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Haryana: अब सिविल सर्जन करेंगे गर्भपात किट की निगरानी, रखना होगा रिकॉर्ड; थोक व खुदरा विक्रेता नहीं बेच सकेंगे
आशीष वर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Fri, 24 Oct 2025 12:49 PM IST
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सार
हरियाणा में सख्ती के बावजूद एमटीपी किट की बिक्री पर लगाम नहीं कसी जा रही थी। एमटीपी किट का धड़ल्ले से इस्तेमाल किया जा रहा था। बेटे की चाहत रखने वाले दंपति गोवा, बिहार और उत्तर प्रदेश से ऑनलाइन प्लेटफार्म के माध्यम से एमटीपी किट मंगवाकर इसका व्यापक इस्तेमाल कर रहे थे।
मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी किट्स
- फोटो : Adobe Stock Photos
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विस्तार
हरियाणा में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) किट्स यानी गर्भपात किट की निगरानी अब सिविल सर्जन करेंगे। उनकी निगरानी में ही यह किट्स मान्यता प्राप्त एमटीपी केंद्रों में भेजी जाएगी।
एमटीपी केंद्रों को एक स्टॉक रजिस्टर रखना होगा, जिसमें दवा की उपलब्धता और किस मरीज को यह दवा उपलब्ध करवाई गई, उसके बारे में पूरी जानकारी रखनी होगी। इसकी एक रिपोर्ट हर महीने सिविल सर्जन को उपलब्ध करानी होगी। हरियाणा सरकार ने यह निर्णय एमटीपी किट के दुरुपयोग को देखते हुए लिया है।
उल्लेखनीय है कि हरियाणा में गिरते लिंगानुपात को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से पहले ही सभी थोक और खुदरा विक्रेताओं को एमटीपी किट की बिक्री बंद करने का निर्देश दिया चुका है। इस निर्देश के बाद यदि किसी भी होल सेलर व खुदरा दुकान पर एमटीपी किट मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर ललित गोयल ने बताया, इस बारे में सभी थोक विक्रेताओं को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। अब एमटीपी किट सिविल सर्जन के माध्यम से एमटीपी सेंटरों में दी जाएगी, ताकि इसका एक रिकॉर्ड रखा जा सके।
एमटीपी सेंटर के बजाय घर पर इस्तेमाल करने से कई बार महिलाओं को खतरा भी बढ़ जाता था। ज्यादा ब्लीडिंग होने से गर्भवती महिला की जान भी जा सकती है। इन सब कारणों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। एमटीपी किट में मिफेप्रिस्टोन की एक और मिसोप्रोस्टोल की चार गोलियां शामिल हैं।
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एमटीपी केंद्रों को एक स्टॉक रजिस्टर रखना होगा, जिसमें दवा की उपलब्धता और किस मरीज को यह दवा उपलब्ध करवाई गई, उसके बारे में पूरी जानकारी रखनी होगी। इसकी एक रिपोर्ट हर महीने सिविल सर्जन को उपलब्ध करानी होगी। हरियाणा सरकार ने यह निर्णय एमटीपी किट के दुरुपयोग को देखते हुए लिया है।
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उल्लेखनीय है कि हरियाणा में गिरते लिंगानुपात को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से पहले ही सभी थोक और खुदरा विक्रेताओं को एमटीपी किट की बिक्री बंद करने का निर्देश दिया चुका है। इस निर्देश के बाद यदि किसी भी होल सेलर व खुदरा दुकान पर एमटीपी किट मिलती है तो कड़ी कार्रवाई की जा रही है। हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर ललित गोयल ने बताया, इस बारे में सभी थोक विक्रेताओं को कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। अब एमटीपी किट सिविल सर्जन के माध्यम से एमटीपी सेंटरों में दी जाएगी, ताकि इसका एक रिकॉर्ड रखा जा सके।
एमटीपी सेंटर के बजाय घर पर इस्तेमाल करने से कई बार महिलाओं को खतरा भी बढ़ जाता था। ज्यादा ब्लीडिंग होने से गर्भवती महिला की जान भी जा सकती है। इन सब कारणों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। एमटीपी किट में मिफेप्रिस्टोन की एक और मिसोप्रोस्टोल की चार गोलियां शामिल हैं।