Fact Check: एआई से बना है बांग्लादेश के बाजार में बाघ की बिक्री का वीडियो, पड़ताल में जानें पूरा सच
Fact Check: सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बांग्लादेश के बागेरहाट स्थित बाजार में बाघ की बिक्री होती है। हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को एआई से जनरेटेड पाया है।
विस्तार
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में एक ब्लॉगर एक बाजार का ब्लॉग बनाता हुए नजर आ रहा है। इसके साथ ही कुछ लोग बाघ के साथ नजर आ रहे हैं। वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह बाजार बांग्लादेश के बागेरहाट में स्थित है। इसके साथ ही यहां पर रॉयल बंगाल टाइगर बेचे जाते हैं।
अमर उजाला ने अपनी पड़ताल में वायरल दावे को गलत पाया है। हमने पाया कि वायरल वीडियो एआई जनरेटेड हैं।
क्या है दावा
सोशल मीडिया पर एक बाजार का वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि इस बाजार में बाघों की बिक्री होती है।
कैलाश बौद्ध माम के एक फेसबुक यूजर ने लिखा “मैंने अब तक सभी बाजार देखे हैं, लेकिन ऐसा बाजार मैंने पहली बार देखा है।” पोस्ट का लिंक आप यहां और आर्काइव लिंक यहां देख सकते हैं।
इसी तरह के कई अन्य दावों के लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं। इनके आर्काइव लिंक आप यहां और यहां देख सकते हैं।
पड़ताल
दावे की पड़ताल करने के लिए हमने इससे जुड़े कीवर्ड से सर्च किया। इस दौरान हमें इस वीडियो से जुड़ी कोई विश्वसनीय रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमने वीडियो को कीफ्रेम को गूगल रिवर्स इमेज पर सर्च किया। इस दौरान हमें अब्दुल्ला अल मामुन नाम के फेसबुक अकाउंट पर वायरल पोस्ट मिली। इस पोस्ट 30 जून को साझा की गई है। पोस्ट में बताया गया है कि मैं बाघ खरीदने बागेरहाट आया था। इस एआई बाघ बाजार में आपको कम दामों पर खूबसूरत बाघ मिल सकते हैं।
इसके बाद से हमने वीडियो को ध्यान से देखा, तो हमें वीडियो में कुछ विसंगतियां दिखाई दीं, जो असल वीडियो में देखने को आमतौर पर नहीं मिलती है। इसके बाद हमने वीडियो को एआई इमेज डिटेक्शन टूल से सर्च किया। एआई डिटेक्टर टूल हाइव मॉडरेशन पर वीडियो को 65.6 फिसदी एआई से बने होने की संभावना जताई।
आगे हमने इस वीडियो की पड़ताल करने के लिए कैन्टिलक्स टूल का इस्तेमाल किया। यह एक एआई डिटेक्शन टूल है। इस टूल से जांच करने से पता चला कि वीडियो को एआई के माध्यम से बनाया गया है। टूल ने वीडियो की कई पैमाने पर जांच की। टूल ने वीडियो का पैटर्न विश्लेषण, बनावट और आर्टिफैक्ट डिटेक्शन की जांच की। सभी जांच के बाद टूल वीडियो को एआई से बना बताया।
पड़ताल का नतीजा
हमने अपनी पड़ताल में वायरल वीडियो को एआई से जनरेटेड पाया है।