Fact Check: सपा कार्यकर्ताओं की चार साल पहले की पिटाई के वीडियो को भ्रामक दावे के साथ किया जा रहा शेयर
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश को कुछ लोग नेपाल बनाना चाहते थे। इसके कारण पुलिस ने उनकी पिटाई की है। हमने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है।

विस्तार
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक सफेद कुर्ता पहने व्यक्ति को पुलिस पीटती नजर आ रही है। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि कुछ लोग उत्तर प्रदेश को नेपाल बनाना चाहते हैं, इसलिए पुलिस उनकी पिटाई कर रही है।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो 2021 का है, जिसे हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यूपी को कुछ लोग नेपाल बनाना चाहते हैं, इसलिए पुलिस ने उनकी पिटाई की है।
मनोज श्रीवास्तव (@ManojSr60583090) नाम के एक्स यूजर ने लिखा “लाल टोपी चले थे नेपाल बनाने क्या हश्र हुआ खुद देख लीजिए।“ पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।
इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
इस दावे की पड़ताल करने के लिए हमने सबसे पहले वीडियो के कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान एबीपी न्यूज की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 3 जुलाई 2021 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश से जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के नतीजे सामने आ रहे हैं। इस बीच प्रयागराज से पुलिस के साथ झड़प की खबर सामने आया है। बताया जा रहा है कि नतीजे आने के बाद सपा कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर कुर्सियां फेंकी है। वहीं पुलिस ने भी जमकर लाठीचार्ज किया।
इसके बाद हमें समाजवादी पार्टी की एक्स हैंडल पर एक पोस्ट मिला। इसमें हमें वायरल वीडियो मिला। यह पोस्ट 3 जुलाई 2021 को प्रकाशित किया गया था। इसमें लिखा गया है “प्रयागराज में मुख्यमंत्री के आदेश पर सपा कार्यकर्ताओं पर पुलिस का बर्बर लाठीचार्ज घोर निंदनीय! सत्ता के दमन से मिली जीत का खोखला जश्न ज्यादा दिन तक न चल पाएगा। प्रदेश का युवा, किसान, महिलाएं, बेटियां 2022 में सपा सरकार बनाएंगे।”
आगे की पड़ताल में हमें एनडीटीवी की एक रिपोर्ट मिली। यह रिपोर्ट 3 जुलाई 2021 को प्रकाशित की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि सपा ने शनिवार को आरोप लगाया कि जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के बाद मतगणना के दौरान यहां पंचायत भवन के पास पुलिस ने पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं पर बल प्रयोग किया।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि वायरल वीडियो चार साल पुराना है। इसका नेपाल से कोई संबंध नहीं है।