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Kurukshetra News: 10,480 किसानों ने किया मुआवजे के लिए आवेदन
संवाद न्यूज एजेंसी, कुरुक्षेत्र
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:23 AM IST
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इस्माईलाबाद। बाढ़ से बर्बाद हुई धान की फसल। संवाद
- फोटो : धूता गोशाला के सामने खडंजा में भरे पानी से निकलते लोग।
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संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। कृषि विभाग के मुताबिक बाढ़ व जलभराव के चलते अभी तक करीब 68 हजार एकड़ फसल में नुकसान सामने आया है, जिसके चलते 10 हजार 480 किसानों ने मुआवजे के लिए मांग की है। प्रशासन ने इस नुकसान की जांच के लिए आंकलन भी शुरू करवा दिया है, जिसके बाद वास्तविक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इस रकबे में सबसे ज्यादा पिहोवा क्षेत्र का करीब 22974 एकड़ रकबा है जबकि शाहाबाद का 16413 एकड़, थानेसर का 15338, इस्माईलाबाद का 11460, बाबैन का 910 व लाडवा का 770 एकड़ रकबा शामिल है। अभी 15 सितंबर तक पोर्टल खुला रहेगा, जिस पर अन्य किसान भी अपनी फसल में हुए नुकसान की शिकायत दे सकता है।
मानसून सीजन के दौरान जहां इस बार भारी बारिश हुई तो वहीं बाढ़ ने भी अपना कहर बरपाया। अनेक क्षेत्रों में हुए जलभराव के चलते फसलों में हल्के नुकसान से लेकर सौ फीसदी तक भी हुआ, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। अभी भी कई क्षेत्रों में फसलें जलमग्न है। जहां से पानी उतर रहा है वहीं से बर्बादी के निशान उभर रहे हैं। ऐसे में किसानों की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने मुआवजा देने का ऐलान किया है, जिसके लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है। किसान लगातार इस पोर्टल पर आवेदन कर रहे हैं।
बॉक्स
चार दिन से फसलों का करवाया जा रहा आंकलन : डीआरओ
डीआरओ चेतना चौधरी का कहना है कि चार दिनों से जिन खराब फसलों की शिकायतें पोर्टल के माध्यम से पहुंच रही है, उनका वेरिफिकेशन भी कराया जा रहा है। 15 सितंबर तक पोर्टल खुला रहेगा, जिसके बाद पूरे रकबे का आंकलन होगा और उसी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
बॉक्स 16
किसान को प्रति एकड़ हो रहा 10 से 15 हजार का नुक्सान
लाडवा। धान की 1509 किस्म किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती दिख रही है, क्योंकि इस बार अधिक बारिश होने के कारण किसानों को 1509 धान में कम से कम 10 से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ का घाटा उठाना पड़ रहा है। क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश से 1509 धान लगाने वाले किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान होता दिख रहा है। इस समय बाबैन अनाज मंडी में 1509 धान की आवक जोरों पर है। प्रतिदिन मंडी में करीब 3000 हजार बोरी मंडी में 1509 किस्म धान की पहुंच रही है। यहां 2800 से लेकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल तक दाम किसानों को मिल रहे हैं इसके बावजूद भी गत वर्ष किसानों को 1509 धान की किस्म का करीब 60 से 70 हजार रुपए प्रति एकड़ का निकला था जो इस बार घटकर 50 हजार से भी कम रह गया है। किसान मुकेश कुमार, पवन कुमार, राम कुमार, अशोक कुमार, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि इस वर्ष बरसात के चलते प्रति एकड़ 15 से 19 क्विंटल तक पैदावार हो रही है, जबकि गत वर्ष 20 से 25 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार हुई थी।
किसानों के अनुसार इस बार अब तक 1509 किस्म धान में 10 से 15 हजार रुपए प्रति एकड़ का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है, जिसकी भरपाई के लिए सरकार को कम से कम 300 से 500 रुपए प्रति एकड़ बोनस देना चाहिए, ताकि किसानों को नुकसान की कुछ भरपाई हो सके।

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मानसून सीजन के दौरान जहां इस बार भारी बारिश हुई तो वहीं बाढ़ ने भी अपना कहर बरपाया। अनेक क्षेत्रों में हुए जलभराव के चलते फसलों में हल्के नुकसान से लेकर सौ फीसदी तक भी हुआ, जिससे किसानों को भारी नुकसान हुआ है। अभी भी कई क्षेत्रों में फसलें जलमग्न है। जहां से पानी उतर रहा है वहीं से बर्बादी के निशान उभर रहे हैं। ऐसे में किसानों की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार ने मुआवजा देने का ऐलान किया है, जिसके लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है। किसान लगातार इस पोर्टल पर आवेदन कर रहे हैं।
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चार दिन से फसलों का करवाया जा रहा आंकलन : डीआरओ
डीआरओ चेतना चौधरी का कहना है कि चार दिनों से जिन खराब फसलों की शिकायतें पोर्टल के माध्यम से पहुंच रही है, उनका वेरिफिकेशन भी कराया जा रहा है। 15 सितंबर तक पोर्टल खुला रहेगा, जिसके बाद पूरे रकबे का आंकलन होगा और उसी रिपोर्ट के आधार पर मुआवजा दिया जाएगा।
बॉक्स 16
किसान को प्रति एकड़ हो रहा 10 से 15 हजार का नुक्सान
लाडवा। धान की 1509 किस्म किसानों के लिए घाटे का सौदा बनती दिख रही है, क्योंकि इस बार अधिक बारिश होने के कारण किसानों को 1509 धान में कम से कम 10 से 15 हजार रुपये प्रति एकड़ का घाटा उठाना पड़ रहा है। क्षेत्र में हुई बेमौसम बारिश से 1509 धान लगाने वाले किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान होता दिख रहा है। इस समय बाबैन अनाज मंडी में 1509 धान की आवक जोरों पर है। प्रतिदिन मंडी में करीब 3000 हजार बोरी मंडी में 1509 किस्म धान की पहुंच रही है। यहां 2800 से लेकर 3100 रुपये प्रति क्विंटल तक दाम किसानों को मिल रहे हैं इसके बावजूद भी गत वर्ष किसानों को 1509 धान की किस्म का करीब 60 से 70 हजार रुपए प्रति एकड़ का निकला था जो इस बार घटकर 50 हजार से भी कम रह गया है। किसान मुकेश कुमार, पवन कुमार, राम कुमार, अशोक कुमार, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि इस वर्ष बरसात के चलते प्रति एकड़ 15 से 19 क्विंटल तक पैदावार हो रही है, जबकि गत वर्ष 20 से 25 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार हुई थी।
किसानों के अनुसार इस बार अब तक 1509 किस्म धान में 10 से 15 हजार रुपए प्रति एकड़ का नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है, जिसकी भरपाई के लिए सरकार को कम से कम 300 से 500 रुपए प्रति एकड़ बोनस देना चाहिए, ताकि किसानों को नुकसान की कुछ भरपाई हो सके।