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Kurukshetra News: बेटे से लिपटकर फूट-फूटकर रोई मां...बोली हमें तो उम्मीद ही नहीं थी कि मिल जाएगा
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पानीपत। हिंदी फिल्म बजरंगी भाईजान में पाकिस्तानी बच्ची मुन्नी को माता-पिता से मिलाने के लिए जिस तरह से अभिनेता सलमान खान मुसीबतों का सामना करते हैं। ठीक उसी तरह पानीपत पुलिस और सीडब्ल्यूसी की टीम ने भी 10 साल के बच्चे को उनके परिजनों से मिलाने के लिए कड़ी मशक्कत की। बच्चे को लेकर पुलिस दिल्ली के पहाड़गंज इलाके की गलियों में घूमती रही। बच्चा इशारे से पुलिस को रास्ता दिखाता और पुलिस उसके पीछे-पीछे चल देती। इसी तरह से पांच से छह घंटे घूमने के बाद पुलिस बच्चे के माता-पिता तक पहुंच गई। जिगर के टुकड़े को सामने देखकर मां फूट-फूटकर रोने लगी। मां ने बताया कि वह तो बेटे को वापस पाने की उम्मीद छोड़ चुकी थी। सोमवार को बच्चे के परिजन पानीपत पहुंचेंगे।
बाल कल्याण समिति के चेयरमैन केदार दत्त कौशिक ने बताया कि पांच अक्तूबर को दिल्ली के पहाड़गंज से 10 साल का बच्चा लापता हुआ था। नौ अक्तूबर को वह किसी तरह से ट्रेन में बैठकर पानीपत पहुंच गया। जहां पर सेक्टर-29 औद्योगिक क्षेत्र में घूमता हुआ रात को पुलिस को मिला। पुलिस ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी के सुपुर्दगी में दिया। उस समय बच्चा अपने बारे में कुछ नहीं बता रहा था। वह बोलने में कुछ तुतला भी रहा था। जिस कारण उसकी भाषा भी किसी के समझ में नहीं आ रही थी। बच्चे को दूसरे बच्चों के साथ रखा गया। साथ ही पुनर्वास केंद्र के प्रबंधक सोमदत्त को उससे बात करने के लिए लगाया। वह खुद भी बच्चे की काउंसिलिंग करते रहे और खेल-खेल में उसके बारे में जानकारी लेते रहे। दो माह बाद बच्चे ने बताया कि वह दिल्ली के पहाड़गंज क्षेत्र का रहने वाला है और उनके घर के पास एक मस्जिद है।
सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन केदार दत्त कौशिक ने बताया कि उन्होंने मिसिंग सेल के एसआई हरेंद्र और पुनर्वास केंद्र के प्रबंधक सोमदत्त की टीम बनाकर दिल्ली भेजा। जहां पर उन्होंने पहाड़गंज के आसपास के इलाके में छानबीन की। बच्चा हाथ के इशारे से जहां-जहां बताता रहा टीम भी वहीं-वहीं पर जाती रही। करीब पांच घंटे तक घूमने के बाद टीम पहाड़गंज की कृष्णा कॉलोनी के एक मकान में पहुंची। जहां पर बच्चे का परिवार रहता है। बच्चे को देखकर मां भावुक हो गई और बेटे को सीने से लगाकर फूट-फूट कर रोने लगी। बच्चे को परिजनों से मिलवाने के बाद टीम उसे लेकर वापस पानीपत पहुंच गई। सोमवार को बच्चे के माता-पिता पानीपत आएंगे। इसके बाद बच्चे को उनकी सुपुर्दगी में दिया जाएगा।
दिल्ली में दर्ज थी प्राथमिकी
बच्चे के परिजनों ने बताया कि वह पर्स बनाने का काम करते हैं। पांच अक्तूबर को उनका बेटा लापता हुआ था, जिसके बाद उन्होंने पास के पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी लेकिन दिल्ली पुलिस ने बच्चे को तलाश करने का कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि 65 दिन बाद पानीपत पुलिस और सीडब्ल्यूसी की टीम ने उनके बेटे को वापस मिलवाया।
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बाल कल्याण समिति के चेयरमैन केदार दत्त कौशिक ने बताया कि पांच अक्तूबर को दिल्ली के पहाड़गंज से 10 साल का बच्चा लापता हुआ था। नौ अक्तूबर को वह किसी तरह से ट्रेन में बैठकर पानीपत पहुंच गया। जहां पर सेक्टर-29 औद्योगिक क्षेत्र में घूमता हुआ रात को पुलिस को मिला। पुलिस ने बच्चे को सीडब्ल्यूसी के सुपुर्दगी में दिया। उस समय बच्चा अपने बारे में कुछ नहीं बता रहा था। वह बोलने में कुछ तुतला भी रहा था। जिस कारण उसकी भाषा भी किसी के समझ में नहीं आ रही थी। बच्चे को दूसरे बच्चों के साथ रखा गया। साथ ही पुनर्वास केंद्र के प्रबंधक सोमदत्त को उससे बात करने के लिए लगाया। वह खुद भी बच्चे की काउंसिलिंग करते रहे और खेल-खेल में उसके बारे में जानकारी लेते रहे। दो माह बाद बच्चे ने बताया कि वह दिल्ली के पहाड़गंज क्षेत्र का रहने वाला है और उनके घर के पास एक मस्जिद है।
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सीडब्ल्यूसी के चेयरमैन केदार दत्त कौशिक ने बताया कि उन्होंने मिसिंग सेल के एसआई हरेंद्र और पुनर्वास केंद्र के प्रबंधक सोमदत्त की टीम बनाकर दिल्ली भेजा। जहां पर उन्होंने पहाड़गंज के आसपास के इलाके में छानबीन की। बच्चा हाथ के इशारे से जहां-जहां बताता रहा टीम भी वहीं-वहीं पर जाती रही। करीब पांच घंटे तक घूमने के बाद टीम पहाड़गंज की कृष्णा कॉलोनी के एक मकान में पहुंची। जहां पर बच्चे का परिवार रहता है। बच्चे को देखकर मां भावुक हो गई और बेटे को सीने से लगाकर फूट-फूट कर रोने लगी। बच्चे को परिजनों से मिलवाने के बाद टीम उसे लेकर वापस पानीपत पहुंच गई। सोमवार को बच्चे के माता-पिता पानीपत आएंगे। इसके बाद बच्चे को उनकी सुपुर्दगी में दिया जाएगा।
दिल्ली में दर्ज थी प्राथमिकी
बच्चे के परिजनों ने बताया कि वह पर्स बनाने का काम करते हैं। पांच अक्तूबर को उनका बेटा लापता हुआ था, जिसके बाद उन्होंने पास के पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी लेकिन दिल्ली पुलिस ने बच्चे को तलाश करने का कोई प्रयास नहीं किया। उन्होंने कहा कि 65 दिन बाद पानीपत पुलिस और सीडब्ल्यूसी की टीम ने उनके बेटे को वापस मिलवाया।