स्कूल में क्रूरता: मासूम को पैर बांध उल्टा लटकाया, फिर बेरहमी से पीटा; टीचर ने इसलिए दिलाई दिल दहलाने वाली सजा
पानीपत के स्कूल में दूसरी कक्षा के मासूम को उल्टा लटकाकर पिटाई करने का दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है। होमवर्क नहीं करने पर शिक्षिका ने सजा देने के लिए वैन चालक से बच्चे को पैर बांधकर लटकवा दिया। वैन चालक ने बच्चे को बर्बरता से पीटा। मामले को स्कूल प्रबंधन ने 45 दिन तक दबाए रखा।

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चालक ने बच्चे के पैर रस्सी से बांधकर खिड़की से उल्टा लटकाकर पिटाई की। इसकी शिकायत करने पर आरोपी ने परिजनों को धमकाने के लिए उनके घर कुछ युवक भेज दिए। मॉडल टाउन थाना पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
घटना 13 अगस्त की है। स्कूल प्रबंधन ने डेढ़ महीने तक परिवार से इस घटना को छिपाए रखा। मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद परिजनों को इसका पता चला।
वहां पहले बच्चे को पीटा, फिर रस्सी से पैर बांधकर खिड़की से उल्टा लटका दिया। उसने इसका वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाल दिया। उसने वीडियो साथियों को भी भेजा। बाल कल्याण समिति ने भी मामले को गंभीरता से लिया है। आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।
प्रिंसिपल रीना ने बताया कि चालक काफी समय से बच्चे को परेशान कर रहा था। वैन में भी बच्चों को धमकी देता था। उसने मनीषा हत्याकांड का वीडियो भी बच्चों को दिखाया था। 30 अगस्त को चालक को नौकरी से हटा दिया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद भी वह लगातार वीडियो अपलोड कर धमकी दे रहा है। उसने पिस्तौल की फोटो डाल धमकी दी है।
इसी स्कूल में अन्य बच्चों की पिटाई का एक और वीडियो वायरल हुआ है। इसमें शिक्षिका एक बच्चे की पिटाई करती साफ नजर आती है। वह एक के बाद एक उसे नौ थप्पड़ लगा रही है। पुलिस ने यह वीडियो भी कब्जे में ले ली है।
पीड़ित बच्चे की मां ने पुलिस को बताया कि शनिवार को इंस्टाग्राम पर वीडियो देखकर वह हैरान रह गईं। यह उन्हीं का बेटा था। उन्होंने तुरंत प्रिंसिपल से शिकायत की, तो स्कूल सक्रिय हुआ।
सृजन पब्लिक स्कूल जाटल रोड में बच्चे को रस्सी से बांधकर उलटा लटकाने का मामला स्कूल प्रबंधन ने 45 दिन तक दबाए रखा। स्कूल प्रबंधन ने भी इस पर कोई बड़ी कार्रवाई नहीं की। जब वीडियो वायरल हुआ तो खलबली मची। अभिभावक ही शिकायत लेकर पहुंचे।
स्कूल को किया गया सील
शिक्षा विभाग ने जाटल रोड स्थित सृजन पब्लिक स्कूल को बंद कर दिया है। वहीं पुलिस ने प्रिंसिपल और वैन चालक को गिरफ्तार कर लिया है। इसका खुलासा शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने सोमवार को किया है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर माना जाता है। बच्चे यहां पढ़ने और खेलने के लिए आते हैं। उनके साथ इस तरह का अमानवीय व्यवहार करना ठीक नहीं है। विभाग ऐसे स्कूल को चलने नहीं देगा।