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Bhiwani News: आवासीय क्षेत्रों में डेयरियों ने बिगाड़ी व्यवस्था, मानव अधिकार आयोग ने नगर परिषद को नोटिस भेजकर तलब किया जवाब

संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी Updated Tue, 18 Nov 2025 01:45 AM IST
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Dairies disrupt residential areas; Human Rights Commission issues notice to Municipal Council, seeks response
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भिवानी। दिनोद गेट स्थित द्वारकान गली में सार्वजनिक सड़क पर पशु बांधने की शिकायत पर हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने नगर परिषद भिवानी को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह के भीतर तीन बिंदुओं पर जवाब मांगा है। आयोग ने इस मामले को स्थानीय निवासियों के बुनियादी मानवाधिकारों के उल्लंघन से जुड़ा गंभीर मुद्दा मानते हुए हरियाणा सरकार और नगर निकाय विभाग को भी कड़े निर्देश जारी किए हैं।
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आयोग ने स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा शहरी सीमा से बाहर डेयरियों को स्थानांतरित करने का ब्लूप्रिंट तैयार किया जा चुका है लेकिन इसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है। अकेले नगर परिषद भिवानी की सीमा में ही 250 से अधिक पशु डेयरियां आवासीय कॉलोनियों के बीच संचालित हो रही हैं जिनकी वजह से सीवर, सड़क और पर्यावरण सुधार की व्यवस्था प्रभावित होकर लगभग ठप हो गई है।
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आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने दिनोद गेट पुलिस चौकी के निकट सार्वजनिक सड़कों पर दुग्ध पशु बांधे जाने से उत्पन्न अस्वच्छ, बाधित और असुरक्षित वातावरण पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। आयोग ने पाया कि लगातार आग्रह और शिकायतों के बावजूद नगर परिषद भिवानी ने न तो रोकथाम की कार्रवाई की और न ही सुधारात्मक कदम उठाए जो सार्वजनिक स्वच्छता और सुगमता बनाए रखने में गंभीर प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।
आयोग के प्रोटोकॉल सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारी डॉ. पुनीत अरोड़ा के अनुसार उपलब्ध तथ्यों और आरोपों को देखते हुए आयोग अध्यक्ष ने आदेश दिया है कि नगर परिषद भिवानी के जिला नगर आयुक्त आठ सप्ताह के भीतर तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में यह उल्लेख होना आवश्यक है कि अवरोध हटाने और सार्वजनिक स्वच्छता बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए गए, जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कौन-सी अनुशासनात्मक या प्रशासनिक कार्रवाई शुरू की गई और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए क्या निवारक उपाय प्रस्तावित हैं।
आयोग ने कहा कि स्वच्छ और सुलभ सार्वजनिक स्थानों को बनाए रखने में नगर परिषद की विफलता संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीवन के अधिकार का हनन है जिसमें गरिमा के साथ जीवन, स्वच्छ पर्यावरण और सुरक्षित परिवेश का अधिकार शामिल है। यह विफलता मानव अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 2(ड) के अंतर्गत मानवाधिकार का उल्लंघन भी मानी जाएगी।

शहरी दायरे में पशु डेयरी गंभीर समस्या : आयोग
आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ललित बत्रा ने यह भी कहा कि नगर सीमाओं के भीतर डेयरियों का संचालन अब पूरे राज्य में गंभीर समस्या बन चुका है जिससे स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य से जुड़े संकट बार-बार उत्पन्न हो रहे हैं। हरियाणा सरकार ने इस चुनौती का समाधान करते हुए नगर सीमाओं के बाहर डेयरियां स्थापित करने के लिए एक व्यापक ब्लूप्रिंट तैयार किया है ताकि स्वच्छता बनी रहे, प्रदूषण घटे और जनस्वास्थ्य सुरक्षित रहे। लेकिन यह योजना अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हो सकी है। आयोग का मत है कि इस नीति का प्रभावी क्रियान्वयन और नगर निकायों द्वारा समन्वित कार्रवाई बढ़ती समस्या के समाधान और राज्य में स्वच्छ शहरी वातावरण सुनिश्चित करने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

27 जनवरी से पहले मांगी विस्तृत रिपोर्ट
हरियाणा मानव अधिकार आयोग ने नगरीय शासन और नागरिक विनियमन से संबंधित विभागों से जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। आयोग ने आयुक्त एवं सचिव, नगर स्थानीय निकाय विभाग हरियाणा और निदेशक, निदेशालय नगर स्थानीय निकाय हरियाणा को आदेश दिया है कि वे सुनवाई की अगली तिथि 27 जनवरी से पहले आठ सप्ताह की निर्धारित अवधि के भीतर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। रिपोर्ट में सुगम्यता मानकों के अनुपालन के लिए उठाए गए या प्रस्तावित कदमों का विवरण हो साथ ही यह भी स्पष्ट किया जाए कि शहरी क्षेत्रों में डेयरियों के संचालन से उत्पन्न स्वच्छता, स्वास्थ्य और पर्यावरण संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए क्या उपाय किए गए हैं या भविष्य में क्या किए जाने प्रस्तावित हैं।
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