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Ambala News: बिजली चोरी के मामले में उपभोक्ता को किया बरी
संवाद न्यूज एजेंसी, अंबाला
Updated Mon, 15 Dec 2025 12:01 AM IST
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जांच के दौरान अधिकारियों ने छोड़ी कमियां
माई सिटी रिपोर्टर
अंबाला सिटी। विशेष कोर्ट के जज डॉ. अशोक कुमार ने बिजली चोरी के आरोप से सुरजीत सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। उस पर भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत बिजली चोरी का आरोप था। यह मामला हरियाणा राज्य बनाम सुरजीत सिंह के वर्ष 2021 को प्रस्तुत और पंजीकृत किया गया था। अभियोजन पक्ष का मामला शिकायतकर्ता अंबाला सिटी के मॉडल टाउन एसडीओ (ऑप) द्वारा भेजी गई एक लिखित शिकायत पर आधारित था। आरोप था कि मई 2017 को जेई रघुबीर सिंह, जेई सुदर्शन कुमार और जेई परवीन ने आरोपी सुरजीत सिंह के परिसर की जांच की, जहां उसे बिजली की चोरी करते हुए पाया गया। इस चोरी से निगम को 8,618 रुपये का नुकसान हुआ था।
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जांच ये कमियां रहीं-
1- सुनवाई के बाद न्यायालय ने पाया कि जहां चोरी हुई थी, उस जगह को साबित नहीं किया जा सका, क्योंकि साइट प्लान तैयार करने वाले एसआई बलदेव सिंह ने यह नहीं बताया कि उन्होंने यह किसके कहने पर तैयार किया था। जांच रिपोर्ट के अनुसार, बिजली मीटर प्रदीप कुमार के नाम पर था और सुरजीत सिंह को केवल उपयोगकर्ता दिखाया गया था। अभियोजन पक्ष ने उपभोक्ता प्रदीप कुमार को न तो जांच में शामिल किया और न गवाह के रूप में पेश किया।
2- बिजली अधिनियम के अनुसार जांच पूरी होने के 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य था, हालांकि परिसर की जांच मई 2017 को हुई और एफआईआर मई 2017 को दर्ज की गई, जिसकी देरी को अभियोजन पक्ष स्पष्ट नहीं कर पाया। एफआईआर एसडीओ मनोज ग्रेवाल द्वारा दर्ज कराई गई थी। मीटर और कथित तौर पर चोरी के लिए इस्तेमाल किए गए लूप को हटाते समय, जांच दल ने कोई स्वतंत्र गवाह या पड़ोसी को शामिल नहीं किया। जांच दल ने साइट की वीडियोग्राफी करने का दावा किया था, लेकिन इसकी कोई सीडी रिकॉर्ड पेश नहीं की गई। बाद में एक पत्र से पता चला कि हार्ड-डिस्क खराब हो गई थी और वीडियोग्राफी सीडी उपलब्ध नहीं थी।
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माई सिटी रिपोर्टर
अंबाला सिटी। विशेष कोर्ट के जज डॉ. अशोक कुमार ने बिजली चोरी के आरोप से सुरजीत सिंह को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया है। उस पर भारतीय विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135 के तहत बिजली चोरी का आरोप था। यह मामला हरियाणा राज्य बनाम सुरजीत सिंह के वर्ष 2021 को प्रस्तुत और पंजीकृत किया गया था। अभियोजन पक्ष का मामला शिकायतकर्ता अंबाला सिटी के मॉडल टाउन एसडीओ (ऑप) द्वारा भेजी गई एक लिखित शिकायत पर आधारित था। आरोप था कि मई 2017 को जेई रघुबीर सिंह, जेई सुदर्शन कुमार और जेई परवीन ने आरोपी सुरजीत सिंह के परिसर की जांच की, जहां उसे बिजली की चोरी करते हुए पाया गया। इस चोरी से निगम को 8,618 रुपये का नुकसान हुआ था।
जांच ये कमियां रहीं-
1- सुनवाई के बाद न्यायालय ने पाया कि जहां चोरी हुई थी, उस जगह को साबित नहीं किया जा सका, क्योंकि साइट प्लान तैयार करने वाले एसआई बलदेव सिंह ने यह नहीं बताया कि उन्होंने यह किसके कहने पर तैयार किया था। जांच रिपोर्ट के अनुसार, बिजली मीटर प्रदीप कुमार के नाम पर था और सुरजीत सिंह को केवल उपयोगकर्ता दिखाया गया था। अभियोजन पक्ष ने उपभोक्ता प्रदीप कुमार को न तो जांच में शामिल किया और न गवाह के रूप में पेश किया।
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2- बिजली अधिनियम के अनुसार जांच पूरी होने के 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य था, हालांकि परिसर की जांच मई 2017 को हुई और एफआईआर मई 2017 को दर्ज की गई, जिसकी देरी को अभियोजन पक्ष स्पष्ट नहीं कर पाया। एफआईआर एसडीओ मनोज ग्रेवाल द्वारा दर्ज कराई गई थी। मीटर और कथित तौर पर चोरी के लिए इस्तेमाल किए गए लूप को हटाते समय, जांच दल ने कोई स्वतंत्र गवाह या पड़ोसी को शामिल नहीं किया। जांच दल ने साइट की वीडियोग्राफी करने का दावा किया था, लेकिन इसकी कोई सीडी रिकॉर्ड पेश नहीं की गई। बाद में एक पत्र से पता चला कि हार्ड-डिस्क खराब हो गई थी और वीडियोग्राफी सीडी उपलब्ध नहीं थी।