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'अब मेरी बेटी कभी पाकिस्तान नहीं जाएगी': ज्योति मल्होत्रा के पिता ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, की यह बड़ी मांग
माई सिटी रिपोर्टर, हिसार
Published by: अंकेश ठाकुर
Updated Mon, 04 Aug 2025 07:41 PM IST
सार
हरियाणा के हिसार से यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा के पिता ने राष्ट्रपति को पत्र लिखा है। हिसार सिविल लाइन थाना पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को उसके घर से गिरफ्तार किया था। ज्योति मल्होत्रा पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का आरोप है।
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jyoti malhotra
- फोटो : Facebook @TravelWithJo
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विस्तार
पाकिस्तान के लिए जासूसी के आरोप में गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा के पिता हरीश मल्होत्रा ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को पत्र लिख कर अपनी बेटी को निर्दोष बताते हुए पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। हरीश मल्होत्रा ने अपने पत्र में लिखा कि पुलिस ने कोरे कागज पर साइन कराकर खुद ही बेटी की स्टेटमेंट लिखी है। देशद्रोह की धारा से संबंधित एक भी सबूत पुलिस नहीं जुटा पाई है। हिसार एसपी के बयान का हवाला देते हुए एफआईआर रद्द करने की मांग की। हरीश मल्होत्रा ने कहा अब मेरी बेटी कभी पाकिस्तान नहीं जाएगी, मैं इसकी गारंटी लेता हूं। सोमवार को ज्योति की कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए छठी पेशी हुई। अदालत ने ज्योति की न्यायिक हिरासत 14 दिन बढ़ा दी। अगली सुनवाई 18 अगस्त को होगी।
हिसार सिविल लाइन थाना पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को उसके घर से गिरफ्तार किया था। ज्योति मल्होत्रा पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत जासूसी, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।
सोमवार को ज्योति के पिता ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजे पत्र में लिखा कि पुलिस की एफआईआर का आधार पूछताछ के दौरान ज्योति की ओर रिकॉर्ड करवाई गई स्टेटमेंट है। पुलिस ने मेरी बेटी से कई कोरे कागजातों पर हस्ताक्षर करवाकर अपने हिसाब से स्टेटमेंट लिखी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 हमें आत्म-दोषारोपण से बचाता है, जिसके तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को उसके खुद के खिलाफ गवाह नहीं बना सकती।
एफआईआर में बेटी को ही उसके खिलाफ गवाह बनाया हुआ है। इसलिए यह एफआईआर असंवैधानिक है। पुलिस की एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 जोड़ी गई है। जिसके तहत मेरी बेटी के खिलाफ देशद्रोह का कोई आरोप नहीं लगाया है। 9 दिन के रिमांड के दौरान भी इस तरह के कोई सबूत मेरी बेटी के खिलाफ नहीं मिले हैं। ऐसे में पुलिस को यह धारा डिलीट करनी चाहिए। हिसार एसपी ने मीडिया में लिखित में प्रेस नोट जारी कर स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान मेरी बेटी के किसी भी संवेदनशील, सैन्य और रणनीति जानकारी तक पहुंच नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट की धाराओं के आरोप भी मेरी बेटी के खिलाफ उचित नहीं है।
हरीश मल्होत्रा ने कहा कि ट्रैवल ब्लॉगर के तौर पर मेरी बेटी ने पाकिस्तान यात्रा के जो वीडियो बनाए हैं, वे सामान्य ब्लॉग की तरह ही हैं। उनमें कुछ भी ऐसी कोई आपत्तिजनक बातें नहीं हैं। फिर भी एजेंसी यदि कोई वीडियो हटाने के लिए कहती है तो उनको मेरी बेटी अपने ब्लॉग से हटा देगी, इसकी गारंटी मैं खुद दे रहा हूं। अब मेरी बेटी अपनी पूरी जिंदगी में पाकिस्तान नहीं जाएगी। इसकी मैं गारंटी लूंगा। मेरी बेटी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करवाकर मुझे व मेरी बेटी को त्वरित न्याय दिलाने का कष्ट करें। मुझे आपसे ही न्याय की उम्मीद है।
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हिसार सिविल लाइन थाना पुलिस ने ज्योति मल्होत्रा को 16 मई को उसके घर से गिरफ्तार किया था। ज्योति मल्होत्रा पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, 1923 की धारा 3, 4 और 5 के तहत जासूसी, राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने और गोपनीय जानकारी साझा करने के आरोप में केस दर्ज किया गया था।
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सोमवार को ज्योति के पिता ने राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू को भेजे पत्र में लिखा कि पुलिस की एफआईआर का आधार पूछताछ के दौरान ज्योति की ओर रिकॉर्ड करवाई गई स्टेटमेंट है। पुलिस ने मेरी बेटी से कई कोरे कागजातों पर हस्ताक्षर करवाकर अपने हिसाब से स्टेटमेंट लिखी है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 20 हमें आत्म-दोषारोपण से बचाता है, जिसके तहत पुलिस किसी भी व्यक्ति को उसके खुद के खिलाफ गवाह नहीं बना सकती।
एफआईआर में बेटी को ही उसके खिलाफ गवाह बनाया हुआ है। इसलिए यह एफआईआर असंवैधानिक है। पुलिस की एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता की धारा 152 जोड़ी गई है। जिसके तहत मेरी बेटी के खिलाफ देशद्रोह का कोई आरोप नहीं लगाया है। 9 दिन के रिमांड के दौरान भी इस तरह के कोई सबूत मेरी बेटी के खिलाफ नहीं मिले हैं। ऐसे में पुलिस को यह धारा डिलीट करनी चाहिए। हिसार एसपी ने मीडिया में लिखित में प्रेस नोट जारी कर स्पष्ट किया है कि जांच के दौरान मेरी बेटी के किसी भी संवेदनशील, सैन्य और रणनीति जानकारी तक पहुंच नहीं मिली है। ऐसी स्थिति में ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट की धाराओं के आरोप भी मेरी बेटी के खिलाफ उचित नहीं है।
हरीश मल्होत्रा ने कहा कि ट्रैवल ब्लॉगर के तौर पर मेरी बेटी ने पाकिस्तान यात्रा के जो वीडियो बनाए हैं, वे सामान्य ब्लॉग की तरह ही हैं। उनमें कुछ भी ऐसी कोई आपत्तिजनक बातें नहीं हैं। फिर भी एजेंसी यदि कोई वीडियो हटाने के लिए कहती है तो उनको मेरी बेटी अपने ब्लॉग से हटा देगी, इसकी गारंटी मैं खुद दे रहा हूं। अब मेरी बेटी अपनी पूरी जिंदगी में पाकिस्तान नहीं जाएगी। इसकी मैं गारंटी लूंगा। मेरी बेटी के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करवाकर मुझे व मेरी बेटी को त्वरित न्याय दिलाने का कष्ट करें। मुझे आपसे ही न्याय की उम्मीद है।