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Rohtak News: पीजीआईएमएस के एचकेआरएन कर्मी तीन माह से वेतन के इंतजार में
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संवाद न्यूज एजेंसी
रोहतक। प्रदेश के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस) रोहतक में हरियाणा कौशल रोजगार निगम (एचकेआरएन) के तहत कार्यरत लगभग 75 कर्मचारी करीब तीन माह से वेतन न मिलने से आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
जिन कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन मिल रहा था, उन्हें भी इस महीने का वेतन नहीं मिला है। दिसंबर के भी 15 दिन बीत चुके हैं। इनमें सिक्योरिटी गार्ड, फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बार-बार केवल समाधान का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। कई परिवारों का गुजारा इसी वेतन पर निर्भर है। अब घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है। कई कर्मचारियों की ईएमआई तक भी रुक गई है।
संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि एचकेआरएन कर्मचारियों के वेतन के लिए हर महीने होने वाली टेंडर प्रक्रिया में परेशानी आने के कारण समस्या उत्पन्न हुई है। वेतन पंचकूला स्थित एचकेआरएन मुख्यालय से ही रोका गया था।
संस्थान ने अपनी तरफ से सभी आवश्यक औपचारिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं और संबंधित डेटा पंचकूला मुख्यालय को भेज दिया गया है। संस्थान ने अपनी जिम्मेदारियां निभा दी हैं लेकिन मुख्यालय स्तर पर प्रक्रिया लंबित होने से कर्मचारियों को भुगतान में देरी हो रही है। इसको लेकर पीजीआई के जनसंपर्क अधिकारी को कई बार संपर्क किया गया लेकिन फोन नहीं उठाया। उनको मैसेज भी किया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।
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जिन कर्मचारियों को नियमित रूप से वेतन मिल रहा था, उन्हें भी इस महीने का वेतन नहीं मिला है। दिसंबर के भी 15 दिन बीत चुके हैं। इनमें सिक्योरिटी गार्ड, फार्मासिस्ट व अन्य कर्मचारी शामिल हैं।
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कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें बार-बार केवल समाधान का आश्वासन दिया जा रहा है लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है। कई परिवारों का गुजारा इसी वेतन पर निर्भर है। अब घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है। कई कर्मचारियों की ईएमआई तक भी रुक गई है।
संस्थान के एक अधिकारी ने बताया कि एचकेआरएन कर्मचारियों के वेतन के लिए हर महीने होने वाली टेंडर प्रक्रिया में परेशानी आने के कारण समस्या उत्पन्न हुई है। वेतन पंचकूला स्थित एचकेआरएन मुख्यालय से ही रोका गया था।
संस्थान ने अपनी तरफ से सभी आवश्यक औपचारिक प्रक्रियाएं पूरी कर ली हैं और संबंधित डेटा पंचकूला मुख्यालय को भेज दिया गया है। संस्थान ने अपनी जिम्मेदारियां निभा दी हैं लेकिन मुख्यालय स्तर पर प्रक्रिया लंबित होने से कर्मचारियों को भुगतान में देरी हो रही है। इसको लेकर पीजीआई के जनसंपर्क अधिकारी को कई बार संपर्क किया गया लेकिन फोन नहीं उठाया। उनको मैसेज भी किया लेकिन कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।