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Haryana: वीआईपी नंबर के लिए बोली लगाकर पीछे हटना शख्स को पड़ा भारी, मंत्री विज ने दिए जांच के आदेश
संवाद न्यूज एजेंसी, अंबाला
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Wed, 03 Dec 2025 02:49 PM IST
सार
परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि मैंने परिवहन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जिस व्यक्ति ने यह बोली लगाई, उसकी संपत्ति और आय की पूरी जांच करवाई जाए।
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अनिल विज, परिवहन मंत्री
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
हरियाणा के परिवहन मंत्री अनिल विज ने कहा कि राज्य में हाल ही में एचआर-88 बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी के दौरान किसी व्यक्ति ने 1.17 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। लेकिन बोली लगाने के बाद उस व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा राशि जब्त होने दी, इसलिए इस संबंध में उस व्यक्ति की संपत्ति और आय की जांच करवाई जाएगी और देखा जाएगा कि वास्तव में उस व्यक्ति की आर्थिक क्षमता 1.17 करोड़ रुपये की बोली लगाने की है या नहीं।
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मीडिया कर्मियों से बातचीत करते हुए मंत्री अनिल विज ने बताया कि राज्य में फैंसी और वीवीआईपी वाहन नंबर नीलामी प्रणाली से आवंटित किए जाते हैं और कई लोग बड़ी-बड़ी बोलियां लगाकर इन नंबरों को खरीदने की कोशिश करते हैं। यह न केवल प्रतिष्ठा का विषय होता है, बल्कि सरकार की राजस्व वृद्धि में भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में एचआर 88 बी 8888 नंबर के लिए ऑनलाइन नीलामी के दौरान किसी व्यक्ति ने 1.17 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। लेकिन बोली लगाने के बाद उस व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा राशि जब्त होने दी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बोली लगाना सिर्फ शौक बनता जा रहा है, न कि जिम्मेदारी।
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व्यक्ति की आय और संपत्ति की होगी जांच
परिवहन मंत्री ने कहा कि मैंने परिवहन अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि जिस व्यक्ति ने यह बोली लगाई, उसकी संपत्ति और आय की पूरी जांच करवाई जाए। यह देखा जाए कि वास्तव में उस व्यक्ति की आर्थिक क्षमता 1.17 करोड़ रुपये की बोली लगाने की है भी या नहीं। उन्होंने आगे बताया कि इस संबंध में आयकर विभाग को भी पत्र भेजकर विस्तृत जांच के लिए कहा जा रहा है, ताकि भविष्य में कोई भी व्यक्ति गलत जानकारी या बिना आर्थिक क्षमता के बोली न लगा सके।
ये है मामला
गौरतलब है कि गत दिनों चरखी दादरी के बाढ़ड़ा उपमंडल के HR-88B-8888 नंबर के लिए ऑनलाइन ऑक्शन हुई थी। इस नंबर की नीलामी 1.17 करोड़ रुपये तक हुई थी और हिसार के एक व्यक्ति ने यह बोली लगाई थी। इसके लिए 11 हजार रुपये सुरक्षा राशि जमा कराई थी, मगर बोली के पैसे जमा करवाने के आखिरी दिन उसने पैसे जमा नहीं करवाए।