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वीडियो वायरल: कैथल जिला परिषद में पिस्तौल लगा पहुंचे उपाध्यक्ष के प्रतिनिधि, पार्षदों ने बताया नियमों के खिलाफ
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल (हरियाणा)
Updated Thu, 20 Nov 2025 09:53 AM IST
सार
जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष व वार्ड-2 से पार्षद दीप मलिक ने कहा कि बैठक में हथियार लेकर आना नियमों के विरुद्ध है और यह प्रशासनिक लापरवाही भी है। बैठक में अक्सर बहस गर्म हो जाती है, ऐसे में आवेश में कोई अनहोनी हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।
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बैठक में अपनी बात रखते उप-अध्यक्ष प्रतिनिधि और कमर पर टंगी पिस्तौल।
- फोटो : संवाद
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विस्तार
जिला परिषद की बुधवार को हुई बैठक में उपाध्यक्ष के प्रतिनिधि कर्मबीर फौजी फिल्मी स्टाइल में कमर पर पिस्तौल टांगकर पहुंचे, जिसे देखकर एक पल को पार्षद और अन्य प्रतिनिधि भी हैरान रह गए। बैठक के दौरान कमर पर टंगी पिस्तौल के साथ ही उन्होंने विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात रखी। इस दौरान किसी ने उनका वीडियो बना लिया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
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कुछ पार्षदों ने दबी आवाज में इसे नियमों के खिलाफ बताया। उनका कहना था कि बैठक में कई बार मुद्दों पर बहस तेज हो जाती है, ऐसे में हथियार का मौजूद होना किसी भी अनहोनी की आशंका बढ़ा सकता है। प्रशासन को इस पर संज्ञान लेना चाहिए।
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उधर, बैठक में सीटों को लेकर भी असंतोष दिखा। कई पार्षदों को पहली पंक्ति में कुर्सी नहीं मिली, जबकि प्रतिनिधि आगे बैठे रहे। इस संबंध में उपाध्यक्ष प्रतिनिधि कर्मबीर फौजी ने बताया कि वे बैठक के लिए देर से पहुंचे थे, इसलिए पिस्तौल की बेल्ट उतारना भूल गए। उनका कहना है कि पिस्तौल वे कार में ही छोड़ आए थे और बैठक में लाने का कोई इरादा नहीं था। बता दें कि कर्मबीर फौजी हरियाणवी गायक भी हैं। बैठक में 21 में से 20 जिला परिषद पार्षद और छह ब्लॉक समिति अध्यक्ष उपस्थित रहे। 15वें वित्त आयोग के तहत मिले लगभग एक करोड़ रुपये के बजट के उपयोग और वितरण पर भी चर्चा की गई।
प्रशासन की लापरवाही : पार्षद
जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष व वार्ड-2 से पार्षद दीप मलिक ने कहा कि बैठक में हथियार लेकर आना नियमों के विरुद्ध है और यह प्रशासनिक लापरवाही भी है। बैठक में अक्सर बहस गर्म हो जाती है, ऐसे में आवेश में कोई अनहोनी हो जाए तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। उन्होंने प्रशासन से कार्रवाई की मांग की। हालांकि वे बैठक में मौजूद नहीं थे।
मामला प्रशासनिक जांच का : अध्यक्ष
जिला परिषद अध्यक्ष कर्मबीर कौल ने बताया कि बैठक में विकास कार्यों पर मंथन किया गया और लंबित कार्यों की रूपरेखा तैयार की गई। पिस्तौल लेकर बैठक में आने के मामले पर उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक जांच का विषय है, वे इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
आठ करोड़ रुपये के विकास कार्यों की समीक्षा
बैठक में पिछले बजट के आठ करोड़ रुपये से कराए जाने वाले विकास कार्यों की समीक्षा की गई। जुलाई माह में कई कार्य पास हुए थे, लेकिन उनके वर्क ऑर्डर जारी नहीं हो पाए। यह मुद्दा भी बैठक में प्रमुखता से उठा। कुछ कार्य पार्षदों ने अपने स्तर पर करवाए हैं, जिनकी गुणवत्ता की जांच कराने की बात रखी गई, ताकि उसके बाद ही भुगतान की प्रक्रिया आगे बढ़ सके।
लाइसेंसशुदा पिस्तौल रखने के स्पष्ट नियम हैं। यदि इन नियमों का उल्लंघन कर बैठक में हथियार लाया गया है तो जांच कराई जाएगी। नियमों की अवहेलना साबित होने पर पिस्तौल का लाइसेंस रद्द भी किया जा सकता है। शिकायत मिलने पर पुलिस जांच करेगी। -उपासना, एसपी।