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Kaithal News: मुक्केबाजी में अपने पंच से मानसी बना रहीं पहचान
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Sun, 21 Dec 2025 12:46 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। सिवान गांव की 14 वर्षीय मानसी ने मुक्केबाजी में कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वह सब-जूनियर स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और कई स्कूल व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी पदक प्राप्त कर चुकी हैं। राष्ट्रीय स्तर की यह युवा बॉक्सर इन दिनों कॉमनवेल्थ और अगली स्टेट चैंपियनशिप की तैयारियों में जमकर पसीना बहा रही हैं।
मानसी कैथल के इंडोर स्टेडियम में कोच अमरजीत के मार्गदर्शन में नियमित प्रशिक्षण लेती हैं। कोच अमरजीत के सेंटर ने अब तक कई अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता और कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए हैं। वर्तमान में केंद्र पर प्रतिदिन लगभग 80 खिलाड़ी- 40 लड़के और 40 लड़कियां अभ्यास कर रहे हैं।
मानसी के पिता अशोक कुमार ट्रक चालक हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद वे अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ते। मानसी अपनी बहन खुशी के साथ रोज़ाना करीब 10 किलोमीटर साइकिल चलाकर प्रशिक्षण के लिए जाती हैं। उनकी बहन खुशी भी राष्ट्रीय स्तर की हैंडबॉल खिलाड़ी है। माता महिंद्रो देवी गृहिणी हैं और बेटियों की खेल यात्रा में मजबूत सहारा बनी हुई हैं। कोच अमरजीत ने कहा मानसी की सफलता और उसके परिवार की संघर्षपूर्ण व प्रेरक कहानी इस बात का उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन, निरंतर अभ्यास और परिवार के सहयोग से हर बच्चा सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
सभी अभिभावकों और माता-पिता से मेरा अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को रोज़ाना ग्राउंड जरूर भेजें। चाहे मुक्केबाजी हो या कोई अन्य खेल। अपने बच्चों को खेल से जरूर जोड़ें। वे माता-पिता और जिले का नाम भी रोशन करेंगे। -अमरजीत, कोच
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कैथल। सिवान गांव की 14 वर्षीय मानसी ने मुक्केबाजी में कम उम्र में ही अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वह सब-जूनियर स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं और कई स्कूल व राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी पदक प्राप्त कर चुकी हैं। राष्ट्रीय स्तर की यह युवा बॉक्सर इन दिनों कॉमनवेल्थ और अगली स्टेट चैंपियनशिप की तैयारियों में जमकर पसीना बहा रही हैं।
मानसी कैथल के इंडोर स्टेडियम में कोच अमरजीत के मार्गदर्शन में नियमित प्रशिक्षण लेती हैं। कोच अमरजीत के सेंटर ने अब तक कई अंतरराष्ट्रीय पदक विजेता और कई राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी तैयार किए हैं। वर्तमान में केंद्र पर प्रतिदिन लगभग 80 खिलाड़ी- 40 लड़के और 40 लड़कियां अभ्यास कर रहे हैं।
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मानसी के पिता अशोक कुमार ट्रक चालक हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद वे अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने में कोई कमी नहीं छोड़ते। मानसी अपनी बहन खुशी के साथ रोज़ाना करीब 10 किलोमीटर साइकिल चलाकर प्रशिक्षण के लिए जाती हैं। उनकी बहन खुशी भी राष्ट्रीय स्तर की हैंडबॉल खिलाड़ी है। माता महिंद्रो देवी गृहिणी हैं और बेटियों की खेल यात्रा में मजबूत सहारा बनी हुई हैं। कोच अमरजीत ने कहा मानसी की सफलता और उसके परिवार की संघर्षपूर्ण व प्रेरक कहानी इस बात का उदाहरण है कि सही मार्गदर्शन, निरंतर अभ्यास और परिवार के सहयोग से हर बच्चा सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकता है।
सभी अभिभावकों और माता-पिता से मेरा अनुरोध है कि वे अपने बच्चों को रोज़ाना ग्राउंड जरूर भेजें। चाहे मुक्केबाजी हो या कोई अन्य खेल। अपने बच्चों को खेल से जरूर जोड़ें। वे माता-पिता और जिले का नाम भी रोशन करेंगे। -अमरजीत, कोच