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जैन धर्म का जो मूल है वो ध्यान है : साधक भूपेश
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29जेएनडी30 : प्रवचन हॉल में नमोकार मंत्र का जाप करते हुए श्रद्धालु। स्रोत स्थानक।
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जींद। 22 पंथ जैन स्थानक उचाना मंडी में गुरु मया मदन सुदर्शन संघ प्रमुख अरुण चंद्र महाराज विराजमान है। सड़क दुर्घटना में घायल मनीष मुनि महाराज के जल्द स्वस्थ होने की कामना के लिए श्रद्धालुओं ने नमोकार मंत्र का जाप किया। सोमवार को ठंड के साथ-साथ कोहरा होने के बावजूद भी स्थानक में भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
गुरु सेवक अनुराग गर्ग ने गुरु देव तुम्ही मेरे जीवन को संभालोगे, मेरी डूबती नैय्या को धारा से निकालोगे प्रस्तुत कर गुरु की महिमा पर प्रकाश डाला। श्रद्धालुओं को गुरु ध्यान साधक भूपेश ने ध्यान के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि जैन धर्म का जो मूल है वो ध्यान है।
हर किसी को चाहिए कि वो समय निकाल कर ध्यान, तप, जाप करें। ध्यान का अर्थ है अपने स्वभाव में रहना है। आज हम दूसरों के प्रभाव में जीते है। अपना स्वभाव आनंदन स्वरूप है। इसलिए दूसरे के प्रभाव में जीने की बजाए अपने स्वभाव में रहना चाहिए।
अभिषेक मुनि ने कहा कि स्थानक में हर रोज रात साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक युवा संवाद आयोजित होता है। युवाओं के मनों में जो भी सवाल होते है उनका जबाव दिया जाता है। आज का युवा भ्रमित नहीं है। युवाओं के मनों में जो-जो सवाल होते है उनका जबाव दिया जाता है ताकि वो भ्रमित होने से बच सकें। युवा का मतलब वायु होता है क्योंकि युवा का विपरित शब्द वायु है।
जानकारी देते हुए 22 पंथ एसएस जैन सभा प्रधान दयांनद जैन ने बताया कि नव वर्ष पर होने वाले गुरू मया मदन सुदर्शन संघ प्रमुख अरूण चंद्र महाराज के सान्निध्य में महामंगल पाठ को लेकर तैयारी जोरों पर है। अलग-अलग टीमें बना कर ड्यूटी दी गई है ताकि कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। कोहरा का मौसम शुरू होने के चलते दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु जो 31 दिसंबर को उचाना पहुंचेंगे उनके रहने को लेकर व्यवस्था भी की है।
उचाना क्षेत्र में होने वाले पाठ को लेकर क्षेत्र के लोगों में उत्साह है। इस मौके पर वीरेंद्र करसिंधु, गोविंद जैन, राकेश छात्तर, रामचंद्र जैन, संदीप खर्ब, रामनिवास करसिंधु, विकास काला, प्रवीण गर्ग, हैप्पी गोयल, सुभाष कापड़ो, नवीन शर्मा, शीलू बुडायन, चंद्रपाल शर्मा, पंकज पार्षद, सतपाल करसिंधु, मोहन, सुरेंद्र गर्ग मौजूद रहे।
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हर किसी को चाहिए कि वो समय निकाल कर ध्यान, तप, जाप करें। ध्यान का अर्थ है अपने स्वभाव में रहना है। आज हम दूसरों के प्रभाव में जीते है। अपना स्वभाव आनंदन स्वरूप है। इसलिए दूसरे के प्रभाव में जीने की बजाए अपने स्वभाव में रहना चाहिए।
अभिषेक मुनि ने कहा कि स्थानक में हर रोज रात साढ़े सात बजे से साढ़े आठ बजे तक युवा संवाद आयोजित होता है। युवाओं के मनों में जो भी सवाल होते है उनका जबाव दिया जाता है। आज का युवा भ्रमित नहीं है। युवाओं के मनों में जो-जो सवाल होते है उनका जबाव दिया जाता है ताकि वो भ्रमित होने से बच सकें। युवा का मतलब वायु होता है क्योंकि युवा का विपरित शब्द वायु है।
जानकारी देते हुए 22 पंथ एसएस जैन सभा प्रधान दयांनद जैन ने बताया कि नव वर्ष पर होने वाले गुरू मया मदन सुदर्शन संघ प्रमुख अरूण चंद्र महाराज के सान्निध्य में महामंगल पाठ को लेकर तैयारी जोरों पर है। अलग-अलग टीमें बना कर ड्यूटी दी गई है ताकि कार्यक्रम में आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी न हो। कोहरा का मौसम शुरू होने के चलते दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालु जो 31 दिसंबर को उचाना पहुंचेंगे उनके रहने को लेकर व्यवस्था भी की है।
उचाना क्षेत्र में होने वाले पाठ को लेकर क्षेत्र के लोगों में उत्साह है। इस मौके पर वीरेंद्र करसिंधु, गोविंद जैन, राकेश छात्तर, रामचंद्र जैन, संदीप खर्ब, रामनिवास करसिंधु, विकास काला, प्रवीण गर्ग, हैप्पी गोयल, सुभाष कापड़ो, नवीन शर्मा, शीलू बुडायन, चंद्रपाल शर्मा, पंकज पार्षद, सतपाल करसिंधु, मोहन, सुरेंद्र गर्ग मौजूद रहे।