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Chandigarh-Haryana News: जेबीटी अध्यापकों को सरप्लस घोषित करने के नए नियम जारी
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मौलिक शिक्षा विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश
अमर उजाला ब्यूरो
चंडीगढ़। मौलिक शिक्षा विभाग ने जेबीटी और मुख्य अध्यापकों को सरप्लस घोषित करने की प्रक्रिया को लेकर नए दिशा–निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने साफ किया है कि सरप्लस सूची बनाते समय सबसे पहले विद्यालय में कार्यरत कनिष्ठ अतिथि जेबीटी अध्यापक को ही सरप्लस किया जाएगा। अगर कोई अतिथि अध्यापक 70 फीसदी से अधिक दिव्यांग है तो उसे सरप्लस नहीं किया जाएगा। अगर किसी स्कूल में सभी अध्यापक संरक्षित श्रेणी में आते हैं तो उनमें से सबसे अधिक ठहराव वाले अध्यापक को सरप्लस किया जाएगा।
दूसरी स्थिति में जिले के सभी अतिथि अध्यापक पहले से ही सरप्लस हैं तो ऐसे सभी अतिथि अध्यापक सरप्लस माने जाएंगे और उन्हें नीति के अनुसार दूसरे जिलों में भेजा जाएगा। अगर किसी विद्यालय में कोई अतिथि जेबीटी नहीं है तो वहां उस नियमित अध्यापक को सरप्लस किया जाएगा जिसका ठहराव सबसे अधिक है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी मुख्य शिक्षक को सरप्लस नहीं किया जाएगा।
निर्देश के अनुसार किसी विद्यालय में वरिष्ठ जेबीटी अध्यापक की जगह कोई अन्य अध्यापक स्वयं सरप्लस होना चाहता है तो दोनों की लिखित सहमति के आधार पर बदलाव किया जा सकेगा। विभाग ने संरक्षित वर्ग के अध्यापकों में जैसे विधवा, 70 फीसदी से अधिक दिव्यांग, तलाकशुदा, गंभीर बीमारी से पीड़ित व एक वर्ष में सेवानिवृत्ति वाले अध्यापकों को सरप्लस सूची से बाहर रखा है। मौलिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला अधिकारियों से इन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।
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चंडीगढ़। मौलिक शिक्षा विभाग ने जेबीटी और मुख्य अध्यापकों को सरप्लस घोषित करने की प्रक्रिया को लेकर नए दिशा–निर्देश जारी कर दिए हैं। विभाग ने साफ किया है कि सरप्लस सूची बनाते समय सबसे पहले विद्यालय में कार्यरत कनिष्ठ अतिथि जेबीटी अध्यापक को ही सरप्लस किया जाएगा। अगर कोई अतिथि अध्यापक 70 फीसदी से अधिक दिव्यांग है तो उसे सरप्लस नहीं किया जाएगा। अगर किसी स्कूल में सभी अध्यापक संरक्षित श्रेणी में आते हैं तो उनमें से सबसे अधिक ठहराव वाले अध्यापक को सरप्लस किया जाएगा।
दूसरी स्थिति में जिले के सभी अतिथि अध्यापक पहले से ही सरप्लस हैं तो ऐसे सभी अतिथि अध्यापक सरप्लस माने जाएंगे और उन्हें नीति के अनुसार दूसरे जिलों में भेजा जाएगा। अगर किसी विद्यालय में कोई अतिथि जेबीटी नहीं है तो वहां उस नियमित अध्यापक को सरप्लस किया जाएगा जिसका ठहराव सबसे अधिक है। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी मुख्य शिक्षक को सरप्लस नहीं किया जाएगा।
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निर्देश के अनुसार किसी विद्यालय में वरिष्ठ जेबीटी अध्यापक की जगह कोई अन्य अध्यापक स्वयं सरप्लस होना चाहता है तो दोनों की लिखित सहमति के आधार पर बदलाव किया जा सकेगा। विभाग ने संरक्षित वर्ग के अध्यापकों में जैसे विधवा, 70 फीसदी से अधिक दिव्यांग, तलाकशुदा, गंभीर बीमारी से पीड़ित व एक वर्ष में सेवानिवृत्ति वाले अध्यापकों को सरप्लस सूची से बाहर रखा है। मौलिक शिक्षा विभाग ने सभी जिला अधिकारियों से इन नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा है।