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वन विभाग की लापरवाही : खराब हो रही बेशकीमती लकड़ी
अमर उजाला/ब्यूरो/कुरुक्षेत्र
Updated Sun, 10 Apr 2016 01:32 AM IST
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वन िववििज्ञाग
- फोटो : amar ujala
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वन विभाग की लापरवाही के चलते स्टेट हाईवे-6 और जीटी रोड किनारे बेशकीमती लकड़ी खराब होती जा रही हैं। चौंकाने वाली स्थिति ये है कि लगभग एक वर्ष बीत गया, लेकिन वन विभाग के किसी अधिकारी ने यहां ठूंठ अवस्था में खड़े और टूटे हुए पेड़ों की सुध तक नहीं ली। यह परिस्थितियां वास्तव में वन विभाग की कार्यप्रणाली एवं व्यवस्था की पोल खोल रही हैं।
काबिलेजिक्र है कि कुरुक्षेत्र-यमुनानगर स्टेट हाईवे पर सफेदा, शीशम, कीकर, पीपल, जामुन, नीम, जमोया, शहतूत, गुल्लर तथा अर्जुन सहित सैकड़ों पेड़ टूटे पड़े हैं और इतने ही ठूंठ अवस्था में खड़े हैं। ये पेड़ लंबे समय से अधिकारियों की अनदेखी के कारण लापरवाही की भेंट चढ़ने को तैयार हैं। ऐसे हालातों में दो बातें सामने आती हैं कि या तो अभी तक अधिकारियों ने यहां का सर्वे या दौरा नहीं किया या फिर दौरे के बावजूद भी इन टूटे पेड़ों को उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
विभाग को करोड़ों का नुकसान
मौसम की मार भी इन पेड़ों को झेलनी पड़ रही है। विशेषज्ञों की मानें तो बरसात में भीगने और तेज धूप की मार के कारण ये पेड़ इतने जानदार नहीं रह पाते। यही नहीं, वन विभाग को इस अव्यवस्था के कारण आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। सूत्रों की मानें तो पिछले वर्ष वन विभाग को पेड़ों से लगभग 10 करोड़ तक का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है। लेकिन इसके बावजूद सालाना करोड़ों का आर्थिक लाभ देने वाले इन पेड़ों की विभागीय अधिकारियों को कोई फिक्र नहीं है।
जीटी रोड पर भी हालत खराब
वन विभाग की जीटी रोड से लगती जमीन पर भी हालत खराब हैं। यहां भी वन विभाग के पेड़ लंबे समय से दयनीय स्थिति में ही पड़े हैं। कुछ पेड़ तो वन विभाग के जिला कार्यालय के बिल्कुल पास ही जमींदोज अवस्था में हैं, लेकिन कमाल की बात है कि अधिकारी यहां भी ध्यान नहीं दे रहे या फिर देना नहीं चाहते।
इतने पेड़ लगे हैं यहां तक के क्षेत्र में
वन विभाग की डीएफओ विजय लक्ष्मी ने बताया कि कुरुक्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत लाडवा में बड़शामी तक, पिहोवा में गांव थाना तक, कैथल रोड पर गांव पबनावा की सीमा तक, जीटी रोड पर शाहाबाद में मोहड़ी तक, करनाल रोड पर गांव समानी के पुल तक का क्षेत्र आता है। वर्ष 2009-10 में किए गए सर्वे के अनुसार इस सारे क्षेत्र में दो लाख 56 हजार 824 नंबरों वाले पेड़ हैं, जबकि दो लाख 48 हजार 642 पेड़ों को नंबर अभी दिया जाना है। बताया गया कि अब पांच वर्ष बाद फिर सर्वे का समय आ चुका है। इसके लिए हेड ऑफिस से निर्देश आएंगे।
वन विभाग की भूमि में लगे पेड़ और इनकी अनुमानित कीमत
सफेदा- 2000 रुपये क्विंटल
कीकर- 3000 रुपये क्विंटल
शीशम- 5000 रुपये क्विंटल
पीपल- 1000 रुपये क्विंटल
नीम- 1200 रुपये क्विंटल
जामुन- 2000 रुपये क्विंटल
जमोया- 2000 रुपये क्विंटल
शहतूत- 1200 रुपये क्विंटल
अर्जुन- 1000 रुपये क्विंटल
