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Charkhi Dadri News: 115 करोड़ रुपये के पेयजल प्रोजेक्ट ने पकड़ी गति, जनवरी मेें नहीं रहेगा संकट
संवाद न्यूज एजेंसी, चरखी दादरी
Updated Thu, 18 Sep 2025 01:15 AM IST
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चंपापुरी जलघर में बन रहा टैंंक। संवाद
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संवाद न्यूज एजेंसी
चरखी दादरी। जनवरी 2026 में शहर की पेयजल क्षमता बढ़ जाएगी। मानसून सीजन की विदाई हो गई है। अब शहर के लिए 115 करोड़ का पेयजल प्रोजेक्ट गति पकड़ेगा। इस कार्य योजना के तहत शहर में पेयजल की भंडारण क्षमता बढ़नी है।
फिलहाल, शहर के पुराने चंपापुरी जलघर में भंडारण टैंकोंं का दायरा बढ़ाने का काम पूरा हो गया है। दूसरे, कपूरी जलघर का काम एक माह में पूरा होगा। इसी प्रकार, नगर के लिए बन रहे तीसरे घिकाड़ा जलघर का कार्य दिसंबर माह तक पूरा हो जाएगा। शहर के साथ लगते गांव घिकाड़ा को अपग्रेड किया जा रहा है। इससे नगर में पानी की आपूर्ति की जाएगी।
इस जलघर से शहर के 35 प्रतिशत क्षेत्र में पानी की आपूर्ति की जाएगी। इनके साथ-साथ विभाग मेन पेयजल लाइनें भी बिछाएगा। नए बूस्टिंग व पाइपलाइन बिछनी है। टैंकों का दायरा बढ़ना है। नगर में गत दो दशक से पेयजल की समस्या बनी हुई है। ऐसे में शहरवासियों को पेयजल संकट से राहत मिलने की उम्मीद है।
जनस्वास्थ्य विभाग नगर में आगामी समय में सवा लाख तक की आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति का प्रारूप तैयार कर रहा है। विभाग की योजना है कि अगले कम से कम 20 साल तक मौजूदा प्रोजेक्ट से निर्बाध पेयजल आपूर्ति की जा सके। इस समय शहर की आबादी करीब 80 हजार है। मौजूदा जलघर जब बने थे, उस समय नगर की आबादी 32 हजार थी।
पिछले साढ़े तीन दशक से विभाग 32 हजार की आबादी के हिसाब से शहर में पेयजल की आपूर्ति कर रहा है जबकि इस समय आबादी 80 हजार तक पहुंच गई है। जिले में करीब 65 जलघरों के जरिये पेयजल की आपूर्ति की जाती है। जिलेभर में 190 बोरिंग ट्यूबवेल भी हैं।
रोजाना प्रति व्यक्ति 120 लीटर पानी उपलब्ध होना चाहिए जबकि इस समय 70 लीटर प्रति व्यक्ति पानी मिल रहा है। शहर में पिछले करीब छह साल से एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसका प्रमुख कारण है शहर की स्टोरेज पेयजल क्षमता का काफी कम होना। इस समय शहर के जलघरों में पेयजल भंडारण की क्षमता मात्र 12 दिन है जबकि गर्मियों में नहरी पानी की बारी 24 दिन तक कर दी जाती है। इससे शहर ही नहीं, पूरे जिले में पेयजल संकट गहरा जाता है।
शहर में पेयजल संकट बढऩे पर विभाग इन दोनों जलघर परिसर में कर रखे बोरिंग ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति करता है। इन ट्यूबवेल के पानी को मिलाकर जलापूर्ति की जाती है। इस पानी में सभी आवश्यक पोषक तत्व भी नहीं होते जो शरीर के लिहाज से हानिकारक होता है। शहर में गत सालों में पानी की खपत बढ़ी है। विभाग शहर में रोजाना पानी की आपूर्ति करने की योजना पर काम कर रहा है।

चरखी दादरी। जनवरी 2026 में शहर की पेयजल क्षमता बढ़ जाएगी। मानसून सीजन की विदाई हो गई है। अब शहर के लिए 115 करोड़ का पेयजल प्रोजेक्ट गति पकड़ेगा। इस कार्य योजना के तहत शहर में पेयजल की भंडारण क्षमता बढ़नी है।
फिलहाल, शहर के पुराने चंपापुरी जलघर में भंडारण टैंकोंं का दायरा बढ़ाने का काम पूरा हो गया है। दूसरे, कपूरी जलघर का काम एक माह में पूरा होगा। इसी प्रकार, नगर के लिए बन रहे तीसरे घिकाड़ा जलघर का कार्य दिसंबर माह तक पूरा हो जाएगा। शहर के साथ लगते गांव घिकाड़ा को अपग्रेड किया जा रहा है। इससे नगर में पानी की आपूर्ति की जाएगी।
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इस जलघर से शहर के 35 प्रतिशत क्षेत्र में पानी की आपूर्ति की जाएगी। इनके साथ-साथ विभाग मेन पेयजल लाइनें भी बिछाएगा। नए बूस्टिंग व पाइपलाइन बिछनी है। टैंकों का दायरा बढ़ना है। नगर में गत दो दशक से पेयजल की समस्या बनी हुई है। ऐसे में शहरवासियों को पेयजल संकट से राहत मिलने की उम्मीद है।
जनस्वास्थ्य विभाग नगर में आगामी समय में सवा लाख तक की आबादी के लिए पेयजल आपूर्ति का प्रारूप तैयार कर रहा है। विभाग की योजना है कि अगले कम से कम 20 साल तक मौजूदा प्रोजेक्ट से निर्बाध पेयजल आपूर्ति की जा सके। इस समय शहर की आबादी करीब 80 हजार है। मौजूदा जलघर जब बने थे, उस समय नगर की आबादी 32 हजार थी।
पिछले साढ़े तीन दशक से विभाग 32 हजार की आबादी के हिसाब से शहर में पेयजल की आपूर्ति कर रहा है जबकि इस समय आबादी 80 हजार तक पहुंच गई है। जिले में करीब 65 जलघरों के जरिये पेयजल की आपूर्ति की जाती है। जिलेभर में 190 बोरिंग ट्यूबवेल भी हैं।
रोजाना प्रति व्यक्ति 120 लीटर पानी उपलब्ध होना चाहिए जबकि इस समय 70 लीटर प्रति व्यक्ति पानी मिल रहा है। शहर में पिछले करीब छह साल से एक दिन छोड़कर पानी की आपूर्ति की जा रही है। इसका प्रमुख कारण है शहर की स्टोरेज पेयजल क्षमता का काफी कम होना। इस समय शहर के जलघरों में पेयजल भंडारण की क्षमता मात्र 12 दिन है जबकि गर्मियों में नहरी पानी की बारी 24 दिन तक कर दी जाती है। इससे शहर ही नहीं, पूरे जिले में पेयजल संकट गहरा जाता है।
शहर में पेयजल संकट बढऩे पर विभाग इन दोनों जलघर परिसर में कर रखे बोरिंग ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति करता है। इन ट्यूबवेल के पानी को मिलाकर जलापूर्ति की जाती है। इस पानी में सभी आवश्यक पोषक तत्व भी नहीं होते जो शरीर के लिहाज से हानिकारक होता है। शहर में गत सालों में पानी की खपत बढ़ी है। विभाग शहर में रोजाना पानी की आपूर्ति करने की योजना पर काम कर रहा है।