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Bhiwani News: शर्ताें की जटिलता में उलझी लक्ष्मी, लाडो मायूस
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भिवानी का सरल केंद्र।
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भिवानी। हर माह महिलाओं के बैंक खातों में 2,100 रुपये देने वाली लाडो लक्ष्मी योजना में महिलाओं के लिए लक्ष्मी पाने की राह आसान नहीं है। आवेदन प्रक्रिया और कड़े नियमों की वजह से कई महिलाएं योजना का लाभ लेने से वंचित हैं जबकि परिवार की सालाना आमदनी के हिसाब से वे इसकी पात्र हैं। खासकर यदि पति के नाम कोई वाहन पंजीकृत है तो महिला को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।
जिले में 40,000 से अधिक महिलाओं को योजना के लिए चिह्नित किया गया था। इनमें से 18,000 महिलाओं के आवेदन हो चुके हैं लेकिन केवल पांच से सात हजार महिलाओं के खाते में ही पहली किश्त की राशि आई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिन महिलाओं के आवेदन का सत्यापन और सभी प्रक्रिया 25 अक्तूबर से पहले पूरी हो चुकी थी उनके खाते में पहली नवंबर को ही राशि जमा हो गई। वहीं इसके बाद आवेदन और सत्यापन पूरी करने वाली महिलाओं के खाते में एक से पांच दिसंबर के बीच पहली किश्त आने की संभावना है।
लाडो लक्ष्मी योजना के लिए रिहायशी प्रमाणपत्र बनवाने के लिए महिलाओं को नगर परिषद कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। भले ही रिहायशी प्रमाणपत्र कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हों लेकिन पार्षदों से सत्यापन के लिए उन्हें नगर परिषद की रिपोर्ट भी लेनी पड़ती है। इसके अलावा सास-ससुर के आधार कार्ड के सत्यापन में भी महिलाएं अड़चन में हैं। कई अकेली महिलाओं की आमदनी योजना की पात्रता में आती है लेकिन यदि उनके सास-ससुर से अनबन है तो उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा।
महिलाओं का कहना है कि योजना सही है लेकिन शर्तें बेतुकी हैं। नियम के अनुसार 75,000 से एक लाख तक की सालाना आमदनी वाली महिलाओं का सत्यापन किया जा रहा है। इस श्रेणी की महिलाओं को योजना का पात्र मानते हुए आवेदन कराए जा रहे हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अटल सेवा ऑपरेटर के माध्यम से आवेदन कराए जा रहे हैं जबकि अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय इस कार्य की मॉनिटरिंग कर रहा है। भिवानी जिले में अब भी करीब 22,000 महिलाओं के आवेदन का सत्यापन पूरा नहीं हो पाया है और कई महिलाएं शर्तों के कारण योजना से बाहर हो गई हैं।
अब 25,000 सालाना आमदनी वाली महिलाओं का डॉटा तैयार
मानव सूचना एवं संसाधन विभाग लाडो लक्ष्मी योजना के लिए 25,000 सालाना आमदनी वाले परिवार की महिलाओं की पहचान में जुटा है। ऐसे परिवारों का डॉटा तैयार किया जा रहा है। अटल सेवा ऑपरेटर के माध्यम से इन महिलाओं को फोन पर योजना में आवेदन के लिए सूचित और प्रेरित किया जाएगा। फिलहाल यह कार्य जारी है।
लाडो लक्ष्मी योजना के लिए संभावित महिलाओं का डॉटा क्रीड कार्यालय से चिह्नित किया जा चुका है। योजना का आवेदन करने वाली महिलाओं की सालाना आमदनी का सत्यापन कार्य चल रहा है। जिन महिलाओं ने 25 अक्तूबर से पहले आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली थी उनके खाते में नवंबर में पहली किश्त का भुगतान हो चुका है। जबकि इसके बाद आवेदन प्रक्रिया पूरी करने वाली महिलाओं को एक से पांच दिसंबर के बीच पहली किश्त मिलने की संभावना है। -साजिद, जिला प्रबंधक, मानव सूचना एवं संसाधन विभाग, भिवानी
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जिले में 40,000 से अधिक महिलाओं को योजना के लिए चिह्नित किया गया था। इनमें से 18,000 महिलाओं के आवेदन हो चुके हैं लेकिन केवल पांच से सात हजार महिलाओं के खाते में ही पहली किश्त की राशि आई है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार जिन महिलाओं के आवेदन का सत्यापन और सभी प्रक्रिया 25 अक्तूबर से पहले पूरी हो चुकी थी उनके खाते में पहली नवंबर को ही राशि जमा हो गई। वहीं इसके बाद आवेदन और सत्यापन पूरी करने वाली महिलाओं के खाते में एक से पांच दिसंबर के बीच पहली किश्त आने की संभावना है।
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लाडो लक्ष्मी योजना के लिए रिहायशी प्रमाणपत्र बनवाने के लिए महिलाओं को नगर परिषद कार्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं। भले ही रिहायशी प्रमाणपत्र कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे हों लेकिन पार्षदों से सत्यापन के लिए उन्हें नगर परिषद की रिपोर्ट भी लेनी पड़ती है। इसके अलावा सास-ससुर के आधार कार्ड के सत्यापन में भी महिलाएं अड़चन में हैं। कई अकेली महिलाओं की आमदनी योजना की पात्रता में आती है लेकिन यदि उनके सास-ससुर से अनबन है तो उन्हें लाभ नहीं मिल पा रहा।
महिलाओं का कहना है कि योजना सही है लेकिन शर्तें बेतुकी हैं। नियम के अनुसार 75,000 से एक लाख तक की सालाना आमदनी वाली महिलाओं का सत्यापन किया जा रहा है। इस श्रेणी की महिलाओं को योजना का पात्र मानते हुए आवेदन कराए जा रहे हैं। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में अटल सेवा ऑपरेटर के माध्यम से आवेदन कराए जा रहे हैं जबकि अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय इस कार्य की मॉनिटरिंग कर रहा है। भिवानी जिले में अब भी करीब 22,000 महिलाओं के आवेदन का सत्यापन पूरा नहीं हो पाया है और कई महिलाएं शर्तों के कारण योजना से बाहर हो गई हैं।
अब 25,000 सालाना आमदनी वाली महिलाओं का डॉटा तैयार
मानव सूचना एवं संसाधन विभाग लाडो लक्ष्मी योजना के लिए 25,000 सालाना आमदनी वाले परिवार की महिलाओं की पहचान में जुटा है। ऐसे परिवारों का डॉटा तैयार किया जा रहा है। अटल सेवा ऑपरेटर के माध्यम से इन महिलाओं को फोन पर योजना में आवेदन के लिए सूचित और प्रेरित किया जाएगा। फिलहाल यह कार्य जारी है।
लाडो लक्ष्मी योजना के लिए संभावित महिलाओं का डॉटा क्रीड कार्यालय से चिह्नित किया जा चुका है। योजना का आवेदन करने वाली महिलाओं की सालाना आमदनी का सत्यापन कार्य चल रहा है। जिन महिलाओं ने 25 अक्तूबर से पहले आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली थी उनके खाते में नवंबर में पहली किश्त का भुगतान हो चुका है। जबकि इसके बाद आवेदन प्रक्रिया पूरी करने वाली महिलाओं को एक से पांच दिसंबर के बीच पहली किश्त मिलने की संभावना है। -साजिद, जिला प्रबंधक, मानव सूचना एवं संसाधन विभाग, भिवानी