सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Haryana ›   Ambala News ›   A single ambulance runs from VIP duty to PGI

Ambala News: वीआईपी ड्यूटी से लेकर पीजीआई तक दौड़ने के लिए एक ही एंबुलेंस

Amar Ujala Bureau अमर उजाला ब्यूरो
Updated Wed, 03 Dec 2025 01:30 AM IST
विज्ञापन
A single ambulance runs from VIP duty to PGI
शहर में जिला नागरिक अस्पताल में इमरजेंसी में खड़ी एंबुलेंस। संवाद
विज्ञापन
- कई बार मरीज को पीजीआई रेफर कर दिया जाता है, लेकिन अस्पताल में नहीं होती एंबुलेंस
Trending Videos


संवाद न्यूज एजेंसी
अंबाला सिटी। जिले में चल रही ज्यादातर एंबुलेंस अपने तय किलोमीटर से ज्यादा चल चुकी हैं। लंबी दूरी के लिए जाने पर यह एंबुलेंस हांफ रही हैं। इस वजह से फिट गाड़ियों पर भी ज्यादा लोड बढ़ रहा है। शहर के जिला नागरिक अस्पताल में चार गाड़ियां चल तो रही हैं, लेकिन तीन एंबुलेंस को लंबी दूरी पर नहीं भेजा जा रहा। इस वजह से एक ही एंबुलेंस पर वीआईपी ड्यूटी से लेकर पीजीआई केस लेकर जाने तक का लोड बढ़ रहा है। कई बार तो ऐसा भी हुआ है कि मरीज को पीजीआई रेफर कर दिया जाता है, लेकिन अस्पताल में एंबुलेंस नहीं होती। इस वजह से मरीजों को उपचार के लिए पीजीआई या चंडीगढ़-32 में जाने में देरी होती है।
2020 में स्वास्थ्य विभाग को मिली थी 2023 एंबुलेंस
स्वास्थ्य विभाग को जिले में 2020 में करीब 23 नई एंबुलेंस मिली थी। इन एंबुलेंस को मिले करीब पांच वर्ष हो गए हैं। उसके बाद अस्पतालों को नई एंबुलेंस नहीं मिली। इनमें से ज्यादातर एंबुलेंस 3 लाख किलोमीटर से ज्यादा भी चल चुकी हैं। अपने तय किलोमीटर से ज्यादा चलने पर भी यह एंबुलेंस चल तो रही हैं, लेकिन इन एंबुलेंस के रखरखाव पर अस्पताल प्रशासन को ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। इनमें से कोई न कोई एंबुलेंस एजेंसी में खड़ी ही होती है। यह एंबुलेंस बार-बार रिपेयर हो रही हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन

कंट्रोल रूम में रोजाना आ रही 70 कॉल
दिन और रात 24 घंटे में जिला नागरिक अस्पताल शहर में बने कंट्रोल रूम में करीब 70 कॉल रोजाना आती हैं। इनमें सड़क दुघर्टना, इमरजेंसी, गर्भवती महिला के केस, बच्चों को रेफर करना सहित अन्य केस शामिल होते हैं। यह आंकड़ा कम या ज्यादा होता रहता है। एक एंबुलेंस को साहा चौक पर भी लगाया गया है। शहर और छावनी में चार-चार, सीएचसी स्तर पर एक-एक एंबुलेंस हैं। लेकिन पीएचसी स्तर पर कई दूसरी जगहों से भी एंबुलेंस बुलाई जाती है। जिले में एक एएलएस, 8 पीटीए, 14 बीएलएस और दो एमएमयू एंबुलेंस हैं।

एंबुलेंस मिलने में हुई देरी
अक्तूबर माह में एक प्रवासी परिवार सुबह अपने पांच वर्षीय लड़के को लेकर शहर के जिला नागरिक अस्पताल इमरजेंसी में आए थे। बच्चे की हालत खराब होने से उसे डॉक्टरों ने चंडीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन जब बच्चे का पिता एंबुलेंस लेने के लिए गया तो एंबुलेंस खराब थी और दूसरी जगह से बुलाई गई एंबुलेंस भी देरी से आई। परिवार करीब आधे घंटे तक एंबुलेंस के लिए इधर-उधर भटकता रहा था। करीब आधे घंटे बाद कैंट से एंबुलेंस आने पर बच्चे को पीजीआई ले जाया गया था। वहीं, बीते शनिवार को भी अस्पताल में एक बच्चे को पीजीआई रेफर किया गया था, लेकिन एंबुलेंस मिलने में देरी हुई थी।


अस्पताल में अभी कोई नई एंबुलेंस नहीं आई है। नई एंबुलेंस के लिए समय-समय पर निदेशालय में प्रस्ताव भेजा जाता है।
- डॉक्टर बलविंद्र कौर, नोडल अधिकारी एवं उप सिविल सर्जन, स्वास्थ्य विभाग
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed