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Haryana: दिग्विजय सिंह चौटाला ने एचटेट परीक्षा पर उठाए गंभीर सवाल, जारी किया वीडियो
संवाद न्यूज एजेंसी, भिवानी
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Thu, 20 Nov 2025 04:02 PM IST
सार
दिग्विजय ने कहा कि सोशल मीडिया में भी दोबारा रिजल्ट तैयार करने और 1284 नए उम्मीदवार पास किए जाने की सूचनाएं हैं ये उम्मीदवार कौन हैं तथा कैसे इनको बाद के रिजल्ट में जोड़ा गया इसकी जांच होनी चाहिए।
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जननायक जनता पार्टी के युवा प्रदेशाध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला
- फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
जननायक जनता पार्टी के युवा प्रदेशाध्यक्ष दिग्विजय सिंह चौटाला ने हरियाणा अध्यापक पात्रता परीक्षा पर उठ रहे सवालों को लेकर हरियाणा की भाजपा सरकार को कटघहरे में खड़ा किया है। दिग्विजय सिंह चौटाला ने एचटेट के नाम पर बड़ी धांधली का अंदेशा जताते हुए तुरंत जांच की मांग की है। चौटाला ने वीडियो जारी कर आरोप लगाया कि हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड चेयरमैन और सचिव ने रातों रात रिजल्ट बदल दिया। पहले का रिजल्ट जो तत्कालीन सचिव ने तैयार किया था और रिजल्ट चेयरमैन को 31 अगस्त को ही जारी करने के लिए दे दिया था उसे आखिर क्यों जारी नहीं किया गया।
दिग्विजय ने कहा कि सोशल मीडिया में भी दोबारा रिजल्ट तैयार करने और 1284 नए उम्मीदवार पास किए जाने की सूचनाएं हैं ये उम्मीदवार कौन हैं तथा कैसे इनको बाद के रिजल्ट में जोड़ा गया इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये वो बच्चे हैं जो बोर्ड के आला अधिकारी के रिश्तेदारों के हैं। दिग्विजय चौटाला ने रिजल्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि रिजल्ट के बारे में मीडिया तक को जानकारी नहीं दी गई। वहीं उन्होंने कहा कि रिजल्ट जारी होने के 90 दिन तक ओएमआर शीट निकलवाने का प्रावधान था, लेकिन 10 दिन का समय दिया। ऐसा क्यों हुआ इसकी भी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी ऑडिट का बहाना करके नया रिजल्ट तैयार करवाया गया। अगर पहले तैयार रिजल्ट में खामी थी तो उस पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। नया रिजल्ट किस फर्म से तैयार करवाया गया। ये भी जांच का विषय है। दिग्विजय ने कहा कि कुछ सवाल हैं जो ये दर्शा रहे हैं कि इस बार के एचटेट में इस बार का सबसे बड़ा गोलमाल हुआ है।
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दिग्विजय ने कहा कि सोशल मीडिया में भी दोबारा रिजल्ट तैयार करने और 1284 नए उम्मीदवार पास किए जाने की सूचनाएं हैं ये उम्मीदवार कौन हैं तथा कैसे इनको बाद के रिजल्ट में जोड़ा गया इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ये वो बच्चे हैं जो बोर्ड के आला अधिकारी के रिश्तेदारों के हैं। दिग्विजय चौटाला ने रिजल्ट की प्रामाणिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि रिजल्ट के बारे में मीडिया तक को जानकारी नहीं दी गई। वहीं उन्होंने कहा कि रिजल्ट जारी होने के 90 दिन तक ओएमआर शीट निकलवाने का प्रावधान था, लेकिन 10 दिन का समय दिया। ऐसा क्यों हुआ इसकी भी जांच की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिक्योरिटी ऑडिट का बहाना करके नया रिजल्ट तैयार करवाया गया। अगर पहले तैयार रिजल्ट में खामी थी तो उस पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए। नया रिजल्ट किस फर्म से तैयार करवाया गया। ये भी जांच का विषय है। दिग्विजय ने कहा कि कुछ सवाल हैं जो ये दर्शा रहे हैं कि इस बार के एचटेट में इस बार का सबसे बड़ा गोलमाल हुआ है।
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दिग्विजय सिंह चौटाला ने ये उठाए एचटेट पर सवाल
1. पहले से तैयार परिणाम को आखिर संशोधित करने की नौबत क्यों आई, जबकि परिणाम पूरी तरह कैमरों की जद में और अलग अलग फर्मों के द्वारा अपने गई प्रक्रिया से तैयार किया गया।
2. बाहर से पेपर तैयार हुए, अलग फर्म ने पेपर लिए, अलग फर्म ने परिणाम तैयार किए। 3 से 4 बार रिजल्ट को वेरिफाई किया गया तो नए सिरे से परिणाम किसलिए तैयार किया गया?
