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Fatehabad News: अब हैवी लाइसेंस के लिए भी आवेदन कर रहीं महिलाएं
संवाद न्यूज एजेंसी, फतेहाबाद
Updated Tue, 02 Dec 2025 11:31 PM IST
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फतेहाबाद के आरटीए कार्यालय में लाइसेंस संबंधित फाइलों पर काम करते कर्मचारी। संवाद
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फतेहाबाद। छोटे से लेकर बड़े वाहनों को चलाने का काम पहले सिर्फ पुरुष करते हैं, इस सोच को अब महिलाएं बदलने लगी है। जिला आरटीए कार्यालय में अब महिलाएं भी हैवी लाइसेंस बनवाने के लिए आवेदन करने लगी हैं।
जिसके तहत करीब 8 माह में करीब 50 आवेदन हैवी लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इनमें से करीब 20 महिलाओं का हैवी लाइसेंस बन चुका है। हैवी लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली महिला सरोज का कहना है कि वह अपने लिए एक नया कॅरिअर विकल्प तलाश रही हैं, बल्कि समाज को यह संदेश भी देना चाहती हैं कि ड्राइविंग जैसे पेशे में लिंग कोई बाधा नहीं है।
कई महिलाएं रोडवेज की बसों, ट्रकों या अन्य मालवाहक वाहनों को चलाने में अपना भविष्य देख रही हैं, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। महिलाएं भी अच्छे से वाहन संचालन कर सकती हैं।
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सरकार की लेडीज फर्स्ट पहल का असर
हरियाणा सरकार की ओर से हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग में महिलाओं को लेडीज फर्स्ट की नीति के तहत प्राथमिकता देने का फैसला भी इस बदलाव में सहायक साबित हुआ है। इस नीति के तहत, महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए लंबे इंतजार से मुक्ति मिली है और ऑनलाइन आवेदन करते ही उन्हें जल्द से जल्द प्रशिक्षण का अवसर मिल जाता है। भूना के रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में भी इस आदेश का पालन किया जा रहा है। इससे महिलाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है। इसमें 35 दिनों तक चलने वाला प्रशिक्षण अनिवार्य है। आवेदकों को न केवल वाहन चलाने के कौशल में महारत हासिल करनी होती है, बल्कि उन्हें सड़क सुरक्षा सहित यातायात नियमों की भी जानकारी होनी चाहिए।
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हैवी लाइसेंस के लिए भी महिलाएं भी आवेदन कर रही हैं, जिले में करीब 20 महिलाओं को इस साल लाइसेंस दे दिया गया है।
- संजय बिश्नोई, आरटीए फतेहाबाद।
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जिसके तहत करीब 8 माह में करीब 50 आवेदन हैवी लाइसेंस के लिए आवेदन किया है। इनमें से करीब 20 महिलाओं का हैवी लाइसेंस बन चुका है। हैवी लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली महिला सरोज का कहना है कि वह अपने लिए एक नया कॅरिअर विकल्प तलाश रही हैं, बल्कि समाज को यह संदेश भी देना चाहती हैं कि ड्राइविंग जैसे पेशे में लिंग कोई बाधा नहीं है।
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कई महिलाएं रोडवेज की बसों, ट्रकों या अन्य मालवाहक वाहनों को चलाने में अपना भविष्य देख रही हैं, जो उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। महिलाएं भी अच्छे से वाहन संचालन कर सकती हैं।
सरकार की लेडीज फर्स्ट पहल का असर
हरियाणा सरकार की ओर से हैवी लाइसेंस की ट्रेनिंग में महिलाओं को लेडीज फर्स्ट की नीति के तहत प्राथमिकता देने का फैसला भी इस बदलाव में सहायक साबित हुआ है। इस नीति के तहत, महिलाओं को ट्रेनिंग के लिए लंबे इंतजार से मुक्ति मिली है और ऑनलाइन आवेदन करते ही उन्हें जल्द से जल्द प्रशिक्षण का अवसर मिल जाता है। भूना के रोडवेज ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में भी इस आदेश का पालन किया जा रहा है। इससे महिलाओं को प्रोत्साहन मिल रहा है। इसमें 35 दिनों तक चलने वाला प्रशिक्षण अनिवार्य है। आवेदकों को न केवल वाहन चलाने के कौशल में महारत हासिल करनी होती है, बल्कि उन्हें सड़क सुरक्षा सहित यातायात नियमों की भी जानकारी होनी चाहिए।
हैवी लाइसेंस के लिए भी महिलाएं भी आवेदन कर रही हैं, जिले में करीब 20 महिलाओं को इस साल लाइसेंस दे दिया गया है।
- संजय बिश्नोई, आरटीए फतेहाबाद।