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Kurukshetra News: लोक अदालत में 10,705 मामलों का निपटारा

संवाद न्यूज एजेंसी, कुरुक्षेत्र Updated Sun, 14 Sep 2025 01:31 AM IST
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10,705 cases settled in Lok Adalat
कुरुक्षेत्र। लोक अदालत में अपने मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट के बाहर इंतजार करते फरयादी।  संवाद - फोटो : शहर में दरीबा के पास हादसे में क्षतिग्रस्त कार।
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संवाद न्यूज एजेंसी
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कुरुक्षेत्र। जिला कोर्ट परिसर में शनिवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत में 14,057 मामलों में से 10,705 का मौके पर निपटारा किया गया। इस दौरान आठ करोड़ 54 लाख 27 हजार 208 रुपये के मुआवजे के आदेश पारित किए गए। इस दौरान पूरे दिन फरियादियों की लंबी कतारें लगी रहीं। लोक अदालत की अध्यक्षता जिला व सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार मित्तल ने की।
अदालत में अधिकतम मामलों के निपटारे के लिए प्रधान न्यायाधीश (पारिवारिक न्यायालय) हरलीन ए. शर्मा, अतिरिक्त जिला व सत्र न्यायाधीश अनिल कुमार, भावना जैन, डॉ. मोहिनी, जप जी सिंह, गिर्राज सिंह, उप-मंडल न्यायाधीश पल्लवी ओझा, न्यायाधीश भरत, और स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाएं) के अध्यक्ष प्रवीण गुप्ता की अध्यक्षता में बेंच गठित किए गए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव व सीजेएम नीतिका भारद्वाज ने बताया कि प्री-लिटिगेशन के 126 में से 47 मामलों में 1.12 करोड़ रुपये, बैंक रिकवरी के 25 में से 18 मामलों में 51.82 लाख रुपये, क्रिमिनल कम्पाउंडेशन के 370 में से 136 मामलों में 3.65 लाख रुपये, एमएसीटी के 162 में से 62 मामलों में 5.30 करोड़ रुपये, एनआई एक्ट के 1,569 में से 83 मामलों में 1.65 लाख रुपये और लंबित 6,861 में से 5,861 मामलों में 1.54 करोड़ रुपये की सेटलमेंट के आदेश पारित हुए। इसके अतिरिक्त रिवन्यू के सभी 3,920 मामलों का निपटारा किया गया।
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- मोटर दुर्घटना मामले का निपटारा, छह लाख मुआवजा स्वीकृत

लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण में लंबित एक मोटर दुर्घटना दावा याचिका दीपक बनाम अनुराधा सिंह यादव व अन्य का सौहार्दपूर्ण निपटारा हुआ। दुर्घटना में घायल याचिकाकर्ता दीपक वर्षों से न्याय की प्रतीक्षा में थे। लोक अदालत के प्रयासों से यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड ने छह लाख रुपये मुआवजे पर सहमति जताई। इसमें 25 प्रतिशत राशि नकद दी जाएगी, शेष 75 प्रतिशत तीन वर्ष की सावधि जमा में जमा होगी, ताकि याचिकाकर्ता की वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित हो।
- एक हजार के चालान का निपटान पड़ा मंहगा
दो साल पहले हुए हेलमेट का एक हजार का चालान पुंडरी के एक फरियादी को महंगा पड़ गया। उन्होंने लोक अदालत में चालान को कम कराने के लिए अपील की थी लेकिन चालान कम नहीं हो सका। इस दौरान फरियादी न्यायाधीश के सामने यह कहता नजर आया की उसका आने-जाने व आवेदन देने में दो हजार का खर्च हो चुका है। अब आप भी चालान कम नहीं कर रहे हो तो उसे यह चालान काफी मंहगा पड़ गया है। साथ ही उसने दावा किया कि उसे चालान का काफी लंबे समय बाद पता चला, जब पता चला चालान ऑनलाइन भरने का समय जा चुका था। अन्यथा वह उसे ऑनलाइन ही भर देता।
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