग की एक महिला नेता सहित तीन व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।
इन लोगों ने सड़क पर जुलूस निकाला था। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई अवामी लीग नेता और कार्यकर्ता धानमंडी 27 के पास एक गली से सड़कों पर उतर आए। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनका पीछा किया और तीन लोगों को पकड़ लिया, जिनकी पिटाई करने के बाद उन्हें मोहम्मदपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस का मुताबिक हिरासत में लिए गए व्यक्तियों में युवा महिला लीग के केंद्रीय सदस्य 35 वर्षीय लाबोनी, स्थानीय अवामी लीग के कार्यकर्ता 45 वर्षीय सिराजुल और 30 वर्षीय राजू शामिल हैं।
जांच में आगे बढ़ने पर हमें बांग्लादेश प्रतिदिन नाम से एक यूट्यूब चैनल देखने को मिला। इस चैनल पर वायरल हो रहे वीडियो को पोस्ट किया गया था। यह बांग्लादेश का एक समाचार पत्र है। इस वीडियो को पोस्ट करके कैप्शन लिखा गया था “धानमंडी में अवामी लीग के बंद के दौरान लोगों ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस को सूचना दी।”
पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि वीडियो में दिख रही महिला आवामी लीग की नेता है। मारपीट और हमला करना राजनीतिक कारणों से प्रेरित था। इस घटना में किसी भी सांप्रदायिक एंगल के होने की जानकारी नहीं मिलती है।
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क्या है दावा
इस वीडियो को शेयर करके दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश में बांग्लादेशी हिन्दू महिलाओं की यह स्थिति है। इस वीडियो के सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।
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फ्रंटलफोर्स (@FrontalForce) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “बांग्लादेश में हिंदू महिलाओं की स्थिति” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
Condition of Hindu women in Bangladesh pic.twitter.com/eC8EQ9OXeL
— Frontalforce 🇮🇳 (@FrontalForce) March 22, 2025
Kisna.ramilaben (@Kisna179) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “बांग्लादेश में बांग्लादेशी हिंदू महिलाओं की यह हालत है।”(पोस्ट का आर्काइव लिंक)
This is the Condition of Bangladeshi Hindu women in Bangladesh.#HindusInBangladesh #BangladeshiHindus pic.twitter.com/MXzOSVMLU1
— Kisna.ramilaben 🐦 (@Kisna179) March 22, 2025
वायरल वीडियो (@The_viralvideo_) नाम के एक एक्स यूजर ने लिखा “इस्लामिक देश बांग्लादेश में हिंदू महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं।” (पोस्ट का आर्काइव लिंक)
Hindu women are not safe in the Islamic country of Bangladesh. pic.twitter.com/gXI0dKkAWI
— The Viral Videos (@The_viralvideo_) March 22, 2025
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम्स को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। यहां हमें कई अलग-अलग सोशल मीडिया अकाउंट पर यह वीडियो देखने को मिला। हमें बांग्लादेश के पत्रकार सलाह उद्दीन शोएब चौधरी के एक्स अकाउंट पर यह वीडियो देखने को मिला। इस वीडियो को पोस्ट करके बताया गया था कि अवामी लीग के युवा मोर्चे की महिला नेता को मोहम्मद यूनुस के इस्लामी-जिहादी गिरोह ने ढाका में हिरासत में ले लिया, जिसे बाद में "भारतीय एजेंट" बताकर पुलिस को सौंप दिया गया।”
आगे हमने इस कैप्शन की मदद लेते हुए कीवर्ड से सर्च करने की कोशिश की। यहां हमें बांग्लादेश की समाचार वेबसाइट डाका ट्रिब्यून पर इससे जुड़ी एक खबर देखने को मिला। यहां वायरल वीडियो में दिख रही महिला नजर आ रही थी। इस खबर में बताया गया था कि ढाका के धानमंडी 27 क्षेत्र में अवामी लीग के नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के जुलूस से युवा महिला लीग की एक महिला नेता सहित तीन व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया है।
इन लोगों ने सड़क पर जुलूस निकाला था। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई अवामी लीग नेता और कार्यकर्ता धानमंडी 27 के पास एक गली से सड़कों पर उतर आए। उन्होंने बताया कि इस दौरान स्थानीय लोगों ने उनका पीछा किया और तीन लोगों को पकड़ लिया, जिनकी पिटाई करने के बाद उन्हें मोहम्मदपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
पुलिस का मुताबिक हिरासत में लिए गए व्यक्तियों में युवा महिला लीग के केंद्रीय सदस्य 35 वर्षीय लाबोनी, स्थानीय अवामी लीग के कार्यकर्ता 45 वर्षीय सिराजुल और 30 वर्षीय राजू शामिल हैं।
जांच में आगे बढ़ने पर हमें बांग्लादेश प्रतिदिन नाम से एक यूट्यूब चैनल देखने को मिला। इस चैनल पर वायरल हो रहे वीडियो को पोस्ट किया गया था। यह बांग्लादेश का एक समाचार पत्र है। इस वीडियो को पोस्ट करके कैप्शन लिखा गया था “धानमंडी में अवामी लीग के बंद के दौरान लोगों ने तीन लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस को सूचना दी।”
पड़ताल का नतीजा
हमारी पड़ताल में यह साफ है कि वीडियो में दिख रही महिला आवामी लीग की नेता है। मारपीट और हमला करना राजनीतिक कारणों से प्रेरित था। इस घटना में किसी भी सांप्रदायिक एंगल के होने की जानकारी नहीं मिलती है।