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Rewari News: 4 साल में आयुष भवन का काम पूरा नहीं, 9 लाख रुपये का और बजट मांगा
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Mon, 15 Dec 2025 01:20 AM IST
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निर्माणाधीन आयुष भवन। संवाद
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रेवाड़ी। सेक्टर-4 स्थित हुडा डिस्पेंसरी में निर्माणाधीन आयुष भवन 4 साल में भी नहीं बन पाया है। पहली मंजिल के बाद अब दूसरी मंजिल लगभग तैयार है, लेकिन अभी लगभग 9 लाख और बजट की डिमांड के कारण पिछले दो माह से निर्माण कार्य रुका हुआ है। बजट मिलने पर ही काम शुरू हो सकेगा।
इस बिल्डिंग के न मिलने से आयुष में सुविधाएं भी नहीं बढ़ पा रही हैं। भवन मिलता है तो जिला आयुर्वेदिक ऑफिसर से लेकर पंचकर्मा थैरेपी व अन्य सुविधाएं एक ही छत के नीचे आ जाएंगी। लोगों को भी इधर-उधर चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अभी तक इस बिल्डिंग पर लगभग 50 लाख से ज्यादा रुपए खर्च हो चुके हैं। अब और बजट की डिमांड की गई है।
बता दें कि जिले में फिलहाल 18 आयुष औषधालय और एक युनानी डिस्पेंसरी संचालित हो रही हैं।
योगा हॉल पहले बन चुका
भवन के पीछे योगा हॉल पहले ही बनाया जा चुका है। इस हॉल में योग के भी सत्र लगते हैं। योगा एवं नेचुरोपैथी एक्सपर्ट डॉ. राकेश छिल्लर का कहना है कि अगर किसी मरीज को योगा की जरूरत पड़ती है तो उनको योग के बारे में भी बताया जाता है। उनको बीमारी अनुसार योग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। क्योंकि कई बीमारियां योगा से ठीक हो सकती है। मरीजों के लिए योगा सत्र भी लगाए जाते हैं। योगा में थैरेपी भी की जा रही है।
नए भवन में थैरेपी की अलग- अलग होगी व्यवस्था
नई बिल्डिंग के तैयार होने पर जिला आयुर्वेद अधिकारी कार्यालय से लेकर पंचकर्म थैरेपी जैसे सभी कार्य एक ही छत के नीचे चल सकेंगे। अभी जिला आयुर्वेद अधिकारी का कार्यालय दूसरी जगह चल रहा है। अगर किसी को डीएओ कार्यालय जाना होता है तो उनको काफी परेशानी होती है। एक ही जगह अधिकारी बैठेंगे तो उनको परेशानी भी नहीं उठानी पड़ेगी। इसके अलावा फिलहाल सेक्टर-4 डिस्पेंसरी में पंचकर्म थैरेपी के लिए एक हॉल है। उसी में पार्टीशन कर पर्दे लगाकर थैरेपी की जाती है। नई बिल्डिंग में पर्याप्त जगह रहेगी। इससे महिला और पुरुष के लिए भी अलग-अलग व्यवस्था होगी। थैरेपी में भी और सुविधाएं बढ़ जाएंगी।
जल्द कराएंगे बाकी रहा निर्माण कार्य : डीएओ
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. बसंत सोनी का कहना है कि आयुष भवन की दूसरी मंजिल में दरवाजे, रंग-रोगन व इलेक्ट्रिक का काम बाकी है। अब और बजट मंगाया है। उम्मीद है कि जल्द ही बाकी रहा निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाएगा। भवन के हैंडओवर होते ही इसमें पंचकर्मा की ओपीडी व अन्य कार्य शुरू हो जाएंगे। नए भवन के मिलने पर आयुष में सुविधाएं भी बढ़ेंगी। जैसे पंचकर्मा की और भी कई विधियां इस्तेमाल में आ जाएंगी।
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इस बिल्डिंग के न मिलने से आयुष में सुविधाएं भी नहीं बढ़ पा रही हैं। भवन मिलता है तो जिला आयुर्वेदिक ऑफिसर से लेकर पंचकर्मा थैरेपी व अन्य सुविधाएं एक ही छत के नीचे आ जाएंगी। लोगों को भी इधर-उधर चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। अभी तक इस बिल्डिंग पर लगभग 50 लाख से ज्यादा रुपए खर्च हो चुके हैं। अब और बजट की डिमांड की गई है।
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बता दें कि जिले में फिलहाल 18 आयुष औषधालय और एक युनानी डिस्पेंसरी संचालित हो रही हैं।
योगा हॉल पहले बन चुका
भवन के पीछे योगा हॉल पहले ही बनाया जा चुका है। इस हॉल में योग के भी सत्र लगते हैं। योगा एवं नेचुरोपैथी एक्सपर्ट डॉ. राकेश छिल्लर का कहना है कि अगर किसी मरीज को योगा की जरूरत पड़ती है तो उनको योग के बारे में भी बताया जाता है। उनको बीमारी अनुसार योग करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। क्योंकि कई बीमारियां योगा से ठीक हो सकती है। मरीजों के लिए योगा सत्र भी लगाए जाते हैं। योगा में थैरेपी भी की जा रही है।
नए भवन में थैरेपी की अलग- अलग होगी व्यवस्था
नई बिल्डिंग के तैयार होने पर जिला आयुर्वेद अधिकारी कार्यालय से लेकर पंचकर्म थैरेपी जैसे सभी कार्य एक ही छत के नीचे चल सकेंगे। अभी जिला आयुर्वेद अधिकारी का कार्यालय दूसरी जगह चल रहा है। अगर किसी को डीएओ कार्यालय जाना होता है तो उनको काफी परेशानी होती है। एक ही जगह अधिकारी बैठेंगे तो उनको परेशानी भी नहीं उठानी पड़ेगी। इसके अलावा फिलहाल सेक्टर-4 डिस्पेंसरी में पंचकर्म थैरेपी के लिए एक हॉल है। उसी में पार्टीशन कर पर्दे लगाकर थैरेपी की जाती है। नई बिल्डिंग में पर्याप्त जगह रहेगी। इससे महिला और पुरुष के लिए भी अलग-अलग व्यवस्था होगी। थैरेपी में भी और सुविधाएं बढ़ जाएंगी।
जल्द कराएंगे बाकी रहा निर्माण कार्य : डीएओ
जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. बसंत सोनी का कहना है कि आयुष भवन की दूसरी मंजिल में दरवाजे, रंग-रोगन व इलेक्ट्रिक का काम बाकी है। अब और बजट मंगाया है। उम्मीद है कि जल्द ही बाकी रहा निर्माण कार्य पूरा करा दिया जाएगा। भवन के हैंडओवर होते ही इसमें पंचकर्मा की ओपीडी व अन्य कार्य शुरू हो जाएंगे। नए भवन के मिलने पर आयुष में सुविधाएं भी बढ़ेंगी। जैसे पंचकर्मा की और भी कई विधियां इस्तेमाल में आ जाएंगी।