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Hisar: पाकिस्तान में सेठ जुगल किशोर के आवास में बनती थीं सुभाष चंद्र बोस की रणनीतियां, पढ़ें ये रिपोर्ट

नगेश शर्मा, हिसार (हरियाणा) Published by: नवीन दलाल Updated Tue, 23 Jan 2024 09:28 AM IST
सार

सुभाष चंद्र बोस ने रानी लक्ष्मीबाई ब्रिगेड का गठन किया था, जिसके पहले सदस्य दादा सेठ जुगल किशोर थे। बोस उनके आवास में रुकते थे और संगठन की रणनीतियां बनाते थे। 

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Subhash Chandra Bose strategies were made in Seth Jugal Kishore residence in Pakistan
सुभाष चंद्र बोस - फोटो : फाइल फोटो
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विस्तार
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पाकिस्तान के लाहौर में सेठ जुगल किशोर के आवास में सुभाष चंद्र बोस आजाद हिंद फाैज की रणनीतियां तैयार करते थे। जुगल किशोर रानी लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के पहले सदस्य थे। 1947 में बंटवारे के दौरान जब पाकिस्तान में बवाल शुरू हुआ तो जुगल किशोर लाहौरिया ने अपने परिवार को किसी तरह भारत भेज दिया। वह सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज में शामिल थे। उन्होंने वहीं रुककर भारत आने वाले लोगों की मदद की। वह छह माह तक भारत नहीं आए, कोई सूचना न मिलने पर परिवार वाले परेशान रहे।

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छह माह तक लापता रहने के बाद अचानक वह हिसार में अपने परिजनों के पास पहुंचे तो परिवार में उत्सव मनाकर उनका स्वागत किया गया। हिसार के लाहौरिया चौक स्थित लाहौरिया भवन निवासी अश्वनी लाहौरिया बताते हैं कि उनके दादा सेठ जुगल किशोर पाकिस्तान के लाहौर में रहकर कपड़े का व्यापार करते थे और सुभाष चंद्र बोस के साथी थे। बोस उनके आवास में रुकते थे और संगठन की रणनीतियां बनाते थे।
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बोस ने रानी लक्ष्मीबाई ब्रिगेड का गठन किया था, जिसके पहले सदस्य दादा सेठ जुगल किशोर थे। 1947 में बवाल के दौरान दादा ने परिवार को भारत भेज दिया और अन्य लोगों को सुरक्षित भारत भेजने के लिए खुद वहीं रुक गए। करीब छह माह बाद दादा किसी तरह घर पहुंचे। अश्वनी बताते हैं कि स्वदेशी के आंदोलन के दौरान दादा ने अपनी दुकान में रखे विदेशी कपड़ों को आग लगा दी थी। भारत पहुंचने के बाद उनके हिसार में दादा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ गए और विभिन्न आंदोलनों में शामिल रहे। लाहौर से आने के कारण ही दादा को सेठ जुगल किशोर लाहौरिया कहा जाने लगा। पिताजी मोहन लाल लाहौरिया भी दादा के साथ आंदोलन में शामिल रहे।

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