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Rewari News: आज से शहर को मिलेगा नियमित पानी
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Mon, 15 Dec 2025 01:19 AM IST
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नहर के पानी से भरा जा रहे वाटर टैंक। संवाद
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रेवाड़ी। शहर में सोमवार से पेयजल की सप्लाई नियमित होगी। खुबडू हेड से 11 दिसंबर को छोड़ा गया पानी जवाहर लाल नेहरू नहर के माध्यम से होते हुए शुक्रवार की देर रात लिसाना व कालाका गांव में बने वाटर टैंकों में पहुंच गया। खुबडू हेड से रबी सीजन के लिए बदले गए शेड्यूल के चलते इस बार 9 दिन की देरी से पानी छोड़ा गया है।
जेएलएन में 3 दिसंबर को पानी चलना था, लेकिन अब 9 दिन की देरी से आया है। इस कारण शहर में पेयजल सप्लाई भी एक दिन छोड़कर एक दिन ही आपूर्ति की जा रही है। सप्लाई गड़बड़ाने से लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। मगर अब सोमवार से पेयजल की रोजाना सप्लाई होगी।
जलघर से 70 फीसदी शहर को पानी की सप्लाई होती है और लिसाना में बने जलघरों से 30 फीसदी हिस्से को पेयजल की आपूर्ति दी जाती है। लिसाना में पहले दो टैंक थे, अब एक साल पहले ही तीसरा टैंक बनाया गया है। जबकि कालाका में 5 ही टैंक हैं। यहां अतिरिक्त टैंक बनाने को लेकर जमीन ही नहीं मिल रही है। अब जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से बड़ी मोटर लगाकर वाटर टैंकों को भरने का कार्य शुरू किया गया है।
16 दिन चलेगा नहर में पानी, 24 दिन क्लोजिंग
नहर में 450 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस बार बदले शेड्यूल के अनुसार 16 दिन पानी चलने का समय रहेगा और 24 दिन का क्लोजिंग टाइम है। रबी सीजन में ग्रुप चेंज होते हैं। अब 4 की जगह 5 ग्रुप बनाए गए हैं।
दो दशक में भी अतिरिक्त जलघर नहीं बना
शहर में पेयजल के लिए अतिरिक्त जलघर की दो दशक से जरूरत है। इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी नहीं मिल सकी है। ई-भूमि पोर्टल के जरिए भी जमीन देखी गई है। जमीन पोर्टल पर तो डाली गई है, जो केस बनाकर सरकार के पास भेजा हुआ है। अभी योजना सिरे नहीं चढ़ सकी है। जमीन मिलने पर ही वाटर टैंक का समाधान हो सकता है।
वाटर टैंकों में 15 से 20 दिन का पानी हो सकता है स्टोरेज
बता दें कि शहर की पेयजल सप्लाई नहरी पानी पर आधारित है। सोनीपत के खुबडू हेड से पानी छोड़ा जाता है और जेएलएन से होते हुए कालाका में 5 व लिसाना में 3 वाटर टैंकों में पानी का स्टोरेज होता है। लिसाना में अतिरिक्त पानी का स्टोरेज हो जाता है, लेकिन कालाका में अतिरिक्त पानी जमा नहीं हो पाता। यहां से अधिकतम 15 से 20 दिन ही पानी की नियमित आपूर्ति हो सकती है। इसलिए शेड्यूल बदलते ही पानी की समस्या गहरा गई है। गर्मी के दिनों मई, जून, जुलाई व अगस्त में तो यह समस्या हर माह रहती है लेकिन अब सर्दी में भी समस्या पैदा हो गई है।
सोमवार से पानी की शहर में नियमित सप्लाई की जा जाएगी। लोगों से अपील है कि पानी को व्यर्थ न बहाएं। जितना हो सके पानी की बचत करें।
- हेमंत कुमार, जेई, जनस्वास्थ्य विभाग
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जेएलएन में 3 दिसंबर को पानी चलना था, लेकिन अब 9 दिन की देरी से आया है। इस कारण शहर में पेयजल सप्लाई भी एक दिन छोड़कर एक दिन ही आपूर्ति की जा रही है। सप्लाई गड़बड़ाने से लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। मगर अब सोमवार से पेयजल की रोजाना सप्लाई होगी।
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जलघर से 70 फीसदी शहर को पानी की सप्लाई होती है और लिसाना में बने जलघरों से 30 फीसदी हिस्से को पेयजल की आपूर्ति दी जाती है। लिसाना में पहले दो टैंक थे, अब एक साल पहले ही तीसरा टैंक बनाया गया है। जबकि कालाका में 5 ही टैंक हैं। यहां अतिरिक्त टैंक बनाने को लेकर जमीन ही नहीं मिल रही है। अब जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से बड़ी मोटर लगाकर वाटर टैंकों को भरने का कार्य शुरू किया गया है।
16 दिन चलेगा नहर में पानी, 24 दिन क्लोजिंग
नहर में 450 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इस बार बदले शेड्यूल के अनुसार 16 दिन पानी चलने का समय रहेगा और 24 दिन का क्लोजिंग टाइम है। रबी सीजन में ग्रुप चेंज होते हैं। अब 4 की जगह 5 ग्रुप बनाए गए हैं।
दो दशक में भी अतिरिक्त जलघर नहीं बना
शहर में पेयजल के लिए अतिरिक्त जलघर की दो दशक से जरूरत है। इसके लिए जमीन की तलाश की जा रही है, लेकिन अभी नहीं मिल सकी है। ई-भूमि पोर्टल के जरिए भी जमीन देखी गई है। जमीन पोर्टल पर तो डाली गई है, जो केस बनाकर सरकार के पास भेजा हुआ है। अभी योजना सिरे नहीं चढ़ सकी है। जमीन मिलने पर ही वाटर टैंक का समाधान हो सकता है।
वाटर टैंकों में 15 से 20 दिन का पानी हो सकता है स्टोरेज
बता दें कि शहर की पेयजल सप्लाई नहरी पानी पर आधारित है। सोनीपत के खुबडू हेड से पानी छोड़ा जाता है और जेएलएन से होते हुए कालाका में 5 व लिसाना में 3 वाटर टैंकों में पानी का स्टोरेज होता है। लिसाना में अतिरिक्त पानी का स्टोरेज हो जाता है, लेकिन कालाका में अतिरिक्त पानी जमा नहीं हो पाता। यहां से अधिकतम 15 से 20 दिन ही पानी की नियमित आपूर्ति हो सकती है। इसलिए शेड्यूल बदलते ही पानी की समस्या गहरा गई है। गर्मी के दिनों मई, जून, जुलाई व अगस्त में तो यह समस्या हर माह रहती है लेकिन अब सर्दी में भी समस्या पैदा हो गई है।
सोमवार से पानी की शहर में नियमित सप्लाई की जा जाएगी। लोगों से अपील है कि पानी को व्यर्थ न बहाएं। जितना हो सके पानी की बचत करें।
- हेमंत कुमार, जेई, जनस्वास्थ्य विभाग