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Fatehabad News: पेपरलेस रजिस्ट्री में रिवर्ट विद ऑब्जेक्शन का विकल्प जोड़ा
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Updated Wed, 12 Nov 2025 11:14 PM IST
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फतेहाबाद के ई दिशा केंद्र में जानकारी लेेते हुए लोग स्त्रोत लाइब्रेरी
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फतेहाबाद। पेपरलेस रजिस्ट्री करवाने के लिए पोर्टल में अब नया विकल्प जारी हो गया है। त्रुटि होने पर अब बार-बार फीस नहीं देनी होगी। बुधवार से रिवर्ट विद ऑब्जेकशन विकल्प जारी हुआ है। नए प्रावधानों के तहत विभाग को आवेदकों की ओर से प्रस्तुत दस्तावेजों की जांच के लिए 5 कार्य दिवस निर्धारित किए गए हैं।
पेपरलेस पोर्टल पर वसीका पंजीकरण के लिए 37 आवेदन अपलोड किए गए हैं। इनमें से 34 वसीका पंजीकरण हुए हैं। डीसी डॉ. विवेक भारती ने बताया कि नगर सीमा क्षेत्र में एनओसी से जुड़ी पुरानी प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों का डाटा अब शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए से जोड़ा गया है, जबकि ग्रामीण कॉलोनियों के मामलों की समीक्षा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के साथ मिलकर की जाएगी। हाउसिंग बोर्ड और एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) से जुड़े मामलों में खेवट-खतौनी की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि पंजीकरण नगर निकायों की ओर से प्रदत्त प्रॉपर्टी आईडी के माध्यम से किया जा रहा है।
लाइसेंस नंबर दर्ज करते ही सिस्टम में संबंधित डाटा स्वतः प्रदर्शित हो जाता है। पुराने शहर क्षेत्रों के रिकार्ड से खेवट-खसरा कॉलम हटा दिए गए हैं, जिससे नागरिक अगले कार्य दिवस से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों का डाटा शहरी स्थानीय निकायों से लिंक कर दिया गया है। डीसी डा. विवेक भारती ने बताया कि पार्टनरशिप या कोलैबोरेशन डीड्स की कैरेक्टर लिमिट 500 से बढ़ाकर 10,000 कैरेक्टर कर दी गई है।
इससे शर्तों और नियमों को पूरा दर्ज किया जा सकेगा। छोटी-मोटी त्रुटियों के कारण आवेदन अस्वीकृत नहीं किए जाएंगे। जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) की सुविधा पहले की तरह उपलब्ध है और इसे और सरल बनाया गया है। नागरिक सोमवार से अपॉइंटमेंट बुक कर सकेंगे।
कृषक कॉलम के संबंध में डीसी ने स्पष्ट किया कि इस कॉलम के आधार पर स्वामित्व में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। पहले किए गए इस प्रकार के रजिस्ट्रेशन की समीक्षा चल रही है और इसके लिए नए निर्देश शीघ्र जारी किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में लोकेशन डाटा सटीक है।
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पेपरलेस पोर्टल पर वसीका पंजीकरण के लिए 37 आवेदन अपलोड किए गए हैं। इनमें से 34 वसीका पंजीकरण हुए हैं। डीसी डॉ. विवेक भारती ने बताया कि नगर सीमा क्षेत्र में एनओसी से जुड़ी पुरानी प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
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लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों का डाटा अब शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए से जोड़ा गया है, जबकि ग्रामीण कॉलोनियों के मामलों की समीक्षा टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग के साथ मिलकर की जाएगी। हाउसिंग बोर्ड और एचएसवीपी (हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण) से जुड़े मामलों में खेवट-खतौनी की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि पंजीकरण नगर निकायों की ओर से प्रदत्त प्रॉपर्टी आईडी के माध्यम से किया जा रहा है।
लाइसेंस नंबर दर्ज करते ही सिस्टम में संबंधित डाटा स्वतः प्रदर्शित हो जाता है। पुराने शहर क्षेत्रों के रिकार्ड से खेवट-खसरा कॉलम हटा दिए गए हैं, जिससे नागरिक अगले कार्य दिवस से अपॉइंटमेंट बुक कर सकते हैं।
लाइसेंस प्राप्त कॉलोनियों का डाटा शहरी स्थानीय निकायों से लिंक कर दिया गया है। डीसी डा. विवेक भारती ने बताया कि पार्टनरशिप या कोलैबोरेशन डीड्स की कैरेक्टर लिमिट 500 से बढ़ाकर 10,000 कैरेक्टर कर दी गई है।
इससे शर्तों और नियमों को पूरा दर्ज किया जा सकेगा। छोटी-मोटी त्रुटियों के कारण आवेदन अस्वीकृत नहीं किए जाएंगे। जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी (जीपीए) की सुविधा पहले की तरह उपलब्ध है और इसे और सरल बनाया गया है। नागरिक सोमवार से अपॉइंटमेंट बुक कर सकेंगे।
कृषक कॉलम के संबंध में डीसी ने स्पष्ट किया कि इस कॉलम के आधार पर स्वामित्व में कोई बदलाव नहीं किया जा सकता। पहले किए गए इस प्रकार के रजिस्ट्रेशन की समीक्षा चल रही है और इसके लिए नए निर्देश शीघ्र जारी किए जाएंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में लोकेशन डाटा सटीक है।