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Piyush Goyal: 'भारत जल्दबाजी में या बंदूक की नोंक पर व्यापार समझौते नहीं करता', बर्लिन में गोयल की दो टूक

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Fri, 24 Oct 2025 03:27 PM IST
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सार

बर्लिन डायलॉग: वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत जल्दबाजी में या सिर पर बंदूक तानकर व्यापार समझौते नहीं करता। उन्होंने कहा कि भारत यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका सहित अन्य देशों व क्षेत्रों के साथ व्यापार समझौतों पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है। आइए इस बारे में विस्तार से जानें।

India does not do trade deals in hurry or with gun to our head, Piyush Goyal said in Berlin
पीयूष गोयल - फोटो : amarujala.com
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विस्तार
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वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत जल्दबाजी में या बंदूक की नोक पर व्यापार समझौते नहीं करता। उन्होंने कहा कि भारत यूरोपीय संघ (ईयू) और अमेरिका सहित अन्य देशों व क्षेत्रों के साथ व्यापार समझौतों पर सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है।

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जर्मनी में आयोजित बर्लिन डायलॉग के दौरान बोलते हुए पीयूष गोयल ने कहा कहा, "हम यूरोपीय संघ के साथ सक्रिय बातचीत कर रहे हैं। हम अमेरिका से बात कर रहे हैं, लेकिन हम जल्दबाजी में कोई समझौता नहीं करते और न ही हम कोई समय सीमा तय करके या बंदूक की नोंक पर कोई समझौता करते हैं।"
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बर्लिन ग्लोबल डायलॉग में बोलते हुए पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि व्यापार समझौते केवल टैरिफ या बाजार पहुंच के बारे में नहीं हैं, बल्कि विश्वास, दीर्घकालिक संबंधों का निर्माण करने और वैश्विक व्यापार सहयोग के लिए स्थायी ढांचे का निर्माण करने के बारे में हैं।

भारत यूरोपीय संघ के साथ लंबे समय से लंबित मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है, जिसमें बाजार पहुंच, पर्यावरण मानकों और उत्पादन के नियमों पर मतभेद बने हुए हैं। गोयल ने कहा है कि नई दिल्ली व्यापार समझौतों में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाएगी। उन्होंने कहा, "भारत जल्दबाजी में किसी भी व्यापार समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेगा।"

पीयूष गोयल डॉयलॉग में भाग लेने के लिए फिलहाल बर्लिन में हैं। उन्होंने कहा कि व्यापार समझौते को दीर्घकालिक परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी जल्दबाजी में या तात्कालिक आवेश में निर्णय नहीं लेता। उन्होंने कहा कि भारत जरूरत से अधिक टैरिफ से निपटने के लिए नए बाजारों की तलाश कर रहा है।

गोयल ने कहा, "मुझे नहीं लगता कि भारत ने कभी भी राष्ट्रीय हित के अलावा किसी अन्य आधार पर यह निर्णय लिया है कि उसके मित्र कौन होंगे... और यदि कोई मुझसे कहता है कि आप यूरोपीय संघ के मित्र नहीं हो सकते, तो मैं इसे स्वीकार नहीं करूंगा या कोई कल मुझसे कहता है कि मैं केन्या के साथ काम नहीं कर सकता, यह स्वीकार्य नहीं है।" ये टिप्पणियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि अमेरिका भारत पर रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद करने का दबाव बना रहा है।

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