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Rohtak News: प्रोफेसर की नौकरी छोड़ बेटियों को सिखा रहीं आत्मरक्षा के गुर
संवाद न्यूज एजेंसी, रोहतक
Updated Thu, 13 Nov 2025 02:21 AM IST
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05...प्रवेश आर्या।
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संवाद न्यूज एजेंसी
रोहतक। प्रोफेसर बन ज्ञान बांटने वाली प्रवेश आर्य दूसरों के लिए प्रेरणास्रोत बन गई हैं। वह छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर निशुल्क सिखाने के साथ ही उन्हें सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए भी जागरूक कर रही हैं।
रिठाल गांव की प्रवेश बताती हैं कि उनके प्रयास से 18 साल से स्वामी इंद्रवेश विद्यापीठ आश्रम टिटौली में प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जा रहे हैं। प्रवेश आर्या 26 वर्षों से बेटियों के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रही हैं।
प्रवेश 2007 से प्रशिक्षण शिविर लगाती आ रही हैं और 2008 से चतुर्वेद पारायण महायज्ञ भी कराए जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में 12 जन चेतना यात्राएं भी निकाली हैं। इनके माध्यम से वे बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदलने का प्रयास कर रही हैं।
कन्या भ्रूण हत्या की खबर बदल डाला जीवन का ध्येय
प्रवेश आर्या बताती हैं कि उन्होंने समाज की बेटियों के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया है। प्रवेश आर्या इससे पहले महारानी किशोरी कन्या महाविद्यालय में प्रोफेसर पद पर तैनात थीं लेकिन मीडिया में कन्या भ्रूण हत्या की एक खबर ने उनको झकझोर कर रख दिया। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपना जीवन बेटियों के उत्थान में लगाने की ठान ली। तभी से वे मजबूत संकल्प के साथ इस कार्य में जुटी हुई हैं।
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रिठाल गांव की प्रवेश बताती हैं कि उनके प्रयास से 18 साल से स्वामी इंद्रवेश विद्यापीठ आश्रम टिटौली में प्रशिक्षण शिविर भी लगाए जा रहे हैं। प्रवेश आर्या 26 वर्षों से बेटियों के स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रही हैं।
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प्रवेश 2007 से प्रशिक्षण शिविर लगाती आ रही हैं और 2008 से चतुर्वेद पारायण महायज्ञ भी कराए जा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश में 12 जन चेतना यात्राएं भी निकाली हैं। इनके माध्यम से वे बेटियों के प्रति समाज की सोच को बदलने का प्रयास कर रही हैं।
कन्या भ्रूण हत्या की खबर बदल डाला जीवन का ध्येय
प्रवेश आर्या बताती हैं कि उन्होंने समाज की बेटियों के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया है। प्रवेश आर्या इससे पहले महारानी किशोरी कन्या महाविद्यालय में प्रोफेसर पद पर तैनात थीं लेकिन मीडिया में कन्या भ्रूण हत्या की एक खबर ने उनको झकझोर कर रख दिया। इसके बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर अपना जीवन बेटियों के उत्थान में लगाने की ठान ली। तभी से वे मजबूत संकल्प के साथ इस कार्य में जुटी हुई हैं।