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Karnal News: फर्जी नंबर प्लेट लगाकर रुपये ऐंठने का खेल
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- स्वच्छ भारत मिशन की प्लेट बता कर ग्रामीणों को लगाई जा रही थी चपत, ग्रामीणों ने दो युवकों को पकड़ा
संवाद न्यूज एजेंसी
करनाल। खंड कुंजपुरा के दनियालपुर गांव में एक घर के बाहर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर लोगों से रुपये ऐंठना दो लोगों को भारी पड़ गया। ग्रामीणों ने जब उन्हें पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि वे गांव के 62 घरों में ऐसा कर चुके हैं। वीरवार को गांव के मनोज नामक युवक ने उन्हें बैठाए रखा और डायल 112 को सूचित किया। वहीं जांच के दौरान उनका अनुमति पत्र फर्जी मिला, डीडीपीओ ने इसकी मंजूरी देने की बात को नकारा है। दोनों डायल 112 की टीम को बीडीपीओ कुंजपुरा की मोहर वाला पत्र दिखाने लगे। जब सख्ती से पूछकर पहचान-पत्र, कंपनी का अथॉरिटी लेटर व पंचायती विभाग की और से अनुबंध किया हुआ पत्र मांगा तो वह भी उनके पास नहीं मिला। इसके बाद उन्हें पुलिस थाने ले गई।
ग्रामीण मेघ सिंह, रविश, धर्म सिंह, अंकुश व धर्मपाल ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी इस तरह से टीम ने आकर गांव में मकानों की फर्जी नंबर प्लेट दी थी। अब फिर बीपीएल व अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने के नाम पर उनसे आधार कार्ड नंबर मांगा गया और पूछा गया कि उन्हें बीपीएल का लाभ मिलता है या नहीं। इस संदर्भ में बीडीपीओ कुंजपुरा की ओर से ग्राम सचिवों के व्हाट्सएप ग्रुप में तत्काल संदेश डाला गया कि कोई भी ग्राम सचिव अपने गांव में इस तरह की नंबर प्लेट न लगवाए।
वर्जन
पंचायत विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों में नंबर प्लेट लगाने और लोगों से पैसे लेने की परमिशन नहीं दी गई है। जिला के कई गांवों से शिकायतें आई हैं, इस पर कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। इस संदर्भ में संबंधित बीडीपीओ से रिपोर्ट भी तलब की जाएगी कि किसकी अनुमति से ग्राम पंचायतों में यह लोग गए।
- संजय टांक, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी
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करनाल। खंड कुंजपुरा के दनियालपुर गांव में एक घर के बाहर फर्जी नंबर प्लेट लगाकर लोगों से रुपये ऐंठना दो लोगों को भारी पड़ गया। ग्रामीणों ने जब उन्हें पकड़कर पूछताछ की तो पता चला कि वे गांव के 62 घरों में ऐसा कर चुके हैं। वीरवार को गांव के मनोज नामक युवक ने उन्हें बैठाए रखा और डायल 112 को सूचित किया। वहीं जांच के दौरान उनका अनुमति पत्र फर्जी मिला, डीडीपीओ ने इसकी मंजूरी देने की बात को नकारा है। दोनों डायल 112 की टीम को बीडीपीओ कुंजपुरा की मोहर वाला पत्र दिखाने लगे। जब सख्ती से पूछकर पहचान-पत्र, कंपनी का अथॉरिटी लेटर व पंचायती विभाग की और से अनुबंध किया हुआ पत्र मांगा तो वह भी उनके पास नहीं मिला। इसके बाद उन्हें पुलिस थाने ले गई।
ग्रामीण मेघ सिंह, रविश, धर्म सिंह, अंकुश व धर्मपाल ने आरोप लगाया कि इससे पहले भी इस तरह से टीम ने आकर गांव में मकानों की फर्जी नंबर प्लेट दी थी। अब फिर बीपीएल व अन्य सरकारी सुविधाओं का लाभ दिलाने के नाम पर उनसे आधार कार्ड नंबर मांगा गया और पूछा गया कि उन्हें बीपीएल का लाभ मिलता है या नहीं। इस संदर्भ में बीडीपीओ कुंजपुरा की ओर से ग्राम सचिवों के व्हाट्सएप ग्रुप में तत्काल संदेश डाला गया कि कोई भी ग्राम सचिव अपने गांव में इस तरह की नंबर प्लेट न लगवाए।
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पंचायत विभाग की ओर से ग्राम पंचायतों में नंबर प्लेट लगाने और लोगों से पैसे लेने की परमिशन नहीं दी गई है। जिला के कई गांवों से शिकायतें आई हैं, इस पर कड़ा संज्ञान लिया जाएगा। इस संदर्भ में संबंधित बीडीपीओ से रिपोर्ट भी तलब की जाएगी कि किसकी अनुमति से ग्राम पंचायतों में यह लोग गए।
- संजय टांक, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी