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Haryana Assembly: वंदे मातरम पर पक्ष-विपक्ष में बहस, सुरजेवाला के बोलने के बाद शुरू हुआ हंगामा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: निवेदिता वर्मा Updated Fri, 19 Dec 2025 02:55 PM IST
सार

विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में प्रमुख मुद्दे रखने के साथ भाजपा को बेनकाब किया जाएगा। यह सरकार मतदान में धांधली, सरकार बनाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग, चुनाव से पहले अवैध प्रलोभन और फर्जी मतदाता सूची जैसे हथकंडों के जरिए बनी है। सदन में इन सभी का पर्दाफाश किया जाएगा।

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Haryana Assembly winter session First no-confidence motion against Nayab Saini government discussed today
विधानसभा में पक्ष और विपक्ष में वाद विवाद - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही प्रश्नकाल के साथ शुरू हो गई है। 

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कांग्रेस के अविश्वास प्रस्ताव पर सीएम ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर नेता प्रतिपक्ष के हस्ताक्षर ही नहीं है। ऐसा लगता है कि कांग्रेस को हुड्डा पर यकीन नहीं है या फिर ये लोग हुड्डा को नेता प्रतिपक्ष नहीं मानते। इस पर कांग्रेस विधायकों ने हंगामा कर दिया। वहीं भाजपा विधायकों ने सीएम सैनी के समर्थन में नारे लगाए।

इस पर नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मुझे अफसोस हुआ है। सदन में कल अच्छी चर्चा हुई है। हुड्डा ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर 18 विधायकों के साइन होने चाहिए। किसके हस्ताक्षर है, किसके नहीं, ये कोई सवाल ही नहीं है। हुड्डा ने कहा कि प्रेस कॉन्फ्रेंस मैंने की थी और कहा था कि कांग्रेस अविश्वास प्रस्ताव लाएगी।

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स्पीकर पर भड़के अनिल विज

मंत्री अनिल विज बोलने उठे तो स्पीकर ने कहा कि आप वाइंड अप कीजिए। इस पर विज गुस्से में कुर्सी पर बैठ गए फिर स्पीकर से मुखातिब होकर बोले कि हर बात पर बोल रहे हैं वाइंड अप वाइंड अप। स्पीकर बोले, आप गंभीर बात कीजिए। इस पर विज ने कहा कि मैं हमेशा गंभीर बात ही करता हूं और जब मैं बात करता हूं तो लोग गंभीर हो जाते हैं।


शून्य काल में भाजपा विधायक लक्ष्मण यादव ने कहा कि आज कल लिव इन रिलेशनशिप नाम की एक बीमारी चली है। लिव इन रिलेशनशिप को कंडीशनल बनाना जरूरी है। उत्तराखंड की तर्ज पर हरियाणा में कानून बनना चाहिए।

राशन कार्ड के मुद्दे पर हंगामा

राशन कार्ड बनने और कटने का मुद्दा कांग्रेस के विधायक बीबी बत्रा ने उठाया। बत्रा ने कहा कि ये बड़ा स्कैंडल है। इस पर सीएम ने कहा कि इनके पास कोई मुद्दा नहीं है। पिछले सत्र में भी यह मुद्दा उठा था। इस विषय पर विस्तृत जवाब दिया। ये लोग सिर्फ हाजिरी लगाने आते हैं। इस पर सदन में हंगामा हुआ। विपक्ष के विधायकों ने आपत्ति जताई। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जिस भाषा में सवाल पूछा जाएगा उसी भाषा में जवाब दिया जाएगा।

विधानसभा में वंदे मातरम पर जमकर बहस हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे मातरम पवित्र चीज है तो इससे अन्य मुद्दों को नहीं जोड़ा जाना चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वंदे मातरम तो मेरे दादा ने भी कहा था। कांग्रेस एमएलए आदित्य सुरजेवाला ने वंदे मातरम पर बोलते हुए वंदे मातरम की कुछ पंक्तियों का संदर्भ देकर प्रदूषण और महिलाओं के मुद्दे पर बात करनी शुरू की जिसके बाद सदन में बहस शुरू हुई। अनिल विज ने भी कहा कि वंदे मातरम से किसी और अन्य मुद्दे को नहीं जोड़ना चाहिए।



नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन में मांग की कि सत्र को एक दिन और बढ़ाया जाए ताकि सभी विधायकों को अपनी बात रखने का पूरा समय मिले। इस पर विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने सीएम नायब सैनी से पूछा। सीएम की सहमति के बाद अध्यक्ष ने शुक्रवार के एक पाली में होने वाले सत्र को दो पालियों में बदल दिया। पहला सत्र सुबह 10.30 बजे से दोपहर दो बजे तक चलेगा और दूसरा सत्र दोपहर दो बजे लंच के बाद शुरू होगा।

इस दौरान कांग्रेस के विधायक भाजपा सरकार के कामों में खामियों पर अपनी बात रखेंगे और फिर उस पर सरकार की ओर से जवाब दिया जाएगा। इस पर सदन में हंगामे के आसार हैं।



विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, बढ़ती बेरोजगारी, खेल सुविधाओं की खराब स्थिति, जलभराव के मुआवजे, कानून व्यवस्था, बढ़ते भ्रष्टाचार, चंडीगढ़ विवाद और एसवाईएल जैसे प्रमुख मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा। सदन में हरियाणा के अधिकारों और जनता की आवाज को मजबूती से उठाया जाएगा।

विधानसभा में समीकरण सरकार के पक्ष में

हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। इसमें भाजपा के 48 विधायकों के साथ तीन निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन सरकार को प्राप्त है। कांग्रेस के 37 और इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के दो विधायक हैं। बहुत कम संभावना है कि सैनी सरकार अविश्वास प्रस्ताव से प्रभावित होगी। हालांकि, चर्चा का विषय यह है कि अविश्वास प्रस्ताव पर इनेलो विधायकों का क्या रुख होगा।

पहले दो बार कांग्रेस लाई अविश्वास प्रस्ताव

10 मार्च 2021 – कांग्रेस ने तत्कालीन मनोहर लाल की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव विधानसभा में पेश किया था। मतदान में 32 समर्थन व 55 विरोध के साथ प्रस्ताव गिर गया था।
22 फरवरी 2024 – कांग्रेस तत्कालीन मनोहर लाल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाई थी। कई घंटे चली बहस के बाद सदन में मौजूद विपक्षी विधायक वॉकआउट कर गए और प्रस्ताव को 22 वोटों से पराजित कर दिया गया।

विधायक अशोक अरोड़ा से बदसलूकी मामले में कांग्रेस का वॉक-ऑउट

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन कांग्रेस विधायक अशोक अरोड़ा से बदसलूकी के मामले में कांग्रेस ने पहला वॉक-ऑउट भी कर दिया। दरअसल, विधायक मूल चंद शर्मा की अध्यक्षता में गठित प्रिविलेज कमेटी की रिपोर्ट अब अगले विधानसभा सत्र के पहले दिन तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इस पर प्रस्ताव पास करने के दौरान ही कांग्रेस ने हंगामा शुरू कर दिया और फिर सभी विधायक सदन के बाहर चले गए। 

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