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Rohtak: आईजी पूरण कुमार के गनमैन सुशील कुमार पर बड़ा खुलासा, 2.5 लाख रिश्वत मामले में चार्जशीट दाखिल
माई सिटी रिपोर्टर, रोहतक (हरियाणा)
Published by: नवीन दलाल
Updated Fri, 21 Nov 2025 02:02 PM IST
सार
6 अक्टूबर 2025 को अर्बन एस्टेट थाने में एफआईआर नंबर 319 दर्ज हुई थी। उस समय ईएएसआई सुशील कुमार आईजी पूरण कुमार के गनमैन के रूप में कार्यरत था। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उससे 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई।
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एडीजीपी वाई पूरण कुमार की फाइल फोटो
- फोटो : पीटीआई
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विस्तार
आईजी रोहतक रेंज दिवंगत पूरण कुमार से जुड़े 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मामले में पुलिस ने विस्तृत जांच पूरी कर 20 नवंबर 2025 को अंतिम चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी है। मामला तब सामने आया था जब एक स्थानीय शराब ठेकेदार ने ईएएसआई सुशील कुमार पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाते हुए ऑडियो और वीडियो सबूत पुलिस को सौंपे थे।
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क्या था पूरा मामला
6 अक्टूबर 2025 को अर्बन एस्टेट थाने में एफआईआर नंबर 319 दर्ज हुई थी। उस समय ईएएसआई सुशील कुमार आईजी पूरण कुमार के गनमैन के रूप में कार्यरत था। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उससे 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी गई। सबूत देखने के बाद सुशील कुमार को पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहाँ उसने रिश्वत मांगने की बात स्वीकार कर ली। उसने यह भी कहा कि वह आईजी पूरण कुमार के आदेश पर यह रकम मांग रहा था।
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गिरफ्तारी के अगले दिन आईजी की आत्महत्या
7 अक्टूबर को सुशील कुमार को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया गया, जहाँ से उसे जेल भेज दिया गया। उसी दिन आईजी वाई. पूरण कुमार ने आत्महत्या कर ली, जिससे मामला और गंभीर हो गया था।
एफएसएल की रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे
चार्जशीट के अनुसार, शिकायतकर्ता द्वारा दी गई ऑडियो रिकॉर्डिंग में सुशील कुमार की आवाज़ मैच हुई। वीडियो तथा लोकेशन विश्लेषण से पुष्टि हुई कि घटना के समय वह ठेकेदार के दफ्तर में ही मौजूद था। मोबाइल डेटा विश्लेषण में यह भी सामने आया कि सुशील कुमार आईजी पूरण कुमार के साथ लगातार वीओआईपी और फेसटाइम कॉल के जरिए संपर्क में था। वह एसएचओ और क्राइम टीम के अधिकारियों से भी आईजी के नाम पर पैसे मांग रहा था। उसके फोन से कई गोपनीय विभागीय दस्तावेज़ बरामद हुए, जिन तक उसकी पहुंच नहीं होनी चाहिए थी।
आईजी ऑफिस में अवैध कब्जा, वीआईपी रेस्ट हाउस में ठहराव
जांच में पाया गया कि सुशील कुमार आईजी ऑफिस में एक अलग कमरे में रहता था, जबकि उसकी वहां कोई औपचारिक पोस्टिंग नहीं थी। इसके अलावा वह कई महीनों से वीआईपी रेस्ट हाउस, सर्किट हाउस, रोहतक में ठहरा हुआ था, जिसकी बुकिंग आईजी ऑफिस ने करवाई थी।
चार्जशीट फाइल
अर्बन एस्टेट थाना पुलिस ने सभी FSL रिपोर्ट, गवाहों के बयान, डिजिटल सबूत और विभागीय रिकॉर्ड के आधार पर अंतिम चार्जशीट तैयार कर 20 नवंबर को अदालत में जमा कर दी है।