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Charkhi Dadri News: जलभराव से दम तोड़ गए नवरोपित 20 हजार पौधे
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Sat, 13 Sep 2025 11:31 PM IST
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दमकल विभाग के पीछे स्थित मियावाकी वन क्षेत्र में भरा पानी। संवाद
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फोटो: 21
एनएच 152-डी के पास भरा बारिश का पानी। संवाद
फोटो : 22
दमकल विभाग के पीछे स्थित मियावाकी वन क्षेत्र में भरा पानी। संवाद
फोटो: 23
गांव रावलधी स्थित खेल स्टेडियम में भरा बारिश का पानी, जहां पौधे रोपित किए गए थे। संवाद
- वन विभाग ने एनएच 152-डी के अलावा कई स्थानों पर रोपित किए किए थे पौधे, भरपाई के लिए फिर से पौधरोपण की तैयारी
- कई जगहों पर अब तक नहीं हो पाई पानी की निकासी
चरखी दादरी। जिले में लगातार हुई बारिश से जलभराव होने से वन विभाग की ओर से लगाए गए 20 हजार पौधे खराब हो गए हैं। विभाग के अधिकारी लगातार क्षेत्रों में पानी की भेंट चढ़े पौधों का आकलन करने में जुटे हुए हैं। ताकि दोबारा पौधरोपण कर पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय तक पानी भरा रहने से नवरोपित पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, पानी निकासी के लिए पर्याप्त जगह न होने से देरी हो रही है। इससे पौधों में नुकसान और बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि खराब हुए पौधों की भरपाई के लिए वे उच्च अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
दरअसल, जिले में इस मानसून सीजन में 500 एमएम से अधिक बारिश हुई है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव की समस्या बनी है। वहीं, वन विभाग की ओर से पिछले दो साल के दौरान लगाए गए दो लाख से अधिक पौधों में जलभराव की समस्या बनी है। प्राथमिक अनुमान के अनुसार, 20 हजार पौधे खराब होने का अंदेशा है।
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि सबसे अधिक नुकसान एनएच 152-डी पर हुआ है, जहां पांच हजार से अधिक पौधों के खराब होने का अनुमान है। इसके अलावा, दमकल विभाग के पीछे स्थित मियावाकी वन क्षेत्र में भी दो हजार से अधिक पौधे खराब हुए हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल पानी की अधिकता के कारण खराब हुए पौधों का आकलन करना मुश्किल बना हुआ है। वहीं, कर्मचारी लगातार पौधों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। संवाद
किस क्षेत्र में कितने पौधे खराब होने का अनुमान
क्षेत्र खराब पौधों की संख्या
एनएच 152-डी 5,000
रावलधी स्टेडियम 500
साहुवास 1,000
फतेहगढ़ 950
घिकाड़ा 700
सांवड़ 1,000
भागवी 8,00
बौंदकलां 2,500
भैरवी 600
पैंतावास कलां 600
मकड़ाना 400
दादरी 1,500
- दादरी और लोहरवाड़ा बीट में सबसे अधिक नुकसान
नेशनल हाईवे 152-डी पर सबसे अधिक पौधे खराब हुए हैं। वन विभाग के निरीक्षक दीपक सिवाल ने बताया कि दादरी व लोहरवाड़ा बीट में करीब तीन हजार से अधिक पौधे नष्ट हुए हैं। वन विभाग ने एनएच 152-डी के साथ जापानी मियावाकी पद्धति से पौधे रोपित किए थे।
वर्सन:
बारिश से जलभराव होने से करीब 20 हजार पौधे खराब होने का अनुमान है। जलभराव से खराब पौधों का आकलन नहीं हो सका है। पानी की निकासी होने पर खराब हुए पौधों की वास्तविक संख्या पता चल सकेगी।
-हेमंत पारिक, वन रेंज अधिकारी, चरखी दादरी

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एनएच 152-डी के पास भरा बारिश का पानी। संवाद
फोटो : 22
दमकल विभाग के पीछे स्थित मियावाकी वन क्षेत्र में भरा पानी। संवाद
फोटो: 23
गांव रावलधी स्थित खेल स्टेडियम में भरा बारिश का पानी, जहां पौधे रोपित किए गए थे। संवाद
- वन विभाग ने एनएच 152-डी के अलावा कई स्थानों पर रोपित किए किए थे पौधे, भरपाई के लिए फिर से पौधरोपण की तैयारी
- कई जगहों पर अब तक नहीं हो पाई पानी की निकासी
चरखी दादरी। जिले में लगातार हुई बारिश से जलभराव होने से वन विभाग की ओर से लगाए गए 20 हजार पौधे खराब हो गए हैं। विभाग के अधिकारी लगातार क्षेत्रों में पानी की भेंट चढ़े पौधों का आकलन करने में जुटे हुए हैं। ताकि दोबारा पौधरोपण कर पर्यावरण को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय तक पानी भरा रहने से नवरोपित पौधों को काफी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा, पानी निकासी के लिए पर्याप्त जगह न होने से देरी हो रही है। इससे पौधों में नुकसान और बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि खराब हुए पौधों की भरपाई के लिए वे उच्च अधिकारियों से लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।
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दरअसल, जिले में इस मानसून सीजन में 500 एमएम से अधिक बारिश हुई है। इससे विभिन्न क्षेत्रों में जलभराव की समस्या बनी है। वहीं, वन विभाग की ओर से पिछले दो साल के दौरान लगाए गए दो लाख से अधिक पौधों में जलभराव की समस्या बनी है। प्राथमिक अनुमान के अनुसार, 20 हजार पौधे खराब होने का अंदेशा है।
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि सबसे अधिक नुकसान एनएच 152-डी पर हुआ है, जहां पांच हजार से अधिक पौधों के खराब होने का अनुमान है। इसके अलावा, दमकल विभाग के पीछे स्थित मियावाकी वन क्षेत्र में भी दो हजार से अधिक पौधे खराब हुए हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल पानी की अधिकता के कारण खराब हुए पौधों का आकलन करना मुश्किल बना हुआ है। वहीं, कर्मचारी लगातार पौधों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। संवाद
किस क्षेत्र में कितने पौधे खराब होने का अनुमान
क्षेत्र खराब पौधों की संख्या
एनएच 152-डी 5,000
रावलधी स्टेडियम 500
साहुवास 1,000
फतेहगढ़ 950
घिकाड़ा 700
सांवड़ 1,000
भागवी 8,00
बौंदकलां 2,500
भैरवी 600
पैंतावास कलां 600
मकड़ाना 400
दादरी 1,500
- दादरी और लोहरवाड़ा बीट में सबसे अधिक नुकसान
नेशनल हाईवे 152-डी पर सबसे अधिक पौधे खराब हुए हैं। वन विभाग के निरीक्षक दीपक सिवाल ने बताया कि दादरी व लोहरवाड़ा बीट में करीब तीन हजार से अधिक पौधे नष्ट हुए हैं। वन विभाग ने एनएच 152-डी के साथ जापानी मियावाकी पद्धति से पौधे रोपित किए थे।
वर्सन:
बारिश से जलभराव होने से करीब 20 हजार पौधे खराब होने का अनुमान है। जलभराव से खराब पौधों का आकलन नहीं हो सका है। पानी की निकासी होने पर खराब हुए पौधों की वास्तविक संख्या पता चल सकेगी।
-हेमंत पारिक, वन रेंज अधिकारी, चरखी दादरी