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Sanchar Saathi App: एक दिन में 10 गुना बढ़े डाउनलोड, विवाद के बीच जनता से मिला बड़ा रिस्पॉन्स
टेक डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नीतीश कुमार
Updated Wed, 03 Dec 2025 12:26 PM IST
सार
Sanchar Sathi App Downloads: सरकार के संचार साथी एप को लेकर भले ही विपक्ष और कुछ विशेषज्ञ सवाल उठा रहे हों, लेकिन इसके डाउनलोड का आंकड़ा रिकॉर्ड बना रहा है। मंगलवार को एप का डाउनलोड अचानक 10 गुना बढ़कर 6 लाख तक पहुंच गया। एप क्यों चर्चा में है, पूरा मामला जानें।
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संचार साथी एप
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सरकार की साइबर सुरक्षा और मोबाइल सेफ्टी के लिए बनाई गई संचार साथी एप (Sanchar Saathi App) इन दिनों सुर्खियों में है। जहां एक तरफ एप को मोबाइल फोन्स में अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल करने के आदेश को लेकर विरोध जारी है, वहीं दूसरी ओर एप का डाउनलोड का ग्राफ तेजी से ऊपर जा रहा है।
दूरसंचार विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को एप को लगभग 6 लाख लोगों ने डाउनलोड किया, जबकि सामान्य दिनों में यह आंकड़ा करीब 60 हजार रहता था। यानी एक दिन में डाउनलोड 10 गुना तक बढ़ गए।
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पहले से ही 1.5 करोड़ लोग कर चुके हैं डाउनलोड
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आदेश जारी होने से पहले ही 1.5 करोड़ लोग संचार साथी एप डाउनलोड कर चुके थे। 28 नवंबर को जारी आदेश में सभी मोबाइल कंपनियों को यह एप नए और पुराने सभी फोन्स में प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया गया है।
क्या है सरकार का आदेश?
दूरसंचार विभाग के 28 नवंबर के आदेश के मुताबिक, भारत में फोन बेचने वाली सभी कंपनियों को अपने फोन्स में संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल देना होगा। जबकि पुराने डिवाइसेस में भी एप सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए देना अनिवार्य होगा। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एप पहली बार फोन ऑन करते ही यूजर को दिखाई दे। निर्माता एप को छिपा या निष्क्रिय करके कॉम्प्लायंस का दावा नहीं कर सकते। टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि यूजर चाहे तो एप को अनइंस्टॉल भी कर सकता है। कंपनियों को इसे लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है।
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क्या है संचार साथी एप?
संचार साथी को पहली बार 2023 में एक पोर्टल के रूप में शुरू किया गया था। इसका उपयोग स्कैम कॉल की रिपोर्ट दर्ज करने, यूजर्स को उनके नाम पर रजिस्टर्ड सिम कार्ड की पहचान करने और फोन चोरी होने पर उसे निष्क्रिय करने के लिए किया जाता रहा है। यह भारत के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के डीएनडी एप की तरह है। इसके एप वर्जन में भी पोर्ट वाले ही सभी सुविधाएं मिलती हैं।
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दूरसंचार विभाग के सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को एप को लगभग 6 लाख लोगों ने डाउनलोड किया, जबकि सामान्य दिनों में यह आंकड़ा करीब 60 हजार रहता था। यानी एक दिन में डाउनलोड 10 गुना तक बढ़ गए।
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पहले से ही 1.5 करोड़ लोग कर चुके हैं डाउनलोड
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, आदेश जारी होने से पहले ही 1.5 करोड़ लोग संचार साथी एप डाउनलोड कर चुके थे। 28 नवंबर को जारी आदेश में सभी मोबाइल कंपनियों को यह एप नए और पुराने सभी फोन्स में प्री-इंस्टॉल करने का निर्देश दिया गया है।
क्या है सरकार का आदेश?
दूरसंचार विभाग के 28 नवंबर के आदेश के मुताबिक, भारत में फोन बेचने वाली सभी कंपनियों को अपने फोन्स में संचार साथी एप प्री-इंस्टॉल देना होगा। जबकि पुराने डिवाइसेस में भी एप सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए देना अनिवार्य होगा। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एप पहली बार फोन ऑन करते ही यूजर को दिखाई दे। निर्माता एप को छिपा या निष्क्रिय करके कॉम्प्लायंस का दावा नहीं कर सकते। टेलीकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने स्पष्ट किया कि यूजर चाहे तो एप को अनइंस्टॉल भी कर सकता है। कंपनियों को इसे लागू करने के लिए 90 दिन का समय दिया गया है।
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क्या है संचार साथी एप?
संचार साथी को पहली बार 2023 में एक पोर्टल के रूप में शुरू किया गया था। इसका उपयोग स्कैम कॉल की रिपोर्ट दर्ज करने, यूजर्स को उनके नाम पर रजिस्टर्ड सिम कार्ड की पहचान करने और फोन चोरी होने पर उसे निष्क्रिय करने के लिए किया जाता रहा है। यह भारत के दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के डीएनडी एप की तरह है। इसके एप वर्जन में भी पोर्ट वाले ही सभी सुविधाएं मिलती हैं।