3. सिक्योरिटी ऑडिट के नाम पर भारी राशि किस लिए खर्च की गई? ऑडिट किसका किया गया,जब सारी फर्म बाहर की ही थी तो संशय किस बात का था। परिणाम तैयार करके जब सचिव कार्यालय ने अध्यक्ष को 31 अगस्त को सुपुर्द कर दिया था तो परिणाम जारी करने में देरी किस वजह से की गई?
4. दोबारा परिणाम रातों रात तैयार किया गया सिक्योरिटी ऑडिट के नाम पर निचले अधिकारियों से भी दबाव बनाकर नए रिजल्ट पर हस्ताक्षर करवाए गए?
5. गुपचुप तरीके से रिजल्ट घोषित करने के क्या मायने निकाले जाएं?
6. सबसे बड़ा सवाल ये है परिणाम घोषित होने के 3 महीने तक ओएमआर शीट निकलवाई जा सकती है मगर सिर्फ दस दिन की अवधि इस बार रखी गई कहीं ऐसा तो नहीं जो गोलमाल किया गया उस पर लीपापोती करने के लिए रिकॉर्ड को ही खुर्द बुर्द किया जा सके?
बोर्ड चेयरमैन और सचिव की भूमिका पर भी उठाए गंभीर सवाल
दिग्विजय चौटाला ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड चेयरमैन और सचिव की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मौजूदा चेयरमैन पर तो ओपीजेएस नामक यूनिवर्सिटी में धांधली करने के आरोप लगे थे। जिसका शिकायत पत्र पीएम, सीएम और अन्य अधिकारियों को भेजा गया पर कार्रवाई करने की बजाय चेयरमैन को खुली छूट दी गई है। जिस कारण गड़बड़ी हुई है। मामले में चेयरमैन और सचिव की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए और सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक महीने में तैयार परिणाम को जारी किए जाने की बजाय इसे फिर से तीन महीने से भी ज्यादा समय में जारी किए जाने के पीछे अधिकारियों की मंशा क्या थी, ये साफ जाहिर हो रहा है।
1. पहले से तैयार परिणाम को आखिर संशोधित करने की नौबत क्यों आई, जबकि परिणाम पूरी तरह कैमरों की जद में और अलग अलग फर्मों के द्वारा अपने गई प्रक्रिया से तैयार किया गया।
2. बाहर से पेपर तैयार हुए, अलग फर्म ने पेपर लिए, अलग फर्म ने परिणाम तैयार किए। 3 से 4 बार रिजल्ट को वेरिफाई किया गया तो नए सिरे से परिणाम किसलिए तैयार किया गया?
3. सिक्योरिटी ऑडिट के नाम पर भारी राशि किस लिए खर्च की गई? ऑडिट किसका किया गया,जब सारी फर्म बाहर की ही थी तो संशय किस बात का था। परिणाम तैयार करके जब सचिव कार्यालय ने अध्यक्ष को 31 अगस्त को सुपुर्द कर दिया था तो परिणाम जारी करने में देरी किस वजह से की गई?
4. दोबारा परिणाम रातों रात तैयार किया गया सिक्योरिटी ऑडिट के नाम पर निचले अधिकारियों से भी दबाव बनाकर नए रिजल्ट पर हस्ताक्षर करवाए गए?
5. गुपचुप तरीके से रिजल्ट घोषित करने के क्या मायने निकाले जाएं?
6. सबसे बड़ा सवाल ये है परिणाम घोषित होने के 3 महीने तक ओएमआर शीट निकलवाई जा सकती है मगर सिर्फ दस दिन की अवधि इस बार रखी गई कहीं ऐसा तो नहीं जो गोलमाल किया गया उस पर लीपापोती करने के लिए रिकॉर्ड को ही खुर्द बुर्द किया जा सके?
बोर्ड चेयरमैन और सचिव की भूमिका पर भी उठाए गंभीर सवाल
दिग्विजय चौटाला ने हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड चेयरमैन और सचिव की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि मौजूदा चेयरमैन पर तो ओपीजेएस नामक यूनिवर्सिटी में धांधली करने के आरोप लगे थे। जिसका शिकायत पत्र पीएम, सीएम और अन्य अधिकारियों को भेजा गया पर कार्रवाई करने की बजाय चेयरमैन को खुली छूट दी गई है। जिस कारण गड़बड़ी हुई है। मामले में चेयरमैन और सचिव की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए और सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक महीने में तैयार परिणाम को जारी किए जाने की बजाय इसे फिर से तीन महीने से भी ज्यादा समय में जारी किए जाने के पीछे अधिकारियों की मंशा क्या थी, ये साफ जाहिर हो रहा है।