सहित अन्य कई प्रकार की कीमती लकडिय़ां भी शामिल हैं।
उनकी जानकारी में नहीं मामला : डीएफओ
डीएफओ विजय लक्ष्मी ने कहा कि वन विभाग की भूमि में टूटे पेड़ों का मामला उनकी जानकारी में नहीं है। न ही ऐसी कोई शिकायत आई है। कई बार पता ही नहीं चल पाता। यदि ऐसा है तो टूटे पेड़ों को उठवाने का काम विभाग द्वारा जल्द ही शुरू किया जाएगा।

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काबिलेजिक्र है कि कुरुक्षेत्र-यमुनानगर स्टेट हाईवे पर सफेदा, शीशम, कीकर, पीपल, जामुन, नीम, जमोया, शहतूत, गुल्लर तथा अर्जुन सहित सैकड़ों पेड़ टूटे पड़े हैं और इतने ही ठूंठ अवस्था में खड़े हैं। ये पेड़ लंबे समय से अधिकारियों की अनदेखी के कारण लापरवाही की भेंट चढ़ने को तैयार हैं। ऐसे हालातों में दो बातें सामने आती हैं कि या तो अभी तक अधिकारियों ने यहां का सर्वे या दौरा नहीं किया या फिर दौरे के बावजूद भी इन टूटे पेड़ों को उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
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विभाग को करोड़ों का नुकसान
मौसम की मार भी इन पेड़ों को झेलनी पड़ रही है। विशेषज्ञों की मानें तो बरसात में भीगने और तेज धूप की मार के कारण ये पेड़ इतने जानदार नहीं रह पाते। यही नहीं, वन विभाग को इस अव्यवस्था के कारण आर्थिक नुकसान भी हो रहा है। सूत्रों की मानें तो पिछले वर्ष वन विभाग को पेड़ों से लगभग 10 करोड़ तक का रेवेन्यू प्राप्त हुआ है। लेकिन इसके बावजूद सालाना करोड़ों का आर्थिक लाभ देने वाले इन पेड़ों की विभागीय अधिकारियों को कोई फिक्र नहीं है।
जीटी रोड पर भी हालत खराब
वन विभाग की जीटी रोड से लगती जमीन पर भी हालत खराब हैं। यहां भी वन विभाग के पेड़ लंबे समय से दयनीय स्थिति में ही पड़े हैं। कुछ पेड़ तो वन विभाग के जिला कार्यालय के बिल्कुल पास ही जमींदोज अवस्था में हैं, लेकिन कमाल की बात है कि अधिकारी यहां भी ध्यान नहीं दे रहे या फिर देना नहीं चाहते।
इतने पेड़ लगे हैं यहां तक के क्षेत्र में
वन विभाग की डीएफओ विजय लक्ष्मी ने बताया कि कुरुक्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत लाडवा में बड़शामी तक, पिहोवा में गांव थाना तक, कैथल रोड पर गांव पबनावा की सीमा तक, जीटी रोड पर शाहाबाद में मोहड़ी तक, करनाल रोड पर गांव समानी के पुल तक का क्षेत्र आता है। वर्ष 2009-10 में किए गए सर्वे के अनुसार इस सारे क्षेत्र में दो लाख 56 हजार 824 नंबरों वाले पेड़ हैं, जबकि दो लाख 48 हजार 642 पेड़ों को नंबर अभी दिया जाना है। बताया गया कि अब पांच वर्ष बाद फिर सर्वे का समय आ चुका है। इसके लिए हेड ऑफिस से निर्देश आएंगे।
वन विभाग की भूमि में लगे पेड़ और इनकी अनुमानित कीमत
सफेदा- 2000 रुपये क्विंटल
कीकर- 3000 रुपये क्विंटल
शीशम- 5000 रुपये क्विंटल
पीपल- 1000 रुपये क्विंटल
नीम- 1200 रुपये क्विंटल
जामुन- 2000 रुपये क्विंटल
जमोया- 2000 रुपये क्विंटल
शहतूत- 1200 रुपये क्विंटल
अर्जुन- 1000 रुपये क्विंटल
सहित अन्य कई प्रकार की कीमती लकडिय़ां भी शामिल हैं।
उनकी जानकारी में नहीं मामला : डीएफओ
डीएफओ विजय लक्ष्मी ने कहा कि वन विभाग की भूमि में टूटे पेड़ों का मामला उनकी जानकारी में नहीं है। न ही ऐसी कोई शिकायत आई है। कई बार पता ही नहीं चल पाता। यदि ऐसा है तो टूटे पेड़ों को उठवाने का काम विभाग द्वारा जल्द ही शुरू किया जाएगा।