Fact Check: फर्जी है ऑपरेशन सिंदूर में राफेल गिरने का एस जयशंकर का बयान, वीडियो में एआई से की गई छेड़छाड़
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अमेरिका में एस जयशंकर ने पाकिस्तान के द्वारा भारत के तीन राफेल मार गिराने की बात कही है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा गलत साबित हुआ है। वायरल हो रहा वीडियो एआई से बनाया गया है।
विस्तार
विदेश मंत्री एस जयशंकर 30 जून से दो जुलाई तक अमेरिका के दौरे पर थे। वहां वह क्वाड देशों की बैठक में शामिल होने के लिए गए थे। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एस जयशंकर मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि अमेरिका में एस जयशंकर ने माना है कि मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चले संघर्ष में पाकिस्तान ने भारत के तीन राफेल मार गिराए थे।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया है वायरल दावा एआई जनरेटेड है। विदेश मंत्री ने अमेरिका में पाकिस्तान की ओर से तीन राफेल मार गिराने की बात नहीं कही है। इसके साथ ही असली वीडियो मेंं छड़ेछाड़ करके वीडियो को शेयर किया जा रहा है।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा विदेश मंत्री जयशंकर ने माना है कि पाकिस्तान ने भारत के तीन राफेल को ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मार गिराया है।

इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें न्यूजवीक नाम के यूट्यूब चैनल पर पूरा वीडियो देखने को मिला। यह वीडियो 1 जुलाई 2025 को प्रकाशित किया गया है। वीडियो में 42.29 मिनट पर विदेश मंत्री ने मीडिया के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं उस कमरे में था, जब उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने 9 मई की रात को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी और कहा था कि अगर हमने कुछ बातें नहीं मानीं तो पाकिस्तान भारत पर बहुत बड़ा हमला करेगा। प्रधानमंत्री पाकिस्तान की धमकियों को लेकर स्पष्ट थे। उन्होंने साफ कहा कि हमारी ओर से जवाब दिया जाएगा। हम गोली का जवाब गोले से देंगे। फिर रात में पाकिस्तानियों ने बड़े पैमाने पर हमला किया, हमने उसके बाद बहुत तेजी से और जोरदार जवाब दिया। अगली सुबह विदेश सचिव मार्को रुबियो ने मुझे फोन किया और कहा कि पाकिस्तानी बातचीत के लिए तैयार है। इसलिए मैं आपको केवल अपने व्यक्तिगत अनुभव से बता सकता हूं कि क्या हुआ। बाकी मैं आप पर छोड़ता हूं।
इसके बाद हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा। हमें वीडियो में कुछ विसंगतियां दिखाई दी, जिससे वीडियो का एआई होने के बारे में संदेह हुआ। इसके बाद हमने एआई डिटेक्शन टूल कैन्टिलक्स का इस्तेमाल किया। इस टूल से जांच करने से पता चला कि वीडियो को एआई के माध्यम से बनाया गया है। टूल ने वीडियो की कई पैमाने पर जांच की। टूल ने वीडियो का पैटर्न विश्लेषण, बनावट और आर्टिफैक्ट डिटेक्शन की जांच की। सभी जांच के बाद टूल ने वीडियो को एआई से बने होने की संभवना को काफी अधिक बताया है।
आगे की पड़ताल में हमें एक्स पर सरकार की नोडल एजेंसी पीआईबी फैक्ट चेक हैंडल का पोस्ट मिला। पीआईबी ने वायरल दावे का फैक्ट चैक कर वायरल वीडियो को एआई से बनने की संभावना जताई है।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को एआई जनरेटेड पाया है।