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Ambala News: पुलिस ने दर्ज किया पीड़ित कारोबारी का बयान
संवाद न्यूज एजेंसी, अंबाला
Updated Tue, 30 Dec 2025 03:54 AM IST
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अंबाला सिटी। नगर निगम के रिकॉर्ड में हेराफेरी कर एक कारोबारी की संपत्ति दूसरे के नाम दर्ज करने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। डेढ़ साल तक निगम के दफ्तरों के चक्कर काटने के बाद जब पीड़ित को न्याय नहीं मिला, तो पुलिस ने इस मामले में दखल दिया है। एएसपी ने पीड़ित कारोबारी को सोमवार को अपने कार्यालय बुलाकर पूरे मामले की जानकारी ली। पुलिस ने जांच की कमान अपने हाथ में ले ली है। मानव विहार निवासी कारोबारी अनूप अग्रवाल (58) के पास 128.190 गज की एक व्यावसायिक संपत्ति थी। उन्होंने इसमें से 67 गज हिस्सा वर्ष 2023 में सुरेश अरोड़ा व अन्य को सेल रजिस्ट्री के माध्यम से बेचा था। नियमानुसार, बाकी बची 61.190 गज जमीन का मालिकाना हक अनूप अग्रवाल के पास ही रहना चाहिए था।
हैरानी की बात तब सामने आई जब अनूप अग्रवाल ने नगर निगम के रिकॉर्ड की जांच की। उन्होंने पाया कि नगर निगम के कर्मचारियों ने मिलीभगत कर उनकी पूरी की पूरी संपत्ति आईडी सुरेश अरोड़ा व अन्य के नाम कर दी है। आरोप है कि इसमें नगर निगम के एक क्लर्क, एमई और पूर्व एक्सईएन की भूमिका संदिग्ध है। पीड़ित का आरोप है कि पिछले एक से डेढ़ साल तक नगर निगम के अधिकारी उन्हें जांच के नाम पर केवल आश्वासन देते रहे।
19 मई को स्पीड पोस्ट के जरिए पहली शिकायत भेजी गई। 17 नवंबर को जॉइंट कमिश्नर ने नोटिस जारी कर सभी पक्षों को बुलाया, लेकिन सुनवाई बेनतीजा रही। 26 नवंबर को अगली पेशी पर जब पीड़ित कार्यालय पहुंचे, तो जॉइंट कमिश्नर छुट्टी पर थे और दफ्तर में सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड तैनात थे।
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डीजीपी और सीएम तक पहुंची शिकायत
नगर निगम की कार्यप्रणाली से निराश होकर अनूप अग्रवाल ने हार नहीं मानी। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री हरियाणा और डीजीपी हरियाणा को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई। उच्च स्तर से दबाव बढ़ने के बाद अब अंबाला पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की थी। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के अधिकारी इस मामले को साधारण बताते हुए समाधान की बात कह रहे थे मगर वह पुलिस की जांच तक समाधान नहीं दे सके।
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हैरानी की बात तब सामने आई जब अनूप अग्रवाल ने नगर निगम के रिकॉर्ड की जांच की। उन्होंने पाया कि नगर निगम के कर्मचारियों ने मिलीभगत कर उनकी पूरी की पूरी संपत्ति आईडी सुरेश अरोड़ा व अन्य के नाम कर दी है। आरोप है कि इसमें नगर निगम के एक क्लर्क, एमई और पूर्व एक्सईएन की भूमिका संदिग्ध है। पीड़ित का आरोप है कि पिछले एक से डेढ़ साल तक नगर निगम के अधिकारी उन्हें जांच के नाम पर केवल आश्वासन देते रहे।
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19 मई को स्पीड पोस्ट के जरिए पहली शिकायत भेजी गई। 17 नवंबर को जॉइंट कमिश्नर ने नोटिस जारी कर सभी पक्षों को बुलाया, लेकिन सुनवाई बेनतीजा रही। 26 नवंबर को अगली पेशी पर जब पीड़ित कार्यालय पहुंचे, तो जॉइंट कमिश्नर छुट्टी पर थे और दफ्तर में सिर्फ सिक्योरिटी गार्ड तैनात थे।
डीजीपी और सीएम तक पहुंची शिकायत
नगर निगम की कार्यप्रणाली से निराश होकर अनूप अग्रवाल ने हार नहीं मानी। उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री हरियाणा और डीजीपी हरियाणा को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई। उच्च स्तर से दबाव बढ़ने के बाद अब अंबाला पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की थी। वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के अधिकारी इस मामले को साधारण बताते हुए समाधान की बात कह रहे थे मगर वह पुलिस की जांच तक समाधान नहीं दे सके।