{"_id":"6908ed9df67fa106ca016503","slug":"beware-of-deepfake-videos-and-face-forging-apps-superintendent-of-police-sirsa-news-c-128-1-sir1002-147034-2025-11-03","type":"story","status":"publish","title_hn":"डीपफेक वीडियो और फेस मॉर्फिंग एप से रहें सावधान : एसपी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
    डीपफेक वीडियो और फेस मॉर्फिंग एप से रहें सावधान : एसपी
 
            	    संवाद न्यूज एजेंसी, सिरसा             
                        
       Updated Mon, 03 Nov 2025 11:29 PM IST
        
       
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                डबवाली।
                                
                
                
                 
                    
                                                                                                        
                                                
                        
                        
                        
                                                                                      
                   
                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
पुलिस अधीक्षक डबवाली निकिता खट्टर ने नागरिकों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि डीपफेक और फेस मॉर्फिंग तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज या हावभाव को बदलकर ऐसा फर्जी वीडियो या फोटो तैयार करती हैं, जो देखने में पूरी तरह असली लगते हैं। इनका उपयोग प्रायः लोगों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने, अफवाह फैलाने या वित्तीय लाभ के लिए ब्लैकमेलिंग में किया जाता है ।
उन्होंने बताया कि कई बार ऐसे वीडियो राजनीतिक, सामाजिक या व्यक्तिगत स्तर पर गलत सूचनाएं फैलाने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं, जिससे समाज में भ्रम और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है । किसी भी वीडियो या फोटो पर विश्वास करने से पहले उसकी स्रोत और प्रमाणिकता की जांच करें । बिना पुष्टि किए किसी भी भ्रामक या संदिग्ध सामग्री को सोशल मीडिया पर शेयर या फॉरवर्ड न करें । यदि किसी संदिग्ध, मॉपर्ड या फेक वीडियो की जानकारी मिले, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं । अपनी सोशल मीडिया गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत रखें । अनजान लिंक, वेबसाइट या ऐप्स को डाउनलोड करने से बचें ये आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने का माध्यम बन सकते हैं । बच्चों और किशोरों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जागरूक और जिम्मेदार व्यवहार के लिए प्रेरित करें ।    
             
                                                    
                                 
                                
                               
                                                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                
                                                 
                
पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराधी अब तकनीक का ऐसा उपयोग कर रहे हैं जिससे झूठ को भी सच की तरह पेश किया जा सकता है । ऐसे में जनता को सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है । किसी भी संदिग्ध या भ्रामक वीडियो को शेयर करने से पहले सोचें आप अनजाने में किसी अपराध का हिस्सा तो नहीं बन रहे ।
                                
                
                
                                
                
                                                                                        
                                 
                                
                               
                                                                
                                
                                
                
                                                                
                               
                                                        
        
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                                                                पुलिस अधीक्षक डबवाली निकिता खट्टर ने नागरिकों को साइबर क्राइम के प्रति जागरूक करते हुए कहा कि डीपफेक और फेस मॉर्फिंग तकनीक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) व मशीन लर्निंग का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति के चेहरे, आवाज या हावभाव को बदलकर ऐसा फर्जी वीडियो या फोटो तैयार करती हैं, जो देखने में पूरी तरह असली लगते हैं। इनका उपयोग प्रायः लोगों की प्रतिष्ठा को धूमिल करने, अफवाह फैलाने या वित्तीय लाभ के लिए ब्लैकमेलिंग में किया जाता है ।
उन्होंने बताया कि कई बार ऐसे वीडियो राजनीतिक, सामाजिक या व्यक्तिगत स्तर पर गलत सूचनाएं फैलाने के लिए भी उपयोग किए जाते हैं, जिससे समाज में भ्रम और तनाव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है । किसी भी वीडियो या फोटो पर विश्वास करने से पहले उसकी स्रोत और प्रमाणिकता की जांच करें । बिना पुष्टि किए किसी भी भ्रामक या संदिग्ध सामग्री को सोशल मीडिया पर शेयर या फॉरवर्ड न करें । यदि किसी संदिग्ध, मॉपर्ड या फेक वीडियो की जानकारी मिले, तो तुरंत राष्ट्रीय साइबर अपराध हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें या www.cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज कराएं । अपनी सोशल मीडिया गोपनीयता सेटिंग्स को मजबूत रखें । अनजान लिंक, वेबसाइट या ऐप्स को डाउनलोड करने से बचें ये आपकी व्यक्तिगत जानकारी चुराने का माध्यम बन सकते हैं । बच्चों और किशोरों को भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जागरूक और जिम्मेदार व्यवहार के लिए प्रेरित करें ।
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            पुलिस अधीक्षक ने कहा कि साइबर अपराधी अब तकनीक का ऐसा उपयोग कर रहे हैं जिससे झूठ को भी सच की तरह पेश किया जा सकता है । ऐसे में जनता को सतर्क रहना अत्यंत आवश्यक है । किसी भी संदिग्ध या भ्रामक वीडियो को शेयर करने से पहले सोचें आप अनजाने में किसी अपराध का हिस्सा तो नहीं बन रहे ।