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नवदीप के पिता दलबीर बोले- बेटे ने अभी पैरालंपिक में कदम रखा है, खेलना तो बाकी है
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पानीपत। नवदीप के तीन बार भाला फैकने के बाद चला एलईडी पर मैच तो ग्रामीणों में आया जोश, भाला फैकते ह?
- फोटो : Panipat
टोक्यो पैरालंपकि में एफ-41 कैटेगरी में खेलने वाले नवदीप 40.80 मीटर भाला फेंक कर चौथे स्थान पर रहे। वे कांस्य पदक से सिर्फ 0.59 मीटर से चूक गए। यह उनका पहला ओलंपिक था। भले ही वह पदक न जीत सकें हों, लेकिन टोक्यो पैरालंपकि में जाकर पानीपत और देश का नाम जरूर रोशन किया। नवदीप के चौथे स्थान पर रहने पर पिता दलबीर ने कहा कि मेरे बेटे ने अभी पैरालंपिक में कदम रखा है, अभी तो पैरालंपिक 2024 में खेल बाकी है। खेल में हार जीत चलती रहती है। आज मेरे बेटा का दिन नहीं था। मेरे बेटे ने इतनी कम उम्र में पैरालंपिक में कदम रखा, यही बहुत बड़ी बात है।
दूसरी ओर शनिवार को अपने मुकाबले में नवदीप को छह बार भाला फेंकने का मौका मिला। उन्होंने पहले थ्रो में 38.59 मीटर, दूसरा 38.33 मीटर, तीसरा 39.97 मीटर और चौथा थ्रो 40.80 मीटर भाला फेंका। जबकि पांचवां और छठा थ्रो फाउल हो गया। अगर ये फाउल न होते तो कांस्य पदक उनकी झोली में आ सकता था।
20 साल का ही तो है, जीतने के लिए पूरी उम्र बाकी है : मां मुकेश
नवदीप की मां मुकेश ने कहा कि बेटा अभी 20 साल का ही है। अभी पैरालंपिक में पदक जीतने के लिए उसके पास पूरी उम्र बाकी है। हर खिलाड़ी के नसीब में पैरालंपिक में खेलना नहीं होता है। वह वहां तक पहुंचा, यही बड़ी बात है।
एक दिन पहले से ही व्रत रखकर पूजा पर बैठी थीं मां और भाभी
एक दिन पहले से ही एकादशी का व्रत रखकर और अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित कर नवदीप की मां मुकेश और भाभी आरती बैठी थीं। वहीं नवदीप के मैच के दौरान भी मां मुकेश ने मैच नहीं देखा और पूजा ही करती रहीं। नवदीप की मां ने कहा कि मेरे लिए बहुत भावुक पल है। मैं उसका मैच नहीं देख सकतीं। बस भगवान से दुआ कर रही हूं कि मेरा बेटा अच्छा खेले।
फोन में देखा परिवार और गांव वालों ने मुकाबला
टीवी पर पूूरा लाइव मैच न आने के कारण घर पर लगी एलईडी पर गांव वाले नवदीप का पूरा मुकाबला नहीं देख पाए। गांव के लोगों और नवदीप के पिता दलबीर व भाई मंदीप ने गांव वालों के साथ फोन में मैच देखा। मैच खत्म होने के 15 मिनट पहले नवदीप का मुकाबला टीवी पर लाइव आ सका, जिससे गांव वासी नवदीप का पांचवां और छठा थ्रो देख पाए।
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दूसरी ओर शनिवार को अपने मुकाबले में नवदीप को छह बार भाला फेंकने का मौका मिला। उन्होंने पहले थ्रो में 38.59 मीटर, दूसरा 38.33 मीटर, तीसरा 39.97 मीटर और चौथा थ्रो 40.80 मीटर भाला फेंका। जबकि पांचवां और छठा थ्रो फाउल हो गया। अगर ये फाउल न होते तो कांस्य पदक उनकी झोली में आ सकता था।
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20 साल का ही तो है, जीतने के लिए पूरी उम्र बाकी है : मां मुकेश
नवदीप की मां मुकेश ने कहा कि बेटा अभी 20 साल का ही है। अभी पैरालंपिक में पदक जीतने के लिए उसके पास पूरी उम्र बाकी है। हर खिलाड़ी के नसीब में पैरालंपिक में खेलना नहीं होता है। वह वहां तक पहुंचा, यही बड़ी बात है।
एक दिन पहले से ही व्रत रखकर पूजा पर बैठी थीं मां और भाभी
एक दिन पहले से ही एकादशी का व्रत रखकर और अखंड ज्योत प्रज्ज्वलित कर नवदीप की मां मुकेश और भाभी आरती बैठी थीं। वहीं नवदीप के मैच के दौरान भी मां मुकेश ने मैच नहीं देखा और पूजा ही करती रहीं। नवदीप की मां ने कहा कि मेरे लिए बहुत भावुक पल है। मैं उसका मैच नहीं देख सकतीं। बस भगवान से दुआ कर रही हूं कि मेरा बेटा अच्छा खेले।
फोन में देखा परिवार और गांव वालों ने मुकाबला
टीवी पर पूूरा लाइव मैच न आने के कारण घर पर लगी एलईडी पर गांव वाले नवदीप का पूरा मुकाबला नहीं देख पाए। गांव के लोगों और नवदीप के पिता दलबीर व भाई मंदीप ने गांव वालों के साथ फोन में मैच देखा। मैच खत्म होने के 15 मिनट पहले नवदीप का मुकाबला टीवी पर लाइव आ सका, जिससे गांव वासी नवदीप का पांचवां और छठा थ्रो देख पाए।
पानीपत। नवदीप के हारने के बाद भी ग्रामीणों ने बढ़ाया उसके पिता दलबीर का जोश।- फोटो : Panipat
पानीपत। नवदीप की मां व भाभी मैच के दौरान घर पर पूजा करती रहीं।- फोटो : Panipat