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Kurukshetra News: एंबुलेंस में नहीं था स्ट्रेचर, शव को गोद में रखकर ले गए परिजन
संवाद न्यूज एजेंसी, कुरुक्षेत्र
Updated Sun, 14 Sep 2025 01:32 AM IST
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कुरुक्षेत्र। छात्रावास से शव को पोस्टमार्टम के लिए एंबुलेंस में रखते। संवाद
- फोटो : mathura
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संवाद न्यूज एजेंसी
कुरुक्षेत्र। प्रदेश की मदर यूनिवर्सिटी कहे जाने वाले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति लचर है। यह स्थिति उजागर उस समय हुई जब लक्ष्मी बाई छात्रावास में फंदा लगाकर आत्महत्या करने वाली छात्रा शगुन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने के लिए विश्वविद्यालय की एंबुलेंस पहुंची। इसमें स्ट्रेचर ही नहीं था तो लाचार पिता और भाई को मजबूरन एंबुलेंस में बैठकर शव को गोद में रखकर नागरिक अस्पताल ले जाना पड़ा।
वहीं देर शाम तक छात्रावास को पूरी तरह सील रखा गया। किसी भी छात्रा को बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई, न ही बाहरी किसी छात्रा को अंदर प्रवेश करने दिया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के अधिकारी किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से बचते नजर आए।
मुख्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. आनंद का कहना है कि उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों को छात्रावास में किसी भी छात्रा को रोके रखने व कमरों में बंद करने का आदेश नहीं दिया है। हालांकि जिस समय शव को एंबुलेंस में ले जाया जा रहा था। उस समय छात्राओं को दूर रखा गया था। ताकि कोई छात्रा शव को देखकर भयभीत व भावुक न हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में दो एंबुलेंस हैं। इस समय छोटी एंबुलेंस आई थी, जिसमें स्ट्रेचर की सुविधा की जरूरत नहीं पड़ती है। बड़ी एंबुलेंस किसी अन्य को लेकर अस्पताल गई हुई थी। परिजनों के कहने पर ही छोटी एंबुलेंस को बुलाया गया था। शव को लटके हुए काफी समय हो गया था और पोस्टमार्टम में भी समय लगता है। इसलिए शव को पोस्टमार्टम के बाद समय पर जींद ले जाने के लिए छोटी एंबुलेंस को भेजा गया।
खंगाली जा रही है सीसीटीवी फुटेज
मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि आंतरिक जांच शुरू कर दी है। पिछले दो-तीन दिनों की सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की जा रही है। कुलपति को पूरी जानकारी दे दी गई है, जिन्होंने जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। उधर कुलसचिव डॉ. विरेंद्र पाल ने कहा कि मामले की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जल्द हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। इसमें मानसिक तनाव से ग्रस्त छात्रों की विशेष काउंसलिंग होगी। विश्वविद्यालय में आठ काउंसलर कार्यरत हैं, जो नियमित काउंसलिंग करते हैं। प्रत्येक अध्यापक को निर्देश दिए गए हैं कि सप्ताह में कम से कम एक कक्षा में छात्रों से बातचीत कर उनके तनाव का आकलन करें और जरूरी जानकारी प्रशासन को दें।
गुमसुम ही रहती थी छात्रा : डाॅ. आनंद
डॉ. आनंद का कहना है कि शगुन उनकी छात्रा थी। उन्होंने खुद शुक्रवार को सुबह अपनी कक्षा में छात्रा से प्रैक्टिकल भी लिया था। उसे अभी नियमित कक्षा में आते हुए लगभग एक माह ही हुआ था। वह अक्सर गुमसुम सी और अपने तक ही सीमित रहती थी। उन्होंने हाल ही में तीन-चार बार नए बच्चों की कक्षा में काउंसलिंग की थी, लेकिन किसी विद्यार्थी ने उनके सामने किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं रखी।

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कुरुक्षेत्र। प्रदेश की मदर यूनिवर्सिटी कहे जाने वाले कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य व्यवस्था की स्थिति लचर है। यह स्थिति उजागर उस समय हुई जब लक्ष्मी बाई छात्रावास में फंदा लगाकर आत्महत्या करने वाली छात्रा शगुन के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए ले जाने के लिए विश्वविद्यालय की एंबुलेंस पहुंची। इसमें स्ट्रेचर ही नहीं था तो लाचार पिता और भाई को मजबूरन एंबुलेंस में बैठकर शव को गोद में रखकर नागरिक अस्पताल ले जाना पड़ा।
वहीं देर शाम तक छात्रावास को पूरी तरह सील रखा गया। किसी भी छात्रा को बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई, न ही बाहरी किसी छात्रा को अंदर प्रवेश करने दिया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के अधिकारी किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से बचते नजर आए।
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मुख्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. आनंद का कहना है कि उन्होंने अपने सुरक्षाकर्मियों को छात्रावास में किसी भी छात्रा को रोके रखने व कमरों में बंद करने का आदेश नहीं दिया है। हालांकि जिस समय शव को एंबुलेंस में ले जाया जा रहा था। उस समय छात्राओं को दूर रखा गया था। ताकि कोई छात्रा शव को देखकर भयभीत व भावुक न हो। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में दो एंबुलेंस हैं। इस समय छोटी एंबुलेंस आई थी, जिसमें स्ट्रेचर की सुविधा की जरूरत नहीं पड़ती है। बड़ी एंबुलेंस किसी अन्य को लेकर अस्पताल गई हुई थी। परिजनों के कहने पर ही छोटी एंबुलेंस को बुलाया गया था। शव को लटके हुए काफी समय हो गया था और पोस्टमार्टम में भी समय लगता है। इसलिए शव को पोस्टमार्टम के बाद समय पर जींद ले जाने के लिए छोटी एंबुलेंस को भेजा गया।
खंगाली जा रही है सीसीटीवी फुटेज
मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने कहा कि आंतरिक जांच शुरू कर दी है। पिछले दो-तीन दिनों की सीसीटीवी फुटेज की पड़ताल की जा रही है। कुलपति को पूरी जानकारी दे दी गई है, जिन्होंने जांच कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। उधर कुलसचिव डॉ. विरेंद्र पाल ने कहा कि मामले की पूरी जानकारी नहीं है, लेकिन ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जल्द हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा। इसमें मानसिक तनाव से ग्रस्त छात्रों की विशेष काउंसलिंग होगी। विश्वविद्यालय में आठ काउंसलर कार्यरत हैं, जो नियमित काउंसलिंग करते हैं। प्रत्येक अध्यापक को निर्देश दिए गए हैं कि सप्ताह में कम से कम एक कक्षा में छात्रों से बातचीत कर उनके तनाव का आकलन करें और जरूरी जानकारी प्रशासन को दें।
गुमसुम ही रहती थी छात्रा : डाॅ. आनंद
डॉ. आनंद का कहना है कि शगुन उनकी छात्रा थी। उन्होंने खुद शुक्रवार को सुबह अपनी कक्षा में छात्रा से प्रैक्टिकल भी लिया था। उसे अभी नियमित कक्षा में आते हुए लगभग एक माह ही हुआ था। वह अक्सर गुमसुम सी और अपने तक ही सीमित रहती थी। उन्होंने हाल ही में तीन-चार बार नए बच्चों की कक्षा में काउंसलिंग की थी, लेकिन किसी विद्यार्थी ने उनके सामने किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं रखी।