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Kaithal News: दिवाली से पहले किया वादा अधूरा
संवाद न्यूज एजेंसी, कैथल
Updated Tue, 18 Nov 2025 01:37 AM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कैथल। फसल खराबे का मुआवजा न मिलने से किसानों में भारी नाराजगी है। सरकार द्वारा दिवाली से पहले राहत राशि जारी करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन वादा पूरा न होने से किसानों की उम्मीदें टूटने लगी हैं।
जिले के 273 गांवों के 9,745 किसानों ने पोर्टल पर आवेदन किया था, जिनमें गुहला-चीका, सीवन, पूंडरी, कलायत और ढांड क्षेत्र सबसे प्रभावित रहे। पटवारियों द्वारा सर्वे पूरे किए जाने के बावजूद किसानों के खातों में मुआवजा राशि अभी तक नहीं पहुंच पाई है।उन्होंने कहा कि अब घर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।
नेताओं ने भी उठाई आवाज
किसान नेता होशियार गिल ने कहा कि अधिकारियों की तरफ से मुआवजे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि मुआवजा अटकने से किसानों का बजट बिगड़ चुका है। किसान कर्ज की दलदल में फंसते जा रहे हैं। सरकार को किसानों की मांगें देखते हुए तुरंत राहत राशि जारी करनी चाहिए।
किसानों की हालत खराब, कर्ज लेने की नौबत
कांगथली के किसान राजेंद्र ने बताया कि उसकी 4 एकड़ धान की फसल बारिश व बाढ़ में पूरी तरह नष्ट हो गई। ठेके की जमीन पर खेती करने के कारण उसका पूरा आर्थिक संतुलन बिगड़ गय है। उन्होंने कहा कि अब घर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। सरकार को तुरंत मुआवजा जारी करना चाहिए।
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कैथल। फसल खराबे का मुआवजा न मिलने से किसानों में भारी नाराजगी है। सरकार द्वारा दिवाली से पहले राहत राशि जारी करने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन वादा पूरा न होने से किसानों की उम्मीदें टूटने लगी हैं।
जिले के 273 गांवों के 9,745 किसानों ने पोर्टल पर आवेदन किया था, जिनमें गुहला-चीका, सीवन, पूंडरी, कलायत और ढांड क्षेत्र सबसे प्रभावित रहे। पटवारियों द्वारा सर्वे पूरे किए जाने के बावजूद किसानों के खातों में मुआवजा राशि अभी तक नहीं पहुंच पाई है।उन्होंने कहा कि अब घर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है।
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नेताओं ने भी उठाई आवाज
किसान नेता होशियार गिल ने कहा कि अधिकारियों की तरफ से मुआवजे पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि मुआवजा अटकने से किसानों का बजट बिगड़ चुका है। किसान कर्ज की दलदल में फंसते जा रहे हैं। सरकार को किसानों की मांगें देखते हुए तुरंत राहत राशि जारी करनी चाहिए।
किसानों की हालत खराब, कर्ज लेने की नौबत
कांगथली के किसान राजेंद्र ने बताया कि उसकी 4 एकड़ धान की फसल बारिश व बाढ़ में पूरी तरह नष्ट हो गई। ठेके की जमीन पर खेती करने के कारण उसका पूरा आर्थिक संतुलन बिगड़ गय है। उन्होंने कहा कि अब घर चलाने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। सरकार को तुरंत मुआवजा जारी करना चाहिए।