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Karnal News: कुंजपुरा स्टेडियम बदहाल, मैदान में उगी झाड़ियां और टूट गए जिम
संवाद न्यूज एजेंसी, करनाल
Updated Mon, 08 Dec 2025 01:31 AM IST
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कुंजपुरा। करीब 25 हजार की आबादी वाले खंड स्तर का दर्जा प्राप्त ऐतिहासिक गांव कुंजपुरा का हनुमान स्टेडियम बदहाल है। शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले इस खेल मैदान में स्कूल प्रबंधन ने तीन साल में कोई विकास कार्य नहीं कराया। यहां ग्रामीणों की खेल कमेटी व ग्राम पंचायत के सहयोग से ही कुछ सुविधाएं मिल पाई हैं। स्टेडियम में जगह-जगह झाड़ियां उगी हैं। सफाई की व्यवस्था नहीं है, शौचालय गंदगी से अटे हैं और जिम टूट गए हैं।
बीते वर्ष राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रबंधन की ओर से स्टेडियम में 200 पौधे रोपित किए गए थे। ताकि हरियाली बनी रहे और खिलाड़ियों को अच्छा वातावरण उपलब्ध हो सके लेकिन कुछ लोगों ने इन्हें ट्रैक्टर चला कर रौंद डाला। इसके पीछे कारण बताया गया कि क्रिकेट खेलने वाले बच्चों के लिए ट्रैक बनाया जाना था। कई वर्षों से शौचालय का निर्माण भी अधूरा है। शिक्षा विभाग सहित ग्राम पंचायत व कमेटी भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रही।
कुछ समय पूर्व तत्कालीन मंत्री कर्ण देव कांबोज के कार्यकाल में स्टेडियम के एक हिस्से में ग्राम पंचायत सचिवालय का निर्माण शुरू हुआ था जो अधूरा है। एक सप्ताह पहले स्टेडियम में तिरंगा लगाने के लिए पोल खड़ा करने के लिए काम शुरू किया था लेकिन आपसी खींचतान के बीच कुछ ग्रामीणों ने इस निर्माण कार्य को भी बंद करवा दिया। समाजसेवी दर्शन सिंह राणा का कहना है कि स्टेडियम में विभिन्न सुविधाओं का अभाव है। स्टेडियम में रोजाना विभिन्न खेलों का अभ्यास करने वाले 500 के करीब युवा आते हैं जो सुविधा न मिलने के कारण परेशान हैं।
मैदान में गंदगी का आलम
स्टेडियम में जगह-जगह घास उगी है। सफाई की व्यवस्था नहीं है, शौचालय गंदगी से अटे हैं। वॉलीबॉल खिलाड़ियों के लिए दो नेट व दो ओपन जिम की व्यवस्था है लेकिन इनका भी रखरखाव करने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों की ओर से ही खेल मैदान के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगाया जाता है ताकि कोई शरारती तत्व या आवारा पशु स्टेडियम में न घुस सके। स्टेडियम में कुश्ती का अखाड़ा है न कबड्डी का मैदान है।
ट्रैक बनाने के लिए उजाड़ दी हरियाली
स्कूल के हिंदी प्राध्यापक सत्यवान, गणित प्राध्यापक जसबीर सिंह, इतिहास प्राध्यापक कुशल पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने जुलाई 2024 में स्टेडियम में 200 पौधे लगाए थे। लेकिन कुछ लोगों ने हरियाली को उजाड़ दिया।
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बीते वर्ष राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय प्रबंधन की ओर से स्टेडियम में 200 पौधे रोपित किए गए थे। ताकि हरियाली बनी रहे और खिलाड़ियों को अच्छा वातावरण उपलब्ध हो सके लेकिन कुछ लोगों ने इन्हें ट्रैक्टर चला कर रौंद डाला। इसके पीछे कारण बताया गया कि क्रिकेट खेलने वाले बच्चों के लिए ट्रैक बनाया जाना था। कई वर्षों से शौचालय का निर्माण भी अधूरा है। शिक्षा विभाग सहित ग्राम पंचायत व कमेटी भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रही।
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कुछ समय पूर्व तत्कालीन मंत्री कर्ण देव कांबोज के कार्यकाल में स्टेडियम के एक हिस्से में ग्राम पंचायत सचिवालय का निर्माण शुरू हुआ था जो अधूरा है। एक सप्ताह पहले स्टेडियम में तिरंगा लगाने के लिए पोल खड़ा करने के लिए काम शुरू किया था लेकिन आपसी खींचतान के बीच कुछ ग्रामीणों ने इस निर्माण कार्य को भी बंद करवा दिया। समाजसेवी दर्शन सिंह राणा का कहना है कि स्टेडियम में विभिन्न सुविधाओं का अभाव है। स्टेडियम में रोजाना विभिन्न खेलों का अभ्यास करने वाले 500 के करीब युवा आते हैं जो सुविधा न मिलने के कारण परेशान हैं।
मैदान में गंदगी का आलम
स्टेडियम में जगह-जगह घास उगी है। सफाई की व्यवस्था नहीं है, शौचालय गंदगी से अटे हैं। वॉलीबॉल खिलाड़ियों के लिए दो नेट व दो ओपन जिम की व्यवस्था है लेकिन इनका भी रखरखाव करने वाला कोई नहीं है। ग्रामीणों की ओर से ही खेल मैदान के मुख्य प्रवेश द्वार पर ताला लगाया जाता है ताकि कोई शरारती तत्व या आवारा पशु स्टेडियम में न घुस सके। स्टेडियम में कुश्ती का अखाड़ा है न कबड्डी का मैदान है।
ट्रैक बनाने के लिए उजाड़ दी हरियाली
स्कूल के हिंदी प्राध्यापक सत्यवान, गणित प्राध्यापक जसबीर सिंह, इतिहास प्राध्यापक कुशल पाल सिंह ने बताया कि उन्होंने जुलाई 2024 में स्टेडियम में 200 पौधे लगाए थे। लेकिन कुछ लोगों ने हरियाली को उजाड़ दिया।