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790 सवालों के माध्यम से टीकाकरण विभाग की व्यवस्था को जांचा
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वैक्सीन की जांच करने सिविल अस्पताल पहुंची टीम। विज्ञप्ति
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रोहतक। वैक्सीन का रखरखाव कैसे हो रहा है, उसे सही तापमान में रखा जा रहा है या नहीं, उसकी ट्रांसपोर्टेशन कैसी है और रिकॉर्ड मेनटेन है या नहीं आदि व्यवस्थाओं की जांच करने शनिवार को भारत सरकार की तीन सदस्यों की टीम सिविल सर्जन कार्यालय पहुंची। इसमें नेशनल इंस्टीट्यूट हेल्थ ऑफ फैमिली वेलफेयर की प्रोफेसर एंड हेड डॉ. रेणू सहरावत, एम्स राजकोट गुजरात के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. भौतिक मोदी व मास्टर इन पब्लिक हेल्थ पूर्व दिल्ली से डॉ. ऐलन शामिल रहे। टीम ने वैक्सीनेशन विभाग की कार्यप्रणाली 790 सवालों के माध्यम से जानी और ऑन लाइन रिपोर्ट सरकार को भेजी।
शनिवार को सुबह सवा नौ बजे पहुंची एक्सपर्ट टीम शाम सवा चार बजे तक सिविल सर्जन कार्यालय रही और यहां टीकाकरण केंद्र का जायजा लिया। टीम का नेतृत्व डॉ. रेणु सहरावत कर रहीं थीं। जानकारी मिली है कि टीकाकरण सेंटर को 95 प्रतिशत जांच में कामयाबी मिली है। इसके अलावा छोटी-छोटी खामियों को सही करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि रोहतक में जिले के अतिरिक्त सोनीपत, झज्जर, दादरी, भिवानी की वैक्सीन रहती है और यहीं से वैक्सीन को अन्य जिलों व सीएचसी तथा पीएचसी में भेजा जाता है। यहां पर स्टेट ड्रग सेंटर कुरुक्षेत्र से वैक्सीन पहुंचती है। इसलिए रोहतक के वैक्सीनेशन सेंटर में रखी जाने वाली वैक्सीन व उनकी सुविधाओं की जांच होती रहती है।
बाक्स
वैक्सीनेशन विभाग की क्षमता
विवरण तापमान क्षमता
वॉकिन कूलर दो से आठ डिग्री 57601 लीटर
वॉकिन फ्रिजर माइनस 15 से 25 54060 लीटर
तीन आईएलआर -- 13975 लीटर
डी-फ्रिजर 0 से 8 डिग्री --
बाक्स
विभाग के पास अकेले जिले का टीकाकरण लक्ष्य
जनसंख्या - 1150000
शून्य से एक आयु -19650
शून्य से पांच - 98000
गर्भवती - 21500
वर्जन-
टीम आई थी और जांच कर चली गई है। अनुमान है कि हमें 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं। टीम सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। टीम जांचने आई थी कि लोगों को बीमारियों से सुरक्षित रखने वाली वैक्सीन कितनी सुरक्षित है। हमारे यहां इन्हें सुरक्षित रखने की क्या व्यवस्था है। क्योंकि इन वैक्सीनों की कीमत बहुत महंगी होती है। इसके लिए तापमान व सफाई अहम होती है। हम सभी मानकों पर खरे उतरे हैं।
- डॉ. अनिलजीत, डिप्टी सिविल सर्जन, टीकाकरण
शनिवार को सुबह सवा नौ बजे पहुंची एक्सपर्ट टीम शाम सवा चार बजे तक सिविल सर्जन कार्यालय रही और यहां टीकाकरण केंद्र का जायजा लिया। टीम का नेतृत्व डॉ. रेणु सहरावत कर रहीं थीं। जानकारी मिली है कि टीकाकरण सेंटर को 95 प्रतिशत जांच में कामयाबी मिली है। इसके अलावा छोटी-छोटी खामियों को सही करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि रोहतक में जिले के अतिरिक्त सोनीपत, झज्जर, दादरी, भिवानी की वैक्सीन रहती है और यहीं से वैक्सीन को अन्य जिलों व सीएचसी तथा पीएचसी में भेजा जाता है। यहां पर स्टेट ड्रग सेंटर कुरुक्षेत्र से वैक्सीन पहुंचती है। इसलिए रोहतक के वैक्सीनेशन सेंटर में रखी जाने वाली वैक्सीन व उनकी सुविधाओं की जांच होती रहती है।
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वैक्सीनेशन विभाग की क्षमता
विवरण तापमान क्षमता
वॉकिन कूलर दो से आठ डिग्री 57601 लीटर
वॉकिन फ्रिजर माइनस 15 से 25 54060 लीटर
तीन आईएलआर -- 13975 लीटर
डी-फ्रिजर 0 से 8 डिग्री --
बाक्स
विभाग के पास अकेले जिले का टीकाकरण लक्ष्य
जनसंख्या - 1150000
शून्य से एक आयु -19650
शून्य से पांच - 98000
गर्भवती - 21500
वर्जन-
टीम आई थी और जांच कर चली गई है। अनुमान है कि हमें 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त हुए हैं। टीम सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। टीम जांचने आई थी कि लोगों को बीमारियों से सुरक्षित रखने वाली वैक्सीन कितनी सुरक्षित है। हमारे यहां इन्हें सुरक्षित रखने की क्या व्यवस्था है। क्योंकि इन वैक्सीनों की कीमत बहुत महंगी होती है। इसके लिए तापमान व सफाई अहम होती है। हम सभी मानकों पर खरे उतरे हैं।
- डॉ. अनिलजीत, डिप्टी सिविल सर्जन, टीकाकरण