Fact Check: भ्रामक है कान में फुसफुसाने पर किम जोंग का अपने अधिकारी को मौत की सजा देने का दावा, पढ़ें पड़ताल
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि किम जोंग ने अपनी बेटी के कान में फुसफुसाने के कारण से अपने अधिकारी को मौत की सजा दे दी। हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को गलत पाया है।
विस्तार
सोशन मीडिया पर इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन के साथ एक लड़की बैठती नजर आ रही है। इसके बाद से एक अधिकारी आकर बैठती हुए लड़की के कान में कुछ बोलता है। वीडियो के अगले हिस्से में किम जोंग के साथ एक आदमी नजर आता है। फिर अचानक वह आदमी एक गड्डे में गिर जाता है। वीडियो के शेयर कर दावा किया जा रहा है किम जोंग ने कान में फुसफुसाने के कारण अपने अधिकारी को सजा दे दी।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने अपनी पड़ताल में पाया कि दो अलग-अलग वीडियो को एक साथ मिलाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इसके साथ ही वीडियो के आखिरी हिस्से के साथ छेड़छाड़ की गई है।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है किम जोंग ने कान में फुसफुसाने के कारण अपने अधिकारी को मौत की सजा दे दी।
अंकित (@AnkitDh38719078) नाम के एक्स यूजर ने लिखा, “सिर्फ फुसफुसाहट करने पर मौत की सजा ...! और हमारे यहां रेपिस्ट मर्डरर चोरों डकैतों का फूल हार से स्वागत किया जाता है, बड़े बड़े पदों पर बैठाया जाता है, मंत्री बना दिया जाता है।” पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।

इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें सैंड की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 20 अक्तूबर 2025 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में हमें वायरल वीडियो के पहले हिस्से की तस्वीर देखने को मिली। तस्वीर को शेयर कर बताया गया है कि उत्तर कोरियाई शासन की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर 8 सितम्बर की रात्रि को सैन्य परेड आयोजित की गई। इस दौरान सैन्य मामलों के विभाग प्रमुख पाक जोंग-चोन को सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन और उनके बगल में बैठे किम जू-ए के सामने घुटने टेकते और फुसफुसाते हुए देखा गया।
आगे की पड़ताल में कोरिया जोंगंग डेल कि रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 4 जनवरी 2024 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में हमें वायरल वीडियो की क्लिप देखने को मिली। इसके साथ ही बताया गया है कि किम जू-ए पिछले साल सितंबर में प्योंगयांग में एक सैन्य परेड के दौरान अपने पिता और उत्तर कोरिया के वर्तमान नेता किम जोंग-उन के बगल में बैठी हैं।
इसके बाद हमने वीडियो के दूसरे हिस्से की पड़ताल की इस दौरान हमें एसोसिएट प्रेस की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 27 अप्रैल 2018 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने शुक्रवार को दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून-जे-इन के साथ ऐतिहासिक वार्ता के लिए असैन्यीकृत क्षेत्र (डीएमजेड) के पनमुनजोम में सैन्य सीमांकन रेखा को पैदल पार किया।
इसके बाद हमें इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 27 अप्रैल 2018 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में हमें वीडियो के दूसरे हिस्से की क्लिप देखने को मिला। इसके साथ ही बताया गया है कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन ने दुनिया की सबसे भारी हथियारों से लैस सीमा के दक्षिणी हिस्से में अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन से मुलाकात करके इतिहास रच दिया है। 1953 में कोरियाई युद्ध की समाप्ति और दुनिया के आखिरी शीत युद्ध गतिरोध को सुलझाने की नवीनतम कोशिश के बाद यह पहली बार है जब किम वंश के किसी सदस्य ने दक्षिणी धरती पर कदम रखा है।
इसके बाद हमने वीडियो को ध्यान से देखा वीडियो में कई विसंगतियां दिखाई दीं। इन विसंगतियों देखने के बाद हमें वीडियो का एआई से बने होने का संदेह हुआ। हमने एआई से बने होने की पड़ताल के लिए कैन्टिलक्स एआई डिटेक्शन टूल का इस्तेमाल किया। इस टूल से जांच करने से पता चला कि वीडियो के साथ एआई के मदद से छेड़छाड़ कर बना गया है। टूल ने वीडियो की कई पैमाने पर जांच की। टूल ने वीडियो का पैटर्न विश्लेषण, बनावट और आर्टिफैक्ट डिटेक्शन की जांच की। सभी जांच के बाद टूल ने वीडियो को एआई से बना बताया।
यहां से हमें पता चला की वायरल वीडियो के दो अलग-अलग हिस्सों को जोड़कर शेयर किया जा रहा है। इसके साथ ही वीडियो में एआई के माध्यम से छेड़छाड़ की गई है।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को भ्रामक पाया है।