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मनुष्य को प्रकृति से नहीं, स्वभाव से मनुष्य बनना आवश्यक : गुरुदेव अचल मुनि
संवाद न्यूज एजेंसी, अंबाला
Updated Sun, 14 Sep 2025 02:02 AM IST
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मुलाना में संतों का आशीर्वाद लेते जैन समाज के लोग। प्रवक्ता
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संवाद न्यूज एजेंसी
मुलाना। एसएस जैन सभा के सदस्यों ने मेरठ के जैन नगर स्थित एसएस जैन स्थानक में विराजमान जैन धर्म प्रभावक श्रमन गौरव गुरुदेव अचल मुनि एवं प्रवचन सूर्य भरत मुनि भव्य के पावन दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। इस दौरान धर्मसभा में उपस्थित श्रद्धालुओं को मार्गदर्शन देते हुए गुरुदेव अचल मुनि ने जीवन के मूल्यों पर विशेष प्रकाश डाला। उन्होंने प्रवचन में कहा कि मनुष्य को केवल प्रकृति से इंसान नहीं बनना चाहिए, बल्कि स्वभाव से भी इंसान बनना आवश्यक है। जन्म से मनुष्य होना तो सहज है, लेकिन आचरण और व्यवहार से मनुष्यत्व को धारण करना ही सच्ची साधना है। यदि हमारे स्वभाव में करुणा, विनम्रता, क्षमा और दया का भाव नहीं है तो केवल मानव शरीर धारण करना पर्याप्त नहीं है। सच्चा इंसान वही है, जो अपने कर्मों और विचारों से समाज में सद्भाव, प्रेम और सहयोग की प्रेरणा दे। भरत मुनि भव्य ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि जैन धर्म का मूल संदेश संयम, अहिंसा और आत्मशुद्धि है, यदि प्रत्येक व्यक्ति इन मूल्यों को अपनाए तो समाज में शांति और समृद्धि स्वतः स्थापित हो जाएगी। मौके पर एसएस जैन सभा प्रवक्ता श्रीपाल जैन, यशपाल मलिक सहित अन्य मौजूद रहे।

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