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Rewari News: मिनी खेल स्टेडियम 12 साल बाद भी अधूरा
संवाद न्यूज एजेंसी, रेवाड़ी
Updated Mon, 15 Dec 2025 01:09 AM IST
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कंवाली गांव में मिनी खेल स्टेडियम की बदहाल दशा। संवाद
- फोटो : udhampur news
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रेवाड़ी। कंवाली गांव में 2013 में सांसद कोटे से शुरू किया गया मिनी खेल स्टेडियम भवन आज 12 साल बाद भी अधूरा पड़ा है। खेल प्रतिभाओं को निखारने के उद्देश्य से शुरू किया गया यह प्रोजेक्ट अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। स्टेडियम का अधूरा निर्माण और जर्जर संरचना खिलाड़ियों की सुरक्षा और उनके अभ्यास के लिए गंभीर खतरा बन गई हैं।
इस अधूरे भवन में रोजाना 150 से अधिक खिलाड़ी अभ्यास करते हैं, जिनमें जिला और राज्य स्तर की हॉकी टीम के खिलाड़ी भी शामिल हैं। लेकिन बारिश, धूप और सुविधाओं के अभाव ने खिलाड़ियों को असुरक्षित माहौल में मजबूर कर दिया है। स्टेडियम में न तो बारिश से बचने के लिए कोई शेड है और न ही उपकरण रखने के लिए सुरक्षित कमरा।
खेल परिसर की पानी की टंकी पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जिससे गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या उत्पन्न होती हैं। चाहरदीवारी की ऊंचाई इतनी कम है कि जानवर और बाहरी लोग आसानी से मैदान में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठते हैं।
स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने इस समस्या को उठाया, जिसमें उपयुक्त उपायुक्त के गांव में रात्रि प्रवास के दौरान भी यह मुद्दा रखा गया था। बावजूद इसके, स्टेडियम निर्माण कार्य अभी तक अधूरा है और जमीन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
कंवाली की खेल नर्सरी से हर साल कई खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं। लेकिन अधूरी सुविधाओं और संसाधनों की कमी उनकी प्रगति को प्रभावित कर रही है। प्रतिभा मौजूद हैं, लेकिन समर्थन की कमी खिलाड़ियों के भविष्य के लिए बड़ी बाधा बन रही हैं।
जिले के कई खेल स्टेडियम को ठीक करने के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके लिए विभाग बजट मंगाकर सुधरा करवाएगा।
- ममता, कार्यवाहक जिला खेल अधिकारी।
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इस अधूरे भवन में रोजाना 150 से अधिक खिलाड़ी अभ्यास करते हैं, जिनमें जिला और राज्य स्तर की हॉकी टीम के खिलाड़ी भी शामिल हैं। लेकिन बारिश, धूप और सुविधाओं के अभाव ने खिलाड़ियों को असुरक्षित माहौल में मजबूर कर दिया है। स्टेडियम में न तो बारिश से बचने के लिए कोई शेड है और न ही उपकरण रखने के लिए सुरक्षित कमरा।
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खेल परिसर की पानी की टंकी पूरी तरह जर्जर हो चुकी है, जिससे गर्मी के दिनों में पेयजल की समस्या उत्पन्न होती हैं। चाहरदीवारी की ऊंचाई इतनी कम है कि जानवर और बाहरी लोग आसानी से मैदान में प्रवेश कर सकते हैं, जिससे सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न उठते हैं।
स्थानीय लोगों ने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के सामने इस समस्या को उठाया, जिसमें उपयुक्त उपायुक्त के गांव में रात्रि प्रवास के दौरान भी यह मुद्दा रखा गया था। बावजूद इसके, स्टेडियम निर्माण कार्य अभी तक अधूरा है और जमीन पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।
कंवाली की खेल नर्सरी से हर साल कई खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेते हैं। लेकिन अधूरी सुविधाओं और संसाधनों की कमी उनकी प्रगति को प्रभावित कर रही है। प्रतिभा मौजूद हैं, लेकिन समर्थन की कमी खिलाड़ियों के भविष्य के लिए बड़ी बाधा बन रही हैं।
जिले के कई खेल स्टेडियम को ठीक करने के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। इसके लिए विभाग बजट मंगाकर सुधरा करवाएगा।
- ममता, कार्यवाहक जिला खेल अधिकारी।