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दावा : आयुर्वेदिक से बिना ऑपरेशन फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज का उपचार, आठ साल बाद गूंजी किलकारी
संवाद न्यूज एजेंसी, अंबाला
Updated Sat, 13 Sep 2025 01:28 AM IST
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अंबाला कैंट के नागरिक अस्पताल में आयुर्वेदिक डॉक्टर जितेंद्र महिला मरीज व उनके बेटे के संग: स्व
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संवाद न्यूज एजेंसी
अंबाला। कैंट के नागरिक अस्पताल की आयुष विंग में आयुर्वेदिक दवाओं व पंचकर्म की मदद से बिना ऑपरेशन फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज खुलने से महिला के घर सात साल के बाद फिर किलकारी गूंज उठी। आयुर्वेदिक डॉक्टर जतिंद्र ने दावा किया है कि मां बनना हर महिला का सपना होता है, लेकिन स्वास्थ्य की खराबी और जीवनशैली के चलते कुछ महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ऐसी ही एक महिला अंबाला कैंट निवासी सविता उनकी ओपीडी में एक साल पहले आई थी। महिला के पास एक बेटी थी, लेकिन सात साल से फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज होने के कारण गर्भधारण नहीं हो रहा था। बिना ऑपरेशन आयुर्वेदिक दवाओं व पंचकर्मा की थेरेपी करीब छह माह तक चलने के बाद महिला के घर आठ साल के बाद लड़का हुआ।
अस्पताल में चार माह के बच्चे को संग लाई महिला ने बांटी मिठाई
अंबाला कैंट निवासी सविता दो दिन पहले ही अस्पताल की आयुर्वेदिक ओपीडी में अपने चार माह के बच्चे को लेकर पहुंची। डॉ. जितेंद्र से मिलकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी। साथ ही मिठाई भी खिलाई। मरीज सविता का कहना था कि एक बेटी के बाद दूसरे बेटे की चाह में लंबा इंतजार करना पड़ा। निजी अस्पतालों ने ब्लॉकेज के चलते गर्भधारण होने से मना दिया था। वह काफी निराश थी, तब किसी से आयुर्वेदिक ओपीडी में उपचार के बारे में पता चला था। छह माह गोली खाने के बाद अब बेटा हुआ है। अब ब्लॉकेज की दिक्कत भी खत्म हो गई है।
फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज से गर्भधारण में आती है समस्या : डॉ. जितेंद्र
आयुर्वेदिक डॉ. जितेंद्र ने बताया कि फैलोपियन ट्यूब में ऐसी दो नलियां होती हैं जो गर्भाशय में जाकर मिलती हैं, अगर किन्हीं कारणों से इन नलिकाओं में बाधा आती है, तो ऐसी स्थिति में माता-पिता को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती। उन्होंने बताया कि ट्यूब ब्लॉकेज की मुख्य वजह सूजन, सर्जरी, इन्फेक्शन, हार्मोन की गड़बड़ी या किसी कारणवश गर्भपात भी हो सकता है। अगर सही समय पर सही तरीकों से समस्या को पहचान लिया जाए तो बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। पहले भी ओपीडी में एक प्रवासी महिला के हार्माेंस के कारण बच्चा नहीं हो रहा था। उस समय भी महिला की पंचकर्मा थेरेपी व दवाओं से उपचार किया था और किलकारी गूंजी थी।

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अस्पताल में चार माह के बच्चे को संग लाई महिला ने बांटी मिठाई
अंबाला कैंट निवासी सविता दो दिन पहले ही अस्पताल की आयुर्वेदिक ओपीडी में अपने चार माह के बच्चे को लेकर पहुंची। डॉ. जितेंद्र से मिलकर अपनी खुशी जाहिर करते हुए बधाई दी। साथ ही मिठाई भी खिलाई। मरीज सविता का कहना था कि एक बेटी के बाद दूसरे बेटे की चाह में लंबा इंतजार करना पड़ा। निजी अस्पतालों ने ब्लॉकेज के चलते गर्भधारण होने से मना दिया था। वह काफी निराश थी, तब किसी से आयुर्वेदिक ओपीडी में उपचार के बारे में पता चला था। छह माह गोली खाने के बाद अब बेटा हुआ है। अब ब्लॉकेज की दिक्कत भी खत्म हो गई है।
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फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज से गर्भधारण में आती है समस्या : डॉ. जितेंद्र
आयुर्वेदिक डॉ. जितेंद्र ने बताया कि फैलोपियन ट्यूब में ऐसी दो नलियां होती हैं जो गर्भाशय में जाकर मिलती हैं, अगर किन्हीं कारणों से इन नलिकाओं में बाधा आती है, तो ऐसी स्थिति में माता-पिता को संतान सुख की प्राप्ति नहीं होती। उन्होंने बताया कि ट्यूब ब्लॉकेज की मुख्य वजह सूजन, सर्जरी, इन्फेक्शन, हार्मोन की गड़बड़ी या किसी कारणवश गर्भपात भी हो सकता है। अगर सही समय पर सही तरीकों से समस्या को पहचान लिया जाए तो बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। पहले भी ओपीडी में एक प्रवासी महिला के हार्माेंस के कारण बच्चा नहीं हो रहा था। उस समय भी महिला की पंचकर्मा थेरेपी व दवाओं से उपचार किया था और किलकारी गूंजी थी।