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Chandigarh-Haryana News: प्रदेश में सफाई व्यवस्था पटरी पर लौटने में लगेगा डेढ़ महीना
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- 40 निकायों में टेंडर की प्रक्रिया जारी, जींद और कुंडली में ही रेट अप्रूव हुए
- निकायों ने अपने स्तर पर पुराने टेंडर एक से तीन माह के लिए रिवाइज किए
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रदेश के करीब 40 निकायों में अगले एक से डेढ़ माह में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से पटरी पर लाैटेगी। निकाय विभाग ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डोर-टू-डोर कचरा उठाने को लेकर केवल दो ही निकायों जींद और कुंडली में रेट अप्रूवल हुए हैं और यहां जल्द निजी कंपनी को वर्क अलाॅट होगा। शेष में डोर-टू-डोर कचरा उठान के लिए पांच-पांच वर्ष के टेंडर के लिए रेट अप्रूवल की प्रक्रिया अटकी हुई है तो कहीं टेंडर खुलने शेष हैं इसलिए इस प्रक्रिया में डेढ़ माह तक समय लगेगा। इसके अलावा कई निकायों ने अपने स्तर पर पुराने टेंडर एक से तीन माह के लिए रिवाइज किए हैं।
प्रदेश के 87 निकायों में प्रतिदिन करीब 6500 टन कचरा निकलता है। फिलहाल 40 निकायों में गंदगी से आमजन बेहाल हैं। प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय ने डोर-टू-डोर कचरे के उठान के लिए 40 निकायों को 9 अप्रैल से प्रशासनिक मंजूरी देनी शुरू कर दी थी लेकिन निकाय स्तर पर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
नाै अप्रैल को अंबाला सदर के लिए प्रशासनिक मंजूरी दी गई लेकिन यहां टेंडर नहीं हुआ। बहादुरगढ़ में अभी तक टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई जबकि 12 जून को ही प्रशासनिक मंजूरी मिल गई थी। मानेसर में 10 अगस्त को टेंडर खुलेगा। रोहतक, बावल, बेरी, भूना, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, फिरोजपुर झिरका, गोहाना(जोन-1 व जोन-2), हांसी, हथिन, हिसार, जाखल, झज्जर, जींद, कालका, कनीना, खरखाैदा, कुंडली, अंबाला सदर, महम, नांदल चाैधरी, नारनाैल, नरवाना, नूंह, पलवल, पाटाैदी, जाटाैली मंडी, पुन्हाना, रतिया, रेवाड़ी, सफीदो, सांपाला, सोहना, टारू, टोहाना, उचाना में कहीं टेंडर खुले नहीं हैं तो कहीं रेट अप्रूवल बाकी है। यमुनानगर, अंबाला और पंचकूला को 22 वर्ष के क्लस्टर में शामिल किया जाएगा, इसलिए फिलहाल इन तीनों शहरों में डोर-टू-डोर के लिए केवल एक-एक वर्ष का टेंडर करने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
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निकायों में किए वैकल्पिक इंतजाम
टेंडर में देरी के चलते कुछ निकायों ने डोर-टू-डोर कचरा उठवाने के लिए अपने स्तर पर एक से लेकर तीन माह के लिए पुरानी एजेंसियों को ठेका दिया है ताकि कचरा नियमित उठाया जाए।
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169 अधिकारियों को थमाए जा चुके हैं कारण बताओ नोटिस
निकाय संस्थाओं को डोर-टू-डोर सफाई को लेकर चेताया गया लेकिन निकाय संस्थाओं में टेंडर की प्रक्रिया को लेकर कार्रवाई नहीं हो सकी। शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से 5 मार्च को 9, 23 मार्च को 15 और 18 अप्रैल को 145 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। जिन्हें नोटिस दिए गए हैं उनमें जेई, एसडीओ, कार्यकारी अभियंता, मुख्य सफाई निरीक्षक स्तर के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं।
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31 निकायों में 11-11 वर्ष के लिए टेंडर, 16 निकायों में अभी टेंडर की अवधि नहीं हुई पूरी
प्रदेश में 31 निकाय चार क्लस्टर में विभाजित हैं और यहां 11-11 वर्ष के लिए टेंडर हुए हैं। सोनीपत-पानीपत क्लस्टर में सोनीपत, पानीपत, गन्नाैर, समालखा हैं। करनाल-कैथल-थानेसर क्लस्टर में 18 निकाय शामिल हैं। इनमें करनाल, इंद्री, नीलोखेड़ी, ततोरी, घराैंडा, निसिंग, असंध, थानेसर, शाहबाद, लाडवा, कैथल, कलायत, राजाैंद, चीका, पुंडरी, पेहवा, इस्माईलाबाद, सिवान शामिल हैं। सिरसा क्ल्स्टर में सिरसा, रानियां, ऐलनाबाद, कालांवाली, मंडी डबवाली शामिल हैं। इन सभी 31 निकायों में प्रतिदिन 1711 टन कचरा निकलता है। शेष 16 निकायों में टेंडर की अवधि पूरी नहीं हुई।
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40 निकायों में अधिकतर में टेंडर की प्रक्रिया पर काम हो चुका है। जब तक सफाई के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक सभी निकाय अपने स्तर पर सफाई करा रहे हैं। इसके अलावा जिन निकायों में पहले से एजेंसी काम रहीं हैं, उनके कार्य की अवधि कुछ समय के लिए बढ़ाकर काम कराया जा रहा है।
विपुल गोयल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री।
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- निकायों ने अपने स्तर पर पुराने टेंडर एक से तीन माह के लिए रिवाइज किए
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। प्रदेश के करीब 40 निकायों में अगले एक से डेढ़ माह में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से पटरी पर लाैटेगी। निकाय विभाग ने टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। डोर-टू-डोर कचरा उठाने को लेकर केवल दो ही निकायों जींद और कुंडली में रेट अप्रूवल हुए हैं और यहां जल्द निजी कंपनी को वर्क अलाॅट होगा। शेष में डोर-टू-डोर कचरा उठान के लिए पांच-पांच वर्ष के टेंडर के लिए रेट अप्रूवल की प्रक्रिया अटकी हुई है तो कहीं टेंडर खुलने शेष हैं इसलिए इस प्रक्रिया में डेढ़ माह तक समय लगेगा। इसके अलावा कई निकायों ने अपने स्तर पर पुराने टेंडर एक से तीन माह के लिए रिवाइज किए हैं।
प्रदेश के 87 निकायों में प्रतिदिन करीब 6500 टन कचरा निकलता है। फिलहाल 40 निकायों में गंदगी से आमजन बेहाल हैं। प्रदेश में शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय ने डोर-टू-डोर कचरे के उठान के लिए 40 निकायों को 9 अप्रैल से प्रशासनिक मंजूरी देनी शुरू कर दी थी लेकिन निकाय स्तर पर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।
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नाै अप्रैल को अंबाला सदर के लिए प्रशासनिक मंजूरी दी गई लेकिन यहां टेंडर नहीं हुआ। बहादुरगढ़ में अभी तक टेंडर की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई जबकि 12 जून को ही प्रशासनिक मंजूरी मिल गई थी। मानेसर में 10 अगस्त को टेंडर खुलेगा। रोहतक, बावल, बेरी, भूना, धारूहेड़ा, फतेहाबाद, फिरोजपुर झिरका, गोहाना(जोन-1 व जोन-2), हांसी, हथिन, हिसार, जाखल, झज्जर, जींद, कालका, कनीना, खरखाैदा, कुंडली, अंबाला सदर, महम, नांदल चाैधरी, नारनाैल, नरवाना, नूंह, पलवल, पाटाैदी, जाटाैली मंडी, पुन्हाना, रतिया, रेवाड़ी, सफीदो, सांपाला, सोहना, टारू, टोहाना, उचाना में कहीं टेंडर खुले नहीं हैं तो कहीं रेट अप्रूवल बाकी है। यमुनानगर, अंबाला और पंचकूला को 22 वर्ष के क्लस्टर में शामिल किया जाएगा, इसलिए फिलहाल इन तीनों शहरों में डोर-टू-डोर के लिए केवल एक-एक वर्ष का टेंडर करने की प्रक्रिया शुरू हुई है।
निकायों में किए वैकल्पिक इंतजाम
टेंडर में देरी के चलते कुछ निकायों ने डोर-टू-डोर कचरा उठवाने के लिए अपने स्तर पर एक से लेकर तीन माह के लिए पुरानी एजेंसियों को ठेका दिया है ताकि कचरा नियमित उठाया जाए।
169 अधिकारियों को थमाए जा चुके हैं कारण बताओ नोटिस
निकाय संस्थाओं को डोर-टू-डोर सफाई को लेकर चेताया गया लेकिन निकाय संस्थाओं में टेंडर की प्रक्रिया को लेकर कार्रवाई नहीं हो सकी। शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय की ओर से 5 मार्च को 9, 23 मार्च को 15 और 18 अप्रैल को 145 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। जिन्हें नोटिस दिए गए हैं उनमें जेई, एसडीओ, कार्यकारी अभियंता, मुख्य सफाई निरीक्षक स्तर के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं।
31 निकायों में 11-11 वर्ष के लिए टेंडर, 16 निकायों में अभी टेंडर की अवधि नहीं हुई पूरी
प्रदेश में 31 निकाय चार क्लस्टर में विभाजित हैं और यहां 11-11 वर्ष के लिए टेंडर हुए हैं। सोनीपत-पानीपत क्लस्टर में सोनीपत, पानीपत, गन्नाैर, समालखा हैं। करनाल-कैथल-थानेसर क्लस्टर में 18 निकाय शामिल हैं। इनमें करनाल, इंद्री, नीलोखेड़ी, ततोरी, घराैंडा, निसिंग, असंध, थानेसर, शाहबाद, लाडवा, कैथल, कलायत, राजाैंद, चीका, पुंडरी, पेहवा, इस्माईलाबाद, सिवान शामिल हैं। सिरसा क्ल्स्टर में सिरसा, रानियां, ऐलनाबाद, कालांवाली, मंडी डबवाली शामिल हैं। इन सभी 31 निकायों में प्रतिदिन 1711 टन कचरा निकलता है। शेष 16 निकायों में टेंडर की अवधि पूरी नहीं हुई।
40 निकायों में अधिकतर में टेंडर की प्रक्रिया पर काम हो चुका है। जब तक सफाई के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक सभी निकाय अपने स्तर पर सफाई करा रहे हैं। इसके अलावा जिन निकायों में पहले से एजेंसी काम रहीं हैं, उनके कार्य की अवधि कुछ समय के लिए बढ़ाकर काम कराया जा रहा है।
विपुल गोयल, शहरी स्थानीय निकाय मंत्री।