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Kurukshetra News: पांच साल पुराने सड़क दुर्घटना के मामले का लोक अदालत में सहमति से हुआ निपटारा
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कुरुक्षेत्र। पांच साल पुराने सड़क दुर्घटना से जुड़े निर्मला बनाम बूटा सिंह व अन्य के मामले में शनिवार को आयोजित इस वर्ष की अंतिम व चौथी राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों की सहमति से निपटारा किया गया है जिसके तहत अपीलकर्ता को 17.20 लाख का मुआवजा दिया गया है।
अपीलकर्ता निर्मला ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 166 व 140 के अंतर्गत मुआवजा दावा दायर किया कि उनके बेटे संजीव कुमार की मृत्यु 5 जून 2021 को एक ट्रक चालक की लापरवाही व तेज गति से चलाने से हुई है। इस संबंध में थाना शाहाबाद में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
राष्ट्रीय लोक अदालत की कार्यवाही के दौरान पीठ की ओर से पक्षकारों के बीच आपसी समझौते की संभावनाओं को तलाशने के लिए प्रयास किए गए। न्यायालय के हस्तक्षेप और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के सहयोग से विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान हो गया और पक्षकार विधिसम्मत समझौते पर पहुंच गए।
समझौते के अनुसार अपीलकर्ता ने प्रतिवादी बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से 17 लाख 20 हजार की राशि पूर्ण एवं अंतिम संतोषजनक मुआवजे के रूप में स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की। परिणामस्वरूप दावा याचिका को समझौते की शर्तों के अनुसार स्वीकार करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत की ओर से निस्तारित कर दिया गया।
बीमा कंपनी को निर्देश दिया गया कि वह उक्त मुआवजा राशि दो माह की अवधि के भीतर जमा करे, अन्यथा दावा याचिका दायर किए जाने की तिथि से अदायगी तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज देय होगा। यह राशि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सीधे मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के खाते में जमा करने का आदेश दिया गया।
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अपीलकर्ता निर्मला ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 166 व 140 के अंतर्गत मुआवजा दावा दायर किया कि उनके बेटे संजीव कुमार की मृत्यु 5 जून 2021 को एक ट्रक चालक की लापरवाही व तेज गति से चलाने से हुई है। इस संबंध में थाना शाहाबाद में विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
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राष्ट्रीय लोक अदालत की कार्यवाही के दौरान पीठ की ओर से पक्षकारों के बीच आपसी समझौते की संभावनाओं को तलाशने के लिए प्रयास किए गए। न्यायालय के हस्तक्षेप और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के सहयोग से विवाद का सौहार्दपूर्ण समाधान हो गया और पक्षकार विधिसम्मत समझौते पर पहुंच गए।
समझौते के अनुसार अपीलकर्ता ने प्रतिवादी बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से 17 लाख 20 हजार की राशि पूर्ण एवं अंतिम संतोषजनक मुआवजे के रूप में स्वीकार करने पर सहमति व्यक्त की। परिणामस्वरूप दावा याचिका को समझौते की शर्तों के अनुसार स्वीकार करते हुए राष्ट्रीय लोक अदालत की ओर से निस्तारित कर दिया गया।
बीमा कंपनी को निर्देश दिया गया कि वह उक्त मुआवजा राशि दो माह की अवधि के भीतर जमा करे, अन्यथा दावा याचिका दायर किए जाने की तिथि से अदायगी तक छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज देय होगा। यह राशि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार सीधे मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण के खाते में जमा करने का आदेश दिया गया।