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Bhiwani News: बारिश से प्रभावित मकानों की सर्वे रिपोर्ट में अब जरूरी होगी फोटो जिओ टैगिंग
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भिवानी। डीसी साहिल गुप्ता ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि मानसून में भारी बारिश और जलभराव से प्रभावित मकानों की सर्वे रिपोर्ट में प्रत्येक मकान का फोटो जिओ टैगिंग के साथ लगाना अनिवार्य होगा। उन्होंने कहा कि एक भी मकान का सर्वे फर्जी नहीं होना चाहिए और ऐसा करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
डीसी मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में क्षतिपूर्ति पोर्टल और मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पटवारियों द्वारा किए गए मकानों के सर्वे की स्वयं पड़ताल करने के निर्देश दिए। जलभराव या बारिश से प्रभावित मकानों और पशुओं के नुकसान से संबंधित सभी प्रभावित लोगों को सरकारी सहायता से वंचित नहीं होना चाहिए।
इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित व्यक्ति का बैंक खाता और आईएफएससी कोड सही होना आवश्यक है ताकि मुआवजा राशि सीधे उसके खाते में पहुंचे। साथ ही डीसी ने सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार को सख्त निर्देश दिए कि डीएपी और यूरिया का वितरण पूरी तरह से सही ढंग से हो। इसके लिए जिला स्तर पर सभी पैक्स प्रबंधकों के साथ बैठक की जाए। यदि वितरण में किसी प्रकार की शिकायत आती है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीसी ने कहा कि जिले में डीएपी और यूरिया के सभी वितरण काउंटर खुले होने चाहिए। किसी गांव में सामग्री रखने में समस्या होने पर संबंधित सरपंच और फिर तहसीलदार से संपर्क किया जाए। नियम के अनुसार किसान को डीएपी और यूरिया अवश्य मिलनी चाहिए। समीक्षा बैठक में एसडीएम महेश कुमार, जिला राजस्व अधिकारी राजकुमार भौरिया, तहसीलदार जयबीर सिंह मौजूद रहे।
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डीसी मंगलवार को लघु सचिवालय स्थित डीआरडीए सभागार में क्षतिपूर्ति पोर्टल और मेरी फसल-मेरा ब्यौरा के क्रियान्वयन की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने पटवारियों द्वारा किए गए मकानों के सर्वे की स्वयं पड़ताल करने के निर्देश दिए। जलभराव या बारिश से प्रभावित मकानों और पशुओं के नुकसान से संबंधित सभी प्रभावित लोगों को सरकारी सहायता से वंचित नहीं होना चाहिए।
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इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित व्यक्ति का बैंक खाता और आईएफएससी कोड सही होना आवश्यक है ताकि मुआवजा राशि सीधे उसके खाते में पहुंचे। साथ ही डीसी ने सहकारिता विभाग के सहायक रजिस्ट्रार को सख्त निर्देश दिए कि डीएपी और यूरिया का वितरण पूरी तरह से सही ढंग से हो। इसके लिए जिला स्तर पर सभी पैक्स प्रबंधकों के साथ बैठक की जाए। यदि वितरण में किसी प्रकार की शिकायत आती है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
डीसी ने कहा कि जिले में डीएपी और यूरिया के सभी वितरण काउंटर खुले होने चाहिए। किसी गांव में सामग्री रखने में समस्या होने पर संबंधित सरपंच और फिर तहसीलदार से संपर्क किया जाए। नियम के अनुसार किसान को डीएपी और यूरिया अवश्य मिलनी चाहिए। समीक्षा बैठक में एसडीएम महेश कुमार, जिला राजस्व अधिकारी राजकुमार भौरिया, तहसीलदार जयबीर सिंह मौजूद रहे।