Gold Silver Price: डॉलर इंडेक्स में बढ़त का असर, रिकॉर्ड हाई के बाद सोना-चांदी में तेज बिकवाली
Gold Silver Price: अमेरिकी डॉलर की मजबूती और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता को लेकर बढ़ती उम्मीदों के चलते ट्रेडर्स ने मुनाफावसूली शुरू कर दी है। हाल के सत्रों में लगातार तेजी के बाद अब वायदा बाजार में सोने और चांदी की कीमतें दबाव में आ गई हैं।
विस्तार
मजबूत डॉलर और अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में प्रगति को लेकर आशावाद के बीच कारोबारियों ने मुनाफावसूली की। इससे हालिया तेजी के बाद वायदा कारोबार में सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
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एमसीएक्स पर सोने की कीमत में 0.89 प्रतिशत की गिरावट
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) में दिसंबर डिलीवरी के लिए पीली धातु वायदा की कीमत 1,109 रुपये या 0.89 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,22,995 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई जिसमें 12,958 लॉट के लिए कारोबार हुआ। सोना वायदा का फरवरी 2026 अनुबंध भी 1,075 रुपये या 0.86 प्रतिशत की गिरावट के साथ 2,239 लॉट के लिए 1,24,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया।
एमसीएक्स पर चांदी के भाव में हुई 1.81 प्रतिशत की गिरावट
इसी तरह, चांदी वायदा कीमतों में भी भारी गिरावट देखी गई। दिसंबर डिलीवरी के लिए चांदी का भाव 2,683 रुपये या 1.81 प्रतिशत गिरकर 1,45,829 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया जिसमें 21,080 लॉट के लिए कारोबार हुआ, जबकि मार्च 2026 अनुबंध 2,206 रुपये या 1.47 प्रतिशत गिरकर 1,47,878 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गया जिसमें 5,250 लॉट के लिए कारोबार हुआ।
डॉलर छह मुद्राओं के मुकाबले 0.11 प्रतिशत बढ़ा
डॉलर सूचकांक, जो छह मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की ताकत को मापता है, 0.11 प्रतिशत बढ़कर 99.05 पर कारोबार कर रहा था।
एक सफल व्यापार समझौता सोने की कीमतों पर दबाव डाल सकता है
एस्पेक्ट बुलियन एंड रिफाइनरी के सीईओ दर्शन देसाई ने कहा कि अमेरिकी सरकार के बंद होने से जुड़ी ताजा खबरें और अगले हफ्ते राष्ट्रपति ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच होने वाली मुलाकात अहम घटनाएं हैं। एक सफल व्यापार समझौता सोने की कीमतों पर अतिरिक्त दबाव डाल सकता है, जबकि अमेरिका-रूस तनाव या प्रतिबंधों में किसी भी तरह की वृद्धि से निचले स्तरों पर समर्थन मिल सकता है।
वैश्विक बाजारों में सोने-चांदी की कीमतों में गिरावट
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में, दिसंबर डिलीवरी के लिए कॉमेक्स सोना वायदा शुक्रवार को 20.61 डॉलर या 0.50 प्रतिशत की गिरावट के साथ 4,124.99 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। वहीं पिछले सत्र में इसमें लगभग 2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। विदेशी बाजारों में शुक्रवार को दिसंबर डिलीवरी के लिए कॉमेक्स चांदी वायदा भी 1.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48.19 डॉलर प्रति औंस पर आ गया, जबकि पिछले सत्र में इसमें 2.15 प्रतिशत की तेजी आई थी।
पिछले नौ सप्ताह से जारी तेजी का दौर समाप्त हो सकता है
रिलायंस सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक जिगर त्रिवेदी ने कहा कि सोने की कीमतें शुक्रवार को गिरकर 4,120 डॉलर प्रति औंस के आसपास आ गईं। यह पिछले नौ सप्ताह से जारी तेजी के दौर को समाप्त करने की ओर अग्रसर है। हाल के सत्रों में बार-बार रिकॉर्ड ऊंचाई को छूने के बाद भारी बिकवाली के दबाव के कारण यह गिरावट आई।
उन्होंने कहा कि सप्ताह के आरंभ में कीमती धातु में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई। यह पिछले पांच वर्षों में इसकी सबसे बड़ी इंट्राडे गिरावट है। साथ ही स्वर्ण-समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) से भी भारी निकासी हुई। यह पिछले पांच महीनों में टन भार के हिसाब से होल्डिंग्स में सबसे बड़ी एकल दिवस गिरावट है।
त्रिवेदी ने कहा कि इस साल अब तक सोने की कीमत में 50 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है, जिसे मौजूदा व्यापार तनाव से समर्थन मिला है। साथ ही अगले सप्ताह ट्रम्प और उनके चीनी समकक्ष शी जिनपिंग के बीच होने वाली व्यापार वार्ता पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है।
निवेशकों की है इन घटनाओं पर नजर
त्रिवेदी ने आगे कहा कि यूक्रेन युद्ध विराम को लेकर मास्को पर दबाव बनाने के प्रयास में अमेरिका द्वारा रूस पर नए प्रतिबंध लगाए जाने के बाद भू-राजनीतिक जोखिम भी बने हुए हैं। उन्होंने आगे कहा कि इस उम्मीद से कि फेडरल रिजर्व साल के अंत तक दो और ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, सर्राफा बाजार को समर्थन मिल रहा है। निवेशकों की नजर अब दिन में आने वाली प्रमुख अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) सूचकांक रिपोर्ट पर है, जो मौद्रिक नीति के दृष्टिकोण को प्रभावित कर सकती